Bhadwa chauth 2024 - भाद्रपद सकष्टी चतुर्थी आज, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि महत्व और चंद्रोदय समय

Published By: Bhakti Home
Published on: Thursday, Aug 22, 2024
Last Updated: Thursday, Aug 22, 2024
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Bhadwa chauth 2024: भाद्रपद सकष्टी चतुर्थी आज, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि महत्व और चंद्रोदय समय

सनातन धर्म में भाद्रपद कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का विशेष महत्व माना जाता है। जिसे भादो चौथ, भादवा चौथ, भाद्रपद चौथ, बहुला चौथ, हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी आदि नामों से जाना जाता है। इस वर्ष भादवा चौथ व्रत 22 अगस्त को मनाया जाएगा। यहां आप जानेंगे भादवा चौथ की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त.

Bhadwa chauth 

भादो माह की संकष्टी चतुर्थी को बहुला चौथ (Bahula Chauth 2024), भादवा चौथ और भादो चौथ के नाम से जाना जाता है. 

इस दिन लोग व्रत रखते हैं और भगवान गणेश की पूजा करते हैं. यह व्रत चंद्रोदय के बाद ही पूरा होता है. 

बहुला चतुर्थी पर मुख्य रूप से गायों की पूजा की जाती है. हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है. कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति भादो चौथ पर गाय की पूजा करता है, उसका भाग्य चमक जाता है. 

आइए जानते हैं भादवा चौथ की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व.

 

Bhadwa chauth / भाद्रपद संकष्टी चतुर्थी 2024 तिथि और समय
 

बहुला चौथ 22 अगस्त 2024, गुरुवार को मनाई जाएगी। 

इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06:40 बजे से 07:06 बजे तक रहेगा। 

चतुर्थी तिथि 22 अगस्त को दोपहर 1:46 बजे शुरू होगी और 23 अगस्त को सुबह 10:38 बजे समाप्त होगी।

 

भादो संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि (Bhadrapada Sankashti Chaturthi Puja Vidhi In Hindi) 

  • इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। फिर गाय और बछड़ों को नहलाएं। 
  • अगर आपने व्रत रखा है तो गेहूं से बनी किसी भी तरह की खाद्य सामग्री का सेवन न करें। 
  • व्रत रखने वाले व्यक्ति को इस दिन चाकू का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए।
  • इस दिन गाय की पूजा के बाद घर में ही श्री कृष्ण और विष्णु जी की पूजा करनी चाहिए। 
  • शाम को गोधूलि बेला में गाय और बछड़ों की पूजा करनी चाहिए। 
  • अगर आपके घर के आस-पास गाय नहीं है तो गाय और बछड़े की तस्वीर की पूजा करें।

Bhadwa chauth - भादो संकष्टी चतुर्थी का महत्व (भाद्रपद संकष्टी चतुर्थी महत्व ) 

  • ऐसा कहा जाता है कि इस दिन गाय की पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
  • इस दिन व्रत रखने वाले लोग दूध और दूध से बनी चीजों का सेवन नहीं करते हैं। 
  • इस दिन गाय की पूजा के साथ-साथ भगवान कृष्ण की भी पूजा की जाती है।
  • इस दिन किसान खासकर किसान सुबह गाय और बछड़ों को नहलाते हैं और गौशाला की सफाई भी करते हैं।

 

 

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