hal chhath kab hai, हल छठ कब है, हल छठ कब है 2024, हर छठ 2024 कब है - ये सारे प्रश्न अगर आपके दिमाग में आ रहे हैं तो कन्फ्यूज मत होइए।आज है हल छठ
हल छठ कब है | hal chhath kab hai | हर छठ 2024 कब है
सनातन धर्म में भाद्रपद कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन महिलाएं हल छठ का व्रत रखती हैं। जिसे ललही छठ, हलषष्ठी व्रत, रंधन छठ के नाम से जाना जाता है. इस दिन बलराम जयंती (Balaram jayanti 2024 ) भी मनाई जाती है.
हल छठ 2024 पूजा मुहूर्त - hal chhath 2024 Puja Muhurt
इस साल हल छठ व्रत 24 अगस्त को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार हल षष्ठी व्रत 24 अगस्त को सुबह 7:51 बजे शुरू होगा और 25 अगस्त को सुबह 5:30 बजे समाप्त होगा।
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हल छठ 2024 पूजा सामग्री - hal chhath 2024 Puja Samagri
- भैंस का दूध, घी, दही और गोबर
- महुआ फल, फूल और पत्ते
- ज्वार की थैली
- ऐपन
- मिट्टी के छोटे कुल्हड़
- देवली छेवली।
- तालाब में उगा हुआ चावल
- भुना हुआ चना
- घी में भुना हुआ महुआ
- लाल चंदन
- मिट्टी का दीया
- सात तरह के अनाज
- धान का लाजा
- हल्दी
- नए कपड़े
- जनेऊ और कुश
हल छठ 2024 व्रत विधि - hal chhath 2024 vrat vidhi
- हल छठ व्रत में सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें।
- आमतौर पर यह व्रत केवल पुत्र वाली महिलाएं ही रखती हैं।
- इस दिन माताएं अपने पुत्रों की सुरक्षा और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं।
- इस व्रत में बलराम जी के साथ हल की भी पूजा की जाती है।
- ऐसा कहा जाता है कि इस दिन हल से बोए गए अनाज और सब्जियां नहीं खानी चाहिए।
- इस दिन भैंस का दूध पिया जाता है।
- यह व्रत निराहार रहना होता है।
- व्रत की रस्मों के बाद महिलाएं भैंस के दूध से बनी दही और महुआ को पलाश के पत्ते पर रखकर खाती हैं।
इस तरह व्रत का समापन होता है। कहते हैं कि इस व्रत को करने से धन, समृद्धि आदि की प्राप्ति होती है।
हल छठ 2024 पूजा विधि - hal chhath 2024 Puja vidhi
- हल छठ के दिन सुबह जल्दी उठकर महुआ की दातुन से दांत साफ करें।
- इसके बाद स्नान करके व्रत का संकल्प लें।
- इसके बाद पूजा कक्ष में भैंस के गोबर से दीवार पर छठ माता का चित्र बनाएं।
- साथ ही हल, सप्त ऋषि, पशु, किसान का चित्र बनाएं।
- अब घर में तैयार ऐपण से इन सभी की पूजा की जाती है।
- इसके बाद चौकी पर कलश स्थापित करें। इसके बाद भगवान गणेश और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित करें और विधि-विधान से उनकी पूजा करें।
- इसके बाद मिट्टी के कुल्हड़ में ज्वार का धनिया और महुआ भरें।
- इसके बाद एक बर्तन में देवली चेवली रखें। फिर हल छठ माता की पूजा करें।
- इसके बाद कुल्हड़ और मटकी की विधि-विधान से पूजा करें।
- फिर सात प्रकार के अनाज जैसे गेहूं, मक्का, जौ, अरहर, मूंग और धान चढ़ाएं।
- इसके बाद भुने हुए चने को धूल के साथ चढ़ाएं।
- फिर हल्दी से रंगे आभूषण और वस्त्र चढ़ाएं।
- फिर भैंस के दूध से बने मक्खन से हवन करें।
- अंत में छठ कथा पढ़ें और मां पार्वती की आरती करें।
- पूजा स्थल पर बैठकर महुआ के पत्ते पर महुआ का फल और भैंस के दूध से बनी दही खाएं।
- ध्यान रखें कि इस दिन बिना हल के जोते गए खाद्य पदार्थ खाए जाते हैं।