नवरात्रि पूजा कैसे करें | Navratri puja kaise karen

Published By: Bhakti Home
Published on: Monday, Sep 30, 2024
Last Updated: Monday, Oct 7, 2024
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Navratri puja kaise karen - Kalash sthapana kaise kare
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यहाँ हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि नवरात्रि पूजा कैसे करें (navratri ki puja kaise karen, navratri me puja kaise kare) बिलकुल ही आसान विधि से । हम जानेंगे की नवरात्रि पूजा कलश स्थापना कैसे की जाती है, क्या सामग्री लानी चाहिए, नवरात्रि पूजा के लिए दुर्गा माँ के श्रृंगार में क्या सामान होता है, कलश स्थापना के क्या नियम है और बहुत कुछ।  तो आइये माँ दुर्गा का नाम लेकर जानते हैं इन सब चीजों के बारे में ।

शक्ति के लिए देवी की पूजा में आसानी का कारण यह है कि मां की करुणा, दया और स्नेह की भावना किसी भी भक्त को आसानी से महसूस होती है। वह अपने बच्चे (भक्त) को कभी भी किसी भी तरह से अक्षम या दुखी नहीं देख सकती। 

नवरात्रि पूजा कैसे करें | Navratri puja kaise karen | Navratri me puja kaise kare

नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना से देवी की पूजा शुरू होती है। मान्यता है कि अगर इन दिनों में देवी की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाए तो मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती हैं और बिना सामग्री के पूजा अधूरी मानी जाती है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आप सही पूजा सामग्री का इस्तेमाल करें। तो आइए जानते हैं नवरात्रि के पहले दिन की पूजा विधि और पूजा सामग्री की लिस्ट।

 

नवरात्रि पूजा घटस्थापना सामग्री | कलश स्थापना सामग्री 

नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है। आइए जानते हैं कलश स्थापना के लिए क्या सामग्री चाहिए होगी।

  1. कलश, कलश पर बांधने के लिए मौली
  2. आम के पत्ते का पल्लव (जिसमें 5 या 7 पत्ते हों)
  3. कलश में डालने के लिए रोली, गंगाजल, सिक्का, गेहूं या अक्षत
  4. कलश के अलावा इन दिनों जौ भी बोना चाहिए। जिसके लिए मिट्टी का एक बड़ा बर्तन
  5. मिट्टी, जौ, कलावा

नवरात्रि पूजा के लिए हवन सामग्री

  • नवरात्रि के पूरे 9 दिनों तक हवन किया जाता है। इसके अलावा पहले दिन माता का आला स्थापित करें। 
  • इसके लिए चौकी और लाल कपड़ा होना चाहिए।
  • नवरात्रि पूजा हवन करने के लिए 
    1. आम की लकड़ी, हवन कुंड,
    2. काले तिल, कुमकुम, अखंडित चावल, धूप, 
    3. प्रसाद के लिए पंचमेवा, लोबान, घी, लौंग, गुग्गल, 
    4. सुपारी, कपूर और गुग्गल
    5. हवन के अंत में चढ़ाने के लिए भोग की आवश्यकता होती है।

नवरात्रि पूजा के लिए मां का श्रृंगार का सामान 

मां का श्रृंगार करना बहुत जरूरी है। नवरात्रि के दौरान माता रानी को श्रृंगार का सामान जरूर चढ़ाएं। श्रृंगार के लिए 

  1. लाल रंग की चुनरी, सिंदूर, इत्र, बिंदी, 
  2. लाल चूड़ियां, मेहंदी, काजल, लिपस्टिक, 
  3. कंघी, नेल पेंट और अन्य श्रृंगार की चीजों का इस्तेमाल करें।

अखंड ज्योति का सामान 

पीतल या मिट्टी का दीपक, घी, रूई बत्ती, रोली या सिंदूर, अक्षत

कलश स्थापना कैसे करें | kalash sthapana kaise kare

नवरात्रि में कलश स्थापना का विशेष महत्व है। कलश को देवी मां का प्रतीक माना जाता है और इसमें संपूर्ण ब्रह्मांड का वास माना जाता है। कलश स्थापना के जरिए देवी मां को घर में आमंत्रित किया जाता है। मान्यता है कि कलश में देवी मां का वास होता है और पूरे नवरात्रि में इसी कलश के जरिए देवी मां की पूजा की जाती है।

नवरात्रि पूजा कलश स्थापना विधि इस प्रकार है।

  1. कलश स्थापना के लिए स्वच्छ और पवित्र स्थान चुनें और यह स्थान पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए। 
  2. कलश स्थापित करने से पहले उस पर एक स्वास्तिक आवश्यक रूप से बना ले
  3. कलश स्थापना के समय घड़े में अक्षत (चावल), गेहूं, जौ, मूंग, चना, सिक्के, कुछ पत्ते, गंगाजल, नारियल, कुमकुम, रोली डालकर उसके ऊपर नारियल रखें। 
  4. घड़े के मुंह पर मौली बांधें और कुमकुम से तिलक करें और घड़े को चौकी पर रखें। 
  5. रोली और चावल से अष्टदल कमल बनाकर कलश को सजाएं। 
  6. देवी मां के मंत्रों का जाप करें और कलश में जल चढ़ाएं और धूपबत्ती जलाएं।

 

नवरात्रि की पूजा विधि हिंदी में | सरल विधि 

  1. नवरात्रि के हर दिन सुबह जल्दी उठकर सभी काम निपटाकर स्नान करें।
  2. स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें।
  3. नवरात्रि के पहले दिन व्रत का संकल्प लें और घटस्थापना भी करें।
  4. इसके बाद माता के लिए आसन तैयार करें और उस पर माता रानी की मूर्ति या तस्वीर रखें।
  5. माता को श्रृंगार का सामान अर्पित करें।
  6. तिलक लगाएं और फूल चढ़ाएं।
  7. माता के सामने देसी घी का दीपक जलाएं।
  8. इसके बाद माता रानी के मंत्रों का जाप करें।

    सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके । 

    शरण्ये त्रंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते ।।

    ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। 

    दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते ।।

  9. संभव हो तो उस दिन पूजी जाने वाली देवी के मंत्रों का जाप करें।
  10. माता रानी को उनका पसंदीदा भोग लगाएं।
  11. नवरात्रि की व्रत कथा सुनें।
  12. अंत में माता रानी की आरती करें और भोग सभी में बांटें।

 

कलश स्थापना के नियम | Kalash Sthapana Ke Niyam

  1. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करते समय पवित्र रहें। 
  2. कलश स्थापना के दौरान मन में किसी भी तरह की नकारात्मक भावना नहीं होनी चाहिए। 
  3. पूरे नवरात्रि के दौरान विधि-विधान से कलश की पूजा करें। 
  4. शारदीय नवरात्रि के दिन नवमी तिथि को पूजा संपन्न कर कलश का विसर्जन करें।

 

कलश स्थापना का महत्व 

  1. कलश में देवी दुर्गा का वास माना जाता है। कलश स्थापना करने से लोगों का मन शांत होता है और आत्मविश्वास बढ़ता है। 
  2. कलश स्थापना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और परिवार के सदस्यों पर दुर्गा माता की कृपा हमेशा बनी रहती है। 
  3. इसके अलावा कलश स्थापना से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। 

 

FAQs

दुर्गा पूजा में क्या करना चाहिए | Durga puja me kya karna chahiye

अगर आप माता रानी की विशेष कृपा पाना चाहते हैं तो पूजा के दौरान दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर करें। साथ ही माता की स्तुति भी करें।

 

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