ऋषि पंचमी व्रत उद्यापन विधि (Rishi panchami vrat udyapan vidhi), ऋषि पंचमी उद्यापन विधि (Rishi panchami udyapan vidhi) - ऋषि पंचमी के दिन व्रत रखने के बाद उद्यापन किया जाता है। उद्यापन अनुष्ठान किए बिना कोई भी व्रत पूरा नहीं होता, इसलिए ऋषि पंचमी का व्रत रखने वालों को उद्यापन अवश्य करना चाहिए।
हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी व्रत मनाया जाता है। इसे ऋषि पंचमी के नाम से जाना जाता है। यह त्यौहार गणेश चतुर्थी के अगले दिन मनाया जाता है।
आइए जानते हैं ऋषि पंचमी व्रत उद्यापन विधि (Rishi panchami vrat udyapan vidhi).
ऋषि पंचमी व्रत उद्यापन विधि (Rishi panchami vrat udyapan vidhi) - ऋषि पंचमी उद्यापन विधि (Rishi panchami udyapan vidhi) - Step by Step
ऋषि पंचमी व्रत उद्यापन शुरू करने से पहले, आवश्यक तैयारियाँ करना महत्वपूर्ण है। ध्यान रखने योग्य कुछ मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
ऋषि पंचमी व्रत उद्यापन विधि की तैयारी (Rishi panchami vrat udyapan vidhi preparation)
- पूजा स्थल को साफ करें और अनुष्ठान के लिए इसे तैयार करें।
- पूजा के लिए सभी आवश्यक सामग्री की व्यवस्था करें।
- स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- अर्पण के लिए आवश्यक वस्तुएँ जैसे जल, फल और मिठाई तैयार रखें।
- ऋषि पंचमी व्रत उद्यापन को सुचारू और सफल बनाने के लिए पहले से अच्छी तैयारी करना आवश्यक है।
- पूजा के एक दिन पहले 7 ब्राह्मणो या 7 पंडितों को पहले से बता के रखें की उनको पूजा में आना है
ऋषि पंचमी व्रत उद्यापन विधि सामग्री (Rishi panchami vrat udyapan vidhi Samagri)
- श्रीफल यानी नारियल, हल्दी की गांठ।
- पान, रोली, मौली, 7 पूजा सुपारी।
- आम के पत्ते, मट्टी का कलश।
- अक्षत (चावल), गंगाजल, पंचामृत।
- गाय घी, रूई की बत्ती, लौंग, इलायची।
- चौक आटा, कपूर, सफेद चंदन।
- केले के पत्ते, फल
- मखाने , छुआरा, बादाम, काजू ,किशमिश , मूंगफली
- मिट्टी का दीपक, 7 तरह का नैवेद्य, गुड़
- पीला गमछा और धोती - सप्त ऋषियों को देने के लिए
ऋषि पंचमी व्रत उद्यापन विधि (Rishi panchami vrat udyapan vidhi) | ऋषि पंचमी उद्यापन विधि (Rishi panchami udyapan vidhi)
जैसा कि बताया गया है कि ऋषि पंचमी के व्रत के बाद उद्यापन किया जाता है। उद्यापन अनुष्ठान किए बिना कोई भी व्रत पूरा नहीं होता है, इसलिए ऋषि पंचमी व्रत रखने वालों को उद्यापन अवश्य करना चाहिए।
सबसे पहले आपको सभी अनुष्ठानों का पालन करना होगा और ऋषि पंचमी व्रत रखना होगा।
Part A - ऋषि पंचमी का व्रत रखें और नीचे दिए गए अनुष्ठानों का पालन करें
- प्रातःकाल जल्दी उठें घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- इस दिन निर्जल या फलाहार व्रत रखा जाता है।
- उसके बाद घर में पूजा स्थल पर धरती को शुद्ध करें, चौक आटा, हल्दी से चौकोर घेरा (चौक पूरे) बनाएं।
- फिर उस पर सप्त ऋषियों को स्थापित करें।
- इसके बाद पुष्प, धूप, दीप, फल, मिठाई, जल आदि से सप्त ऋषियों की पूजा करें। इस मंत्र का जाप करें
कश्यपोत्रिर्भरद्वाजो विश्वामित्रोथ गौतमः।
जमदग्निर्वसिष्ठश्च सप्तैते ऋषयः स्मृताः॥
दहन्तु पापं सर्व गृह्नन्त्वर्ध्यं नमो नमः॥
- अब ऋषि पंचमी व्रत कथा सुनने के बाद आरती करें।
- इसके बाद कलश स्थापित करें और विधि-विधान से पूजा करें।
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Part B - ऋषि पंचमी उद्यापन विधि के लिए नीचे दिए गए अनुष्ठानों का पालन करें
आइए अब देखते हैं कि ऋषि पंचमी के उद्यापन विधि (Rishi panchami udyapan vidhi) में क्या क्या करते हैं?
- सबसे पहले 7 ब्राह्मणों को घेरा बनाकर बैठाएं।
- सप्त ऋषियों का ध्यान करें।
- ऊपर दिया गया हुआ सप्त ऋषियों का मंत्र पढ़ें और समझें कि 7 पंडित या ब्राह्मण सप्त ऋषि हैं।
- सप्त ऋषियों को भोजन, प्रसाद, खीर, पूरी, फल आदि खिलायें।
- अब पीला गमछा और धोती सप्त ऋषियों का ध्यान करते हुए पंडितो / ब्राह्मणो को दें।
- यथाशक्ति (इच्छानुसार) उनको दक्षिणा (रुपये) दें। किसी भी गलती के लिए क्षमा मांगे।
ब्राह्मण को भोजन दान दक्षिणा देने के बाद सप्त ऋषियों की प्रतिमाओं का विसर्जन करना चाहिए।
पूजा समाप्त होने के बाद गाय को भी भोजन कराएं।
ऋषि पंचमी उद्यापन सम्पन्न हुआ।