शरद पूर्णिमा पूजा विधि, शरद पूर्णिमा, जिसे कोजागर पूर्णिमा भी कहा जाता है, हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस दिन चंद्रमा की रोशनी विशेष होती है और इसे समृद्धि, खुशहाली और चंद्र देव की कृपा प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है।
शरद पूर्णिमा पूजा विधि | Sharad purnima puja vidhi
इस अवसर पर विशेष रूप से खीर बनाने और चंद्र देव की पूजा करने की परंपरा है। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा से अमृत की वर्षा होती है, जिससे खीर में विशेष शक्ति आती है। इस लेख में हम शरद पूर्णिमा की पूजा विधि, आवश्यक सामग्री, और मंत्रों का विस्तृत वर्णन करेंगे, ताकि आप इस पवित्र दिन को सही तरीके से मना सकें और चंद्र देव की कृपा प्राप्त कर सकें।
शरद पूर्णिमा पूजा विधि | Sharad purnima puja vidhi Step by Step
शरद पूर्णिमा एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है, जो आश्विन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन चंद्रमा की रोशनी विशेष होती है और इसे "कोजागर पूर्णिमा" भी कहा जाता है। इस दिन विशेष रूप से खीर बनाने और चंद्र देव की पूजा करने की परंपरा है। यहाँ शरद पूर्णिमा पूजा की विधि के सभी चरण विस्तार से बताए गए हैं।
1. पूजा की तैयारी
- स्थान का चयन: एक स्वच्छ और शांत स्थान का चयन करें, जहाँ पूजा के लिए समर्पित जगह हो।
- सामग्री एकत्र करना: निम्नलिखित सामग्री एकत्र करें:
- कुशा (घास)
- चाँदनी (साफ चादर)
- खीर (चावल, दूध, और चीनी से बनी)
- फल (जैसे सेब, अनार, नारियल)
- दीपक (तेल या घी का)
- अगरबत्ती
- गंगाजल
- कुमकुम (सिंदूर)
- फूल (कमल या अन्य)
- मिट्टी का करवा (करवे के ऊपर ढक्कन)
- दही
- हल्दी
- पानी का लोटा
2. पूजा स्थल की सजावट
- कुशा बिछाना: पूजा स्थल पर कुशा बिछाएँ, यह शुभ माना जाता है।
- चाँदनी बिछाना: इसके ऊपर चाँदनी बिछाएँ ताकि पूजा स्थल की सुंदरता बढ़े।
3. दीप जलाना
- दीपक तैयार करना: दीपक को तेल या घी से भरें और उसमें एक बाती लगाएँ।
- दीप जलाना: दीपक को प्रज्वलित करें और इसकी रोशनी से पूजा स्थल को रोशन करें।
4. खीर बनाना
- खीर की तैयारी: खीर बनाकर उसे चाँद की रोशनी में रखने के लिए तैयार करें।
- खीर चाँदनी पर रखना: खीर को चाँदनी पर रखें, ताकि वह चंद्रमा की रोशनी में रह सके।
5. पूजा का आरंभ
- मंत्र का जाप: चंद्र देव की पूजा करते समय निम्नलिखित मंत्र का जाप करें:
- "ॐ चन्द्रमसे नमः"
- (इस मंत्र का अर्थ है: "हे चंद्र देव, मैं आपको प्रणाम करता हूँ।")
- "ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः"
- (इस मंत्र का अर्थ है: "हे महालक्ष्मी, मैं आपको प्रणाम करता हूँ।")
- "ॐ चन्द्रमसे नमः"
6. भोग अर्पित करना
- फलों का भोग: तैयार की गई खीर और फलों का भोग चंद्र देव को अर्पित करें।
- कुंकुम और फूल अर्पित करना: चंद्र देव के सामने कुंकुम और फूल अर्पित करें।
7. प्रार्थना करना
- प्रार्थना का समय: चंद्र देव से प्रार्थना करें कि वे आपके जीवन में समृद्धि, सुख और शांति लाएँ।
- विशेष प्रार्थना: "हे चंद्र देव, कृपया मुझ पर अपनी कृपा बरसाएँ और मेरे जीवन को धन्य करें।"
8. जल का अभिषेक
- मिट्टी के करवे में जल भरना: मिट्टी के करवे में गंगाजल डालें और चंद्र देव को अर्पित करें।
- पानी का लोटा: पूजा के बाद पानी का लोटा लेकर स्नान करें।
9. प्रसाद वितरण
- खीर और फल बांटना: पूजा के बाद खीर और फलों का प्रसाद बांटें और सभी परिवार के सदस्यों के साथ इसे ग्रहण करें।
10. पूजा का समापन
- अर्चना समाप्ति: पूजा के अंत में "ॐ शांति" का जाप करें और सभी देवी-देवताओं का धन्यवाद करें।
- पूजा समाप्त होने के बाद आरती करें और शाम को पुनः देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करें तथा चंद्रमा को जल अर्पित करें।
लक्ष्मी आकर्षण मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः
शरद पूर्णिमा की रात को चांद को देखते हुए मां लक्ष्मी के इस मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से जीवन में खुशहाली आती है। साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा आप पर बनी रहती है।
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये
शास्त्रों के अनुसार इस मंत्र का जाप करने से देवी लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान कुबेर भी प्रसन्न होते हैं और आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है।
ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा:
इस महामंत्र के जाप से धन-संपत्ति में वृद्धि के अवसर बनते हैं तथा परिवार के सदस्यों की उन्नति के अवसर भी बनते हैं।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
शरद पूर्णिमा की रात को चांदनी में इस मंत्र का 108 बार जाप करें। ऐसा करने से आपको धन और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी।
ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:
अगर आप कर्ज से परेशान हैं तो शरद पूर्णिमा की रात को इन मंत्रों का जाप जरूर करें। इस मंत्र के जाप से धन प्राप्ति और कर्ज से मुक्ति के रास्ते खुलते हैं।
निष्कर्ष
शरद पूर्णिमा की पूजा विधि न केवल चंद्र देव की कृपा प्राप्त करने का एक साधन है, बल्कि यह हमें मानसिक शांति और समृद्धि भी प्रदान करती है। इस दिन बनाई गई खीर का सेवन कर हम अपनी भक्ति और श्रद्धा को प्रकट करते हैं। इस पूजा के माध्यम से, हम न केवल आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करते हैं, बल्कि अपने जीवन में सुख और समृद्धि भी लाते हैं।