कुंडली में पितृ दोष | Kundali me pitra dosh in hindi

Published By: Bhakti Home
Published on: Sunday, Sep 15, 2024
Last Updated: Sunday, Sep 15, 2024
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kundali me pitra dosh
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कुंडली में पितृ दोष (kundali me pitra dosh):  कुंडली में पितृ दोष की पहचान कैसे करें और इसके लक्षण और उपाय क्या हैं। पितृ दोष निवारण के लिए क्या करें और कैसे जानें कि आपकी कुंडली में पितृ दोष है या नहीं।

 

कुंडली में पितृ दोष | Kundali me pitra dosh

ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष को सबसे खतरनाक माना जाता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष होता है तो उस व्यक्ति के जीवन में कई तरह की परेशानियां आने लगती हैं।

हर व्यक्ति की कुंडली में शुभ और अशुभ दोनों तरह के योग बनते हैं। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शुभ योग बनते हैं तो व्यक्ति को जीवन में सुख-सुविधाएं और धन की प्राप्ति होती है। वहीं अगर ग्रह-नक्षत्रों के संयोग से किसी व्यक्ति की कुंडली में अशुभ दोष बनता है तो ऐसे व्यक्ति को जीवन में काफी संघर्ष करना पड़ता है। इसके साथ ही उन्हें जीवन में सफलता भी बहुत कम मिलती है।

शास्त्रों में बताए गए दोषों में सबसे प्रभावी दोष कालसर्प दोष और पितृ दोष माने गए हैं।

 

कुंडली में पितृ दोष कब बनता है?

  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब किसी व्यक्ति की कुंडली के लग्न भाव और पंचम भाव में सूर्य, मंगल और शनि स्थित होते हैं तो पितृ दोष बनता है। 
  • इसके अलावा जब कुंडली के अष्टम भाव में गुरु और राहु एक साथ बैठते हैं तो भी पितृ दोष बनता है। 
  • जब कुंडली में राहु केंद्र या त्रिकोण में मौजूद होता है तो पितृ दोष बनता है। 
  • इसके अलावा जब सूर्य, चंद्रमा और लग्नेश का संबंध राहु से बनता है तो जातक की कुंडली में पितृ दोष बनता है। 
  • जब कोई व्यक्ति अपने बड़ों का अनादर करता है, या उनकी हत्या करता है तो ऐसा व्यक्ति पितृ दोष से ग्रसित होता है।

 

पितृ दोष क्या है

  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब हमारे पूर्वजों की आत्माएं तृप्त नहीं होती हैं और 84 लाख योनियों में भटकती रहती हैं, तो ये आत्माएं धरती पर रहने वाले अपने वंशजों को परेशान करती हैं। 
  • ज्योतिष शास्त्र में इस परेशानी को पितृ दोष कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार हमारे पूर्वजों की आत्माएं नश्वर संसार से अपने परिवार के सदस्यों पर नज़र रखती हैं। 
  • जो लोग अपने पूर्वजों का अनादर करते हैं, उनके बताए मार्ग पर नहीं चलते हैं या उन्हें परेशान करते हैं। 
  • जिससे दुखी दिवंगत आत्माएं उन्हें श्राप दे देती हैं, इस श्राप को पितृ दोष माना जाता है।

 

पितृ दोष के लक्षण

  • जब किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष बनता है तो ऐसे व्यक्ति को अपने जीवन में कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
  • ऐसे व्यक्ति के विवाह में देरी होती है। विवाह टूट सकता है। तलाक की स्थिति उत्पन्न होती है।
  • वैवाहिक जीवन में हमेशा तनाव बना रहता है। 
  • ऐसी महिलाओं को गर्भधारण करने में समस्या आती है। 
  • बच्चे की असमय मृत्यु हो सकती है। 
  • जीवन में कर्ज और नौकरी में परेशानियां आती हैं। 
  • इसके अलावा ऐसे लोगों के घर या परिवार में अचानक मृत्यु या दुर्घटना हो सकती है।
  • वे लंबे समय तक किसी बीमारी के कारण परेशान रह सकते हैं। 
  • परिवार में विकलांग या अनचाहा बच्चा पैदा हो सकता है।
  • ऐसा व्यक्ति बुरी आदतों का आदी भी हो सकता है।

 

पितृ दोष के संकेत

  • अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष है तो उसे अपने जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पितृ दोष के कारण विवाह में भी बाधा आती है. ऐसी स्थिति में विवाह में देरी होती है. समय पर विवाह नहीं होता.
  • पितृ दोष के कारण वंश की वृद्धि रुक ​​जाती है. ऐसी स्थिति में संतान प्राप्ति में बाधा आती है. साथ ही संतान के करियर से जुड़ी समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं.
  • अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष है तो उसे कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं. समय-समय पर उसका स्वास्थ्य खराब रहने लगता है, धीरे-धीरे वह मानसिक तनाव में रहने लगता है.
  • पितृ दोष के कारण धन की हानि और परिवार की तरक्की में बाधा आती है। कई प्रयासों के बाद भी व्यक्ति को सफलता नहीं मिल पाती है। पितरों की नाराजगी के कारण व्यक्ति दरिद्रता की ओर चला जाता है। साथ ही परिवार को आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ता है।
  • पितृ दोष के कारण पारिवारिक कलह उत्पन्न होने लगते हैं। घर में लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं। अगर घर में बिना वजह अक्सर लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं तो इसे पितरों की नाराजगी का संकेत माना जा सकता है।
  • पितृ दोष के कारण परिवार के सदस्यों में तनाव की स्थिति बनती है। साथ ही कोई न कोई सदस्य हमेशा बीमार रहता है। किसी बड़ी बीमारी से ग्रसित होने पर पितृ दोष व्यक्ति की नौकरी में बाधा डालता है। उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार नौकरी नहीं मिल पाती है।

 

पितृ दोष से मुक्ति के उपाय करें

  • पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए प्रतिदिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना चाहिए।
  • जल में काले तिल मिलाकर दक्षिण दिशा में अर्घ्य देने से भी पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
  • अमावस्या और पितृ पक्ष में श्राद्ध, पिंडदान आदि कर्म करने से भी पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही इस उपाय को करने से न केवल पितृ दोष से मुक्ति मिलती है, बल्कि पितर भी प्रसन्न होते हैं।
  • पितृ पक्ष में सोना दान करना भी पितृ दोष दूर करने के लिए सबसे लाभकारी माना जाता है।
  • कुंडली में पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए व्यक्ति को हर अमावस्या को अपने घर में श्रीमद्भागवत के गजेंद्र मोक्ष अध्याय का पाठ करना चाहिए।
  • हर चतुर्दशी, अमावस्या और पूर्णिमा से एक दिन पहले पीपल के पेड़ पर दूध चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से न सिर्फ पितृ दोष से मुक्ति मिलेगी बल्कि कालसर्प दोष से भी मुक्ति मिलेगी।
  • अगर कुंडली में पितृ दोष बन रहा है तो व्यक्ति को अपने घर की दक्षिण दीवार पर अपने मृतक रिश्तेदार की फोटो लगाकर उस पर माला चढ़ानी चाहिए और रोजाना उनकी पूजा कर उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए। इससे नाराज पितर खुश होते हैं।
  • पितृ दोष के उपाय के लिए हर शनिवार को काले कुत्ते को उड़द के आटे की रोटी खिलाने से शनि, राहु, केतु तीनों ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव कम होता है और साथ ही व्यक्ति को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
  • पितृ दोष को कम करने या मुक्ति पाने के लिए सर्व पितृ अमावस्या पर पितरों को खुश करने के लिए उनकी तस्वीर पर फूल चढ़ाने चाहिए।

 

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