लक्ष्मी-गणेश पूजा विधि (Lakshmi-Ganesh Puja Vidhi in Hindi) - दिवाली के पावन अवसर पर लक्ष्मी-गणेश पूजा का विशेष महत्व होता है। यह पूजा धन, सुख और समृद्धि का आशीर्वाद पाने के लिए की जाती है।
लक्ष्मी-गणेश पूजा विधि Lakshmi Ganesh puja vidhi in hindi
भारतीय परंपराओं में मान्यता है कि माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा करने से घर में सुख-शांति और संपत्ति का आगमन होता है। यह पूजा विधि सरलता से घर पर की जा सकती है और इसे चरणबद्ध तरीके से मंत्रों के साथ संपन्न किया जाता है। आइए जानते हैं लक्ष्मी-गणेश पूजा की संपूर्ण विधि और इसके शुभ मंत्रों के साथ पूजा का सही तरीका।
दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजा का विशेष महत्व है। इस पूजा से घर में सुख-समृद्धि, संपत्ति और शांति का वास होता है। यहाँ एक सरल एवं सम्पूर्ण पूजा विधि दी जा रही है जिसमें प्रत्येक चरण के लिए आवश्यक मंत्र और विधि दी गई है।
लक्ष्मी-गणेश पूजा की तैयारी
- साफ-सफाई: सबसे पहले घर और पूजा स्थल की अच्छे से सफाई करें। स्वच्छ वातावरण में पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- सजावट: पूजा स्थान को रंगोली, दीपों और फूलों से सजाएं।
- सामग्री: पूजा के लिए लक्ष्मी और गणेश की मूर्तियाँ, दीपक, धूप, गंगाजल, कुमकुम, अक्षत, फूल, फल, मिठाई, नारियल, पान, सुपारी आदि सामग्री एकत्रित करें।
Step 1: आचमन और संकल्प
- आचमन: जल से हाथ धोकर आचमन करें और मन को शुद्ध करें।
संकल्प: दाहिने हाथ में जल, अक्षत और फूल लेकर संकल्प लें कि आप माँ लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा संपन्न करेंगे।
लक्ष्मी-गणेश पूजा विधि संकल्प मंत्र:ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णुः ॐ तत्सत् अद्य अहम् श्री महालक्ष्मी गणेश पूजनं करिष्ये।
Step 2: गणेश पूजन
- सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें क्योंकि वह विघ्नहर्ता और शुभारंभ के देवता हैं।
- तिलक और अक्षत: गणेश जी को कुमकुम का तिलक लगाएं और अक्षत अर्पित करें।
गणेश पूजन मंत्र:
ॐ गण गणपतये नमः।
- धूप और दीप: धूप और दीप अर्पित करें।
गणेश पूजन मंत्र:
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
Lakshmi Ganesh Puja Vidhi - Lakshmi Ganesh pujan vidhi mantra
Step 3: लक्ष्मी पूजन
- माँ लक्ष्मी को कुमकुम का तिलक लगाएं, अक्षत, फूल और जल अर्पित करें।
लक्ष्मी पूजन मंत्र:
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।
- लक्ष्मी अभिषेक: लक्ष्मी जी का पंचामृत (दूध, दही, शहद, शक्कर और घी) से अभिषेक करें और गंगाजल से शुद्ध करें।
- वस्त्र और पुष्प अर्पण: लक्ष्मी जी को वस्त्र और पुष्प अर्पित करें।
लक्ष्मी पूजन मंत्र:
ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्नी च धीमहि। तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात्॥
Step 4: धन-कुबेर पूजन
- लक्ष्मी पूजन के साथ ही धन के देवता कुबेर की पूजा करें। लक्ष्मी जी के साथ कुबेर जी की पूजा से समृद्धि प्राप्त होती है।
मंत्र:
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये। धनधान्यसमृद्धि मे देहि दापय स्वाहा॥
Step 5: अर्घ्य और नैवेद्य
- लक्ष्मी और गणेश जी को अर्घ्य (जल) अर्पण करें।
- नैवेद्य में मिठाई, फल और अन्य भोग लगाएं।
मंत्र:
ॐ लक्ष्म्यै नमः अन्नं समर्पयामि।
Step 6: लक्ष्मी-गणेश आरती
- दीप जलाकर लक्ष्मी और गणेश जी की आरती करें।
आरती:
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निशदिन सेवत, हर विष्णु विधाता॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
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Step 7: यम दीपदान
- इस दिन यम दीप जलाने की परंपरा है। मुख्य द्वार के बाहर एक दीपक जलाएं और उसे यमराज को समर्पित करें।
यम दीपदान मंत्र:
मृत्युना पाशहस्तेन कालेन भारयाहिना। त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम॥
Step 8: प्रसाद वितरण
- पूजा के बाद सभी भक्तों को प्रसाद वितरण करें और उन्हें माँ लक्ष्मी और गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर दें।
निष्कर्ष
लक्ष्मी-गणेश पूजा को पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ करने से परिवार में धन, सुख और शांति का वास होता है। इस पावन अवसर पर माँ लक्ष्मी और गणेश जी की कृपा से घर-परिवार में समृद्धि और सफलता आती है।
लक्ष्मी-गणेश आरती
आरती श्री लक्ष्मी जी | Lakshmi ji Aarti in Hindi
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
गणेश जी की आरती
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,
माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी।
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी।