नवरात्रि में अखंड ज्योत का महत्व | Significance of akhand jyoti in navratri

Published By: Bhakti Home
Published on: Friday, Oct 4, 2024
Last Updated: Friday, Oct 4, 2024
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नवरात्रि में अखंड ज्योत का महत्व | significance of akhand jyoti in navratri - नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाना हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जो माँ दुर्गा की शक्ति और प्रकाश का प्रतीक है। अखंड ज्योति का अर्थ है 'अटूट प्रकाश', जो नौ दिनों तक जलाया जाता है, माँ दुर्गा की नौ शक्तियों का प्रतीक है।

नवरात्रि में अखंड ज्योत का महत्व | Significance of akhand jyoti in navratri

नवरात्रि का पर्व शक्ति और भक्ति का प्रतीक है, जिसमें देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है। इस पवित्र त्योहार के दौरान घरों और मंदिरों में अखंड ज्योत प्रज्वलित की जाती है, जिसका विशेष महत्व है। अखंड ज्योत को देवी के प्रति श्रद्धा, भक्ति और असीम आस्था का प्रतीक माना जाता है। यह ज्योत निरंतर जलती रहती है और नौ दिनों तक बुझाई नहीं जाती।

अखंड ज्योत का परिचय

अखंड ज्योत का अर्थ है ऐसी दीपक की लौ, जो बिना किसी अवरोध के निरंतर जलती रहती है। इसे देवी के चरणों में स्थापित किया जाता है, और यह पूरे नवरात्रि के दौरान जलती रहती है। इसे जलाना एक कठिन साधना मानी जाती है, क्योंकि इसमें निरंतर ईंधन का ध्यान रखना पड़ता है और इसे बुझने से बचाने के लिए विशेष सतर्कता बरती जाती है।

अखंड ज्योत जलाने का कारण

अखंड ज्योत जलाने का मुख्य उद्देश्य देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करना और उनके प्रति अपनी श्रद्धा को प्रकट करना है। यह ज्योत जीवन में निरंतर प्रकाश, समृद्धि और शक्ति का प्रतीक है। इसे जलाने से घर और परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। मान्यता है कि अखंड ज्योत के माध्यम से देवी दुर्गा भक्तों की मनोकामनाओं की पूर्ति करती हैं।

अखंड ज्योत का धार्मिक महत्व

अखंड ज्योत को देवी दुर्गा का आह्वान करने का एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है। इसे जलाने से देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और भक्तों के जीवन में अज्ञान, अंधकार और संकटों का नाश होता है। नवरात्रि के नौ दिनों तक जलने वाली यह ज्योत भक्तों के घर में सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद लाती है। यह दीया देवी के प्रकाश और उनकी शक्ति का प्रतीक है, जो जीवन के हर अंधकार को दूर कर मार्ग को प्रकाशित करती है।

अखंड ज्योत जलाने की विधि

अखंड ज्योत जलाने के लिए घी या तेल का दीपक प्रयोग में लाया जाता है। इसे एक पवित्र स्थान पर स्थापित किया जाता है, जहाँ देवी की मूर्ति या चित्र हो। इसके बाद पूजा-अर्चना के दौरान दीपक प्रज्वलित किया जाता है। घी का दीपक सबसे पवित्र माना जाता है, लेकिन कई लोग तेल का दीपक भी जलाते हैं।

अखंड ज्योत जलाने के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें:

  1. दीपक को एक सुरक्षित और पवित्र स्थान पर रखें, जहाँ किसी प्रकार की अवरोध न हो।
  2. इसे जलाने से पहले संकल्प लें कि आप इसे पूरे नवरात्रि तक जलते रहने देंगे।
  3. दीपक को सही मात्रा में तेल या घी से भरते रहें, ताकि यह बुझ न जाए।
  4. ज्योत को लगातार देखते रहें और इसे जलाए रखने की जिम्मेदारी लें।

अखंड ज्योत के आध्यात्मिक लाभ

अखंड ज्योत जलाने से न केवल घर में पवित्रता और सकारात्मकता का संचार होता है, बल्कि यह भक्तों के आत्मविश्वास और भक्ति में भी वृद्धि करता है। इसके अलावा, यह भक्तों को आत्मा की शुद्धि और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। ऐसा माना जाता है कि अखंड ज्योत जलाने से देवी दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

अखंड ज्योत का प्रतीकात्मक अर्थ

अखंड ज्योत न केवल भक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह जीवन में निरंतरता, ऊर्जा और आशा का भी प्रतीक है। यह ज्योत हमें यह संदेश देती है कि जैसे यह दीपक बिना रुके जलता रहता है, वैसे ही हमें भी जीवन में हर कठिनाई का सामना करते हुए अपने उद्देश्य की ओर बढ़ते रहना चाहिए।

 

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