Radha ashtami 2024, Radha ashtami: Here are Top 20 Radha ashtami Questions and Answers.
Radha ashtami Top 20 Questions and Answers
1 - राधा अष्टमी पर क्या दान करना चाहिए?
राधा अष्टमी के दिन हरे रंग के वस्त्र दान करें, साथ ही हरी सब्जियां और मौसमी फल भी दान करें।
2 - राधा अष्टमी में क्या करें?
भक्त सुबह जल्दी स्नान करके दिन की शुरुआत करते हैं। राधा की मूर्ति को पवित्र वेदी पर रखा जाता है और उसे बढ़िया कपड़ों और सामानों से सजाया जाता है। एक दीया (प्रकाश) जलाया जाता है, और भगवान से प्रार्थना की जाती है। प्रार्थना आदर्श रूप से दोपहर के समय की जानी चाहिए।
3 - राधा अष्टमी में क्या खाएं?
राधा अष्टमी के दिन शुभ मुहूर्त में पूजा करनी चाहिए और व्रत का संकल्प लेना चाहिए। व्रत के दौरान आप फल, मिठाई, आलू साबूदाना की सब्जी, शकरकंद और कुट्टू के आटे के पकौड़े खा सकते हैं। इसके अलावा फलाहार में दूध और दही को शामिल किया जा सकता है। खाना बनाने में सेंधा नमक का इस्तेमाल करना चाहिए।
4 - राधा अष्टमी पर क्या भोग लगाना चाहिए?
राधा अष्टमी के दिन राधा रानी को अरबी की सब्जी का भोग लगाना बहुत शुभ माना जाता है। राधा जी को पंचामृत भी अर्पित करना चाहिए। पंचामृत कृष्ण कन्हैया और राधा रानी दोनों को बहुत प्रिय है।
5 - राधा अष्टमी के व्रत में क्या खाना चाहिए?
घर का बना प्रसाद चढ़ाएं: राधा रानी के लिए तुलसी के पत्ते, पंजीरी, खीर, हलवा, मालपुआ, पूरी और चना जैसे भोग तैयार करें।
6 - राधा अष्टमी का व्रत कैसे खोला जाता है?
प्रात: सूर्योदय से पूर्व भव्य स्नान आदि कार्यों से निवृत्त स्वप्न श्री राधा जी की पूजा करनी चाहिए। अगले दिन फिर से नहा धोकर पूजा करके व्रत खोल सकते हैं
7 - क्या राधा अष्टमी में पानी पी सकते हैं?
परंपरागत रूप से, गौड़ीय वैष्णववाद के अनुयायी (जिसमें इस्कॉन भक्त भी शामिल हैं) और देवी राधा के भक्त राधा अष्टमी व्रत (उपवास) रखते हैं। इस दिन भक्त आमतौर पर आधे दिन का उपवास रखते हैं। लेकिन, कुछ भक्त इस व्रत को भी एकादशी की तरह पूरे दिन और कुछ बिना पानी के भी रखते हैं।
8 - राधा अष्टमी पर क्या बनाएं?
राधा अष्टमी के दिन, मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराकर लकड़ी के चबूतरे पर रखा जाता है। देसी घी के दीपक जलाए जाते हैं और माला चढ़ाई जाती है। भोग प्रसाद के रूप में मीठे व्यंजन तैयार किए जाते हैं।
9 - राधा रानी अभी कहां है?
गर्ग संहिता और ब्रह्म वैवर्त पुराण के अनुसार, कृष्ण के जाने के बाद, राधा भी अपना घर छोड़कर कदली वन (वन) चली गईं और अपने मायावी रूप (जिसे छाया राधा भी कहा जाता है, उनकी छाया) को बरसाना में छोड़ दिया।
10 - राधा का पहला पति कौन था?
ब्रह्मवैवर्त पुराण के प्रकृति खंड 2 के अध्याय 49 के श्लोक 39 और 40 के अनुसार, जब राधा बड़ी हुई तो उसके माता-पिता ने उसका विवाह रायाण नामक वैश्य से तय कर दिया। उस समय राधा अपनी छाया को घर में छोड़कर गायब हो गई। रायाण का विवाह उस छाया से हुआ।
11 - राधा रानी ki मृत्यु कैसे हुई?
श्री कृष्ण ने बांसुरी ली और बहुत मधुर धुन में उसे बजाना शुरू कर दिया। श्री कृष्ण ने दिन-रात बांसुरी बजाई, जब तक कि राधा आध्यात्मिक रूप से कृष्ण में विलीन नहीं हो गईं। बांसुरी की धुन सुनते हुए राधा ने अपना शरीर त्याग दिया।
12 - राधा रानी का असली नाम क्या है?
राधा का पहला नाम वृषभानु कुमारी था।
13 - राधा रानी किसका रूप है?
शास्त्रों में राधा को लक्ष्मी का अवतार और मूलप्रकृति, सर्वोच्च देवी के रूप में वर्णित किया गया है, जो कृष्ण का स्त्री रूप और आंतरिक शक्ति (ह्लादिनी शक्ति) है। राधा कृष्ण के सभी अवतारों में उनके साथ रहती हैं।
14 - राधा को क्या वरदान मिला था?
एक बार ऋषि अष्टावक्र बरसाना गए, वहां उनकी मुलाकात राधारानी से हुई। ऋषि अष्टावक्र को देखकर राधारानी भी मुस्कुराने लगीं, तब ऋषि अष्टावक्र क्रोध में आकर राधारानी को भी श्राप देना चाहते थे, लेकिन श्री कृष्ण ने ऋषि अष्टावक्र से एक बार राधारानी के मुस्कुराने का कारण जानने का अनुरोध किया।
तब राधाजी ने ऋषि अष्टावक्र से कहा कि वह उनके टेढ़े-मेढ़े शरीर के अंगों को देखकर नहीं हंसीं। राधा जी ने कहा, मैं आपके अंदर ईश्वर को देख रही हूं। परम ज्ञान और सत्य की प्राप्ति के कारण मैं खुशी से हंस रही थी।
राधा जी की बातों से ऋषि अष्टावक्र बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने राधा जी को आजीवन किशोरी रहने का आशीर्वाद दिया, इसलिए राधारानी को किशोरी नाम से भी जाना जाता है।
15 - राधा का पसंदीदा रंग कौन सा है?
संस्कृत ग्रंथ ब्रह्म वैवर्त पुराण में राधा को एक सुंदर और युवा देवी के रूप में वर्णित किया गया है, जिनका रंग पिघला हुआ सुनहरा है और जो रत्नों और फूलों की माला पहनती हैं।
16 - दो बार राधे राधे क्यों बोला जाता है?
एक लीला में, राधा रानी ने कृष्ण की भावना को मूर्त रूप देते हुए, एक मोर पंख और पीले रंग की पोशाक पहन ली। जब वह बृज में घूम रही थीं, तो कृष्ण ने उन्हें अपनी पवित्र बांसुरी 🎶 भेंट की, जो उनके शाश्वत मिलन का प्रतीक थी।
बृज के लोग, दिव्य सार को पहचानते हुए, उन्हें प्यार से 'हे राधे-हे राधे' 🙏 कहकर संबोधित करते थे, जो राधा रानी में कृष्ण के प्रेम और आत्मा के अवतार को स्वीकार करते थे।"
17 - राधा रानी को कैसे प्रसन्न करें?
देवी राधा और भगवान कृष्ण को उनके पसंदीदा भोग जैसे मालपुआ, चावल की खीर और पंचामृत का भोग लगाने से आपके जीवन में खुशियाँ आएंगी। भगवान कृष्ण और देवी राधा को अर्पित करने के लिए अलग-अलग तरह के फूल लाने चाहिए और इससे जीवन में समृद्धि आएगी।
18 - राधा और राधे में क्या अंतर है?
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप प्रेम से राधे राधे कहते हैं या राधा राधा। वैसे राधे का संधि-विच्छेद राह-दे होता है और राधा जपने से जीवन के दुख आधे कम हो जाते हैं। आप भी आजमा कर देख सकते हैं। अगर हिंदी व्याकरण की शरण में जाकर देखें तो राधे राधे का मतलब भी यही होता है कि हे भोलेनाथ हमें राह दो, हमें रास्ता दो।
19 - देवी राधा की अंतिम इच्छा क्या थी?
राधा ने केवल एक ही मांग की और वह यह थी कि 'वह कृष्ण को आखिरी बार बांसुरी बजाते हुए देखना चाहती थीं।' कृष्ण ने बांसुरी ली और बहुत ही मधुर धुन में उसे बजाया, बांसुरी की मधुर ध्वनि सुनकर राधा जी ने अपना शरीर त्याग दिया।
20 - राधा राधा जाप करने से क्या होता है?
शास्त्रों में राधा नाम को अपने आप में सिद्ध मंत्र बताया गया है। मान्यता है कि राधे-राधे कहने वाला व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो जाता है। इतना ही नहीं राधा नाम का जाप करने से व्यक्ति मृत्यु के बाद जन्म-मरण के चक्र से भी मुक्ति पा सकता है।