Dhanteras par kya kharidna chahiye, धनतेरस पर क्या खरीदना चाहिए - धनतेरस, दीपावली का पहला दिन और समृद्धि का प्रतीक है, जिसमें हर साल लोग देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष वस्तुओं की खरीदारी करते हैं।
धनतेरस पर क्या खरीदना चाहिए | Dhanteras par kya kharidna chahiye
इस शुभ अवसर पर सोना-चांदी, बर्तन, झाड़ू, हल्दी, धनिया के बीज और यहां तक कि नमक जैसे विशेष सामग्रियों को खरीदना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
यह परंपरा सिर्फ आर्थिक समृद्धि का प्रतीक नहीं, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और शुभता को आकर्षित करने का माध्यम भी है। आइए जानें कि धनतेरस पर किन वस्तुओं की खरीदारी का धार्मिक महत्व है और क्यों यह वस्तुएं घर में सुख, शांति और स्थायित्व लाने का प्रतीक मानी जाती हैं
धनतेरस पर क्या खरीदें और क्यों: महत्व और कारण
धनतेरस का पर्व दीपावली का पहला दिन होता है और इसे शुभ और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
"धनतेरस" दो संस्कृत शब्दों से मिलकर बना है:
1. "धन" का अर्थ है धन, संपदा या समृद्धि।
2. "तेरस" का अर्थ है तेरह, जो हिंदू महीने कार्तिक में कृष्ण पक्ष (अंधेरे पखवाड़े) के तेरहवें चंद्र दिवस को संदर्भित करता है।
इस दिन पर देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है, जो धन और स्वास्थ्य के देवता हैं। इस अवसर पर कुछ विशेष वस्तुओं की खरीदारी करना अत्यंत शुभ माना जाता है क्योंकि यह समृद्धि, स्वास्थ्य और सौभाग्य को आकर्षित करने के लिए है। आइए जानते हैं कि धनतेरस पर क्या खरीदना चाहिए और इसके पीछे का धार्मिक महत्व क्या है।
1. सोना और चांदी क्यों खरीदें
- महत्व: सोना और चांदी धातुओं का हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व है और ये समृद्धि, वैभव और स्थायित्व का प्रतीक मानी जाती हैं।
- कारण: मान्यता है कि धनतेरस पर सोना और चांदी खरीदने से माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है। ये धातुएं देवी लक्ष्मी के प्रतीक मानी जाती हैं और इसे घर में लाना धन को स्थिर रखने का एक तरीका माना जाता है।
- महत्वपूर्ण कारण: सोना चिरस्थायी संपत्ति मानी जाती है और इसकी खरीदारी शुभ और समृद्धि का प्रतीक होती है।
2. बर्तन क्यों खरीदें
- महत्व: बर्तन, विशेष रूप से धातु के बर्तन जैसे कि चांदी, पीतल या तांबे के बर्तन खरीदने का विशेष महत्व है।
- कारण: धनतेरस पर बर्तन खरीदने से घर में स्वास्थ्य, खुशहाली और समृद्धि आती है। बर्तन संपत्ति और समृद्धि का प्रतीक होते हैं और यह मान्यता है कि नए बर्तन खरीदने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।
- महत्वपूर्ण कारण: बर्तनों को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है, और यह घर की संपन्नता को बनाए रखने में सहायक होते हैं।
3. झाड़ू (झाड़ू) क्यों खरीदें
- महत्व: झाड़ू को घर में नकारात्मकता और दरिद्रता को दूर करने का प्रतीक माना जाता है।
- कारण: मान्यता है कि धनतेरस पर झाड़ू खरीदने से घर की दरिद्रता दूर होती है और धन, सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है।
- महत्वपूर्ण कारण: देवी लक्ष्मी स्वच्छता पसंद करती हैं, और घर में नई झाड़ू लाने से उनका आशीर्वाद मिलता है। यह समृद्धि और सुख का प्रतीक है।
4. हल्दी और धनिया के बीज क्यों खरीदें
- महत्व: हल्दी और धनिया के बीज को विशेष रूप से शुभ माना गया है। यह बीज भविष्य के लिए धन और समृद्धि को बनाए रखने के प्रतीक माने जाते हैं।
- कारण: धनतेरस पर हल्दी और धनिया के बीज खरीदने से परिवार की खुशहाली और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। धनिया के बीज का अर्थ होता है धन और समृद्धि, और इसे देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने का माध्यम माना जाता है।
- महत्वपूर्ण कारण: धनिया के बीज और हल्दी को घर में शुभता और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है, जो परिवार में वृद्धि और खुशहाली का संचार करते हैं।
5. नमक क्यों खरीदें
- महत्व: धनतेरस पर नमक खरीदने का भी विशेष महत्व है। नमक को जीवन की आवश्यकताओं और स्थिरता का प्रतीक माना जाता है।
- कारण: माना जाता है कि धनतेरस पर नमक खरीदने से जीवन में स्थायित्व और परिवार में स्नेह बढ़ता है। यह जीवन में मिठास और सुख-शांति को लाने का एक प्रतीक माना जाता है।
- महत्वपूर्ण कारण: नमक घर की बुरी ऊर्जा को दूर करता है और सकारात्मकता लाता है, जिससे घर में खुशहाली और शांति का वातावरण बनता है।
6. नया वाहन या संपत्ति क्यों खरीदें
- महत्व: धनतेरस को नया वाहन या संपत्ति खरीदने का दिन भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
- कारण: इस दिन संपत्ति या वाहन खरीदने से भविष्य में स्थायित्व और सुख-समृद्धि मिलती है। यह कदम परिवार में संपत्ति की वृद्धि को दर्शाता है।
- महत्वपूर्ण कारण: धनतेरस का दिन माता लक्ष्मी का आह्वान करने का विशेष समय है और इस समय पर नए वाहन या संपत्ति की खरीदारी से घर में बरकत और स्थायित्व बढ़ता है।
7. लक्ष्मी-गणेश मूर्ति क्यों खरीदें
- महत्व: धनतेरस के दिन लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्तियों को घर लाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- कारण: देवी लक्ष्मी को धन की देवी और भगवान गणेश को शुभता और बाधाओं को दूर करने वाले देवता माना गया है। धनतेरस पर लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदने से जीवन में बाधाओं का नाश होता है और समृद्धि का आगमन होता है।
- महत्वपूर्ण कारण: यह घर में सुख-शांति और समृद्धि को बनाए रखने का प्रतीक है, और दीपावली पूजा के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू है।
धनतेरस पर क्या नहीं खरीदना चाहिए?
धनतेरस पर कांच के बर्तन कभी नहीं खरीदने चाहिए। इसके अलावा, ऐसी चीजें जो नाजुक हों और आसानी से टूट जाएं, उनसे भी बचना चाहिए। ऐसी चीजें घर में नकारात्मकता और अस्थिरता लाने वाली मानी जाती हैं। माना जाता है कि धनतेरस पर कांच की चीजें खरीदने से घर की सुख-शांति पर गहरा असर पड़ता है।
1 - लोहे के बर्तन
धनतेरस पर लोग अक्सर बर्तन खरीदते हैं। इस दिन लोहे के बर्तन या लोहे से बनी कोई भी चीज खरीदने से बचना चाहिए। इसके अलावा, इस दिन स्टील और एल्युमीनियम के बर्तन भी नहीं खरीदने चाहिए।
2 - काले रंग की चीजें
धनतेरस पर काले रंग की चीजें जैसे काले कपड़े, जूते, बैग, कंबल आदि खरीदने से बचना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दिन काले रंग की कोई भी चीज खरीदना अशुभ माना जाता है।
3 - नुकीली चीजें
धनतेरस पर किसी भी तरह की नुकीली चीजें जैसे सुई, कैंची, चाकू आदि खरीदने से बचना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से भी वास्तु दोष उत्पन्न होता है।
4 - तेल
धनतेरस पर तेल, घी, रिफाइंड तेल आदि नहीं खरीदना चाहिए। दिवाली और धनतेरस पर दीये जलाने के लिए तेल की भी जरूरत होती है, इसलिए तेल और घी आदि पहले ही खरीद लें।
5 - प्लास्टिक का सामान
धनतेरस पर प्लास्टिक का सामान खरीदने से भी बचना चाहिए। इस दिन प्लास्टिक का सामान खरीदना अशुभ माना जाता है। धनतेरस पर प्लास्टिक का सामान खरीदने से व्यक्ति के जीवन में दरिद्रता आती है।
निष्कर्ष
धनतेरस पर इन वस्तुओं की खरीदारी करके हम न केवल धार्मिक महत्व को मानते हैं, बल्कि अपने जीवन में सकारात्मकता, सुख-समृद्धि और स्थायित्व को भी आमंत्रित करते हैं। यह परंपरा हमें यह सिखाती है कि छोटी-छोटी चीजें भी जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होती हैं और इनके माध्यम से हम देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। धनतेरस की खरीदारी से न केवल आर्थिक स्थिति में स्थायित्व आता है, बल्कि परिवार में सुख, शांति और समृद्धि का भी संचार होता है।