काली चौदस पूजा विधि | Kali Chaudas Puja Vidhi in Hindi

Published By: bhaktihome
Published on: Sunday, October 19, 2025
Last Updated: Sunday, October 19, 2025
Read Time 🕛
4 minutes
Rate it !
No votes yet
काली चौदस पूजा विधि | Kali Chaudas Puja Vidhi in Hindi
Table of contents

काली चौदस पूजा विधि | Kali Chaudas Puja Vidhi in Hindi - काली चौदस पूजा दीपावली से एक दिन पहले, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को की जाती है। यह दिन देवी काली की उपासना और नकारात्मक शक्तियों के नाश का प्रतीक माना जाता है। 

काली चौदस पूजा विधि | Kali Chaudas Puja Vidhi in Hindi

इस पवित्र रात्रि में मां काली की पूजा करने से भय, बुराई, नकारात्मकता और नजरदोष से मुक्ति मिलती है। जो व्यक्ति सही विधि-विधान (Kali Chaudas Puja Vidhi) से पूजा करता है, उसे देवी काली की कृपा, आत्मबल, और आध्यात्मिक शुद्धि की प्राप्ति होती है।

इस लेख में हम आपके लिए लेकर आए हैं काली चौदस पूजा की संपूर्ण विधि, आवश्यक सामग्री (Puja Samagri), पूजन के चरण-दर-चरण नियम, और प्रमुख मंत्र (Mantras in Hindi & English), ताकि आप घर पर ही मां काली की पूजा सही तरीके से कर सकें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।

काली चौदस पूजा विधि | Kali Chaudas Puja Vidhi in Hindi

काली चौदस का शुभ समय (Muhurat)

काली चौदस का पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन देवी काली की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। पूजा का सर्वोत्तम समय रात्रि के “महा निषीथ काल” (मध्यरात्रि) में होता है।

🕓 2025 में अनुमानित मुहूर्त: रात्रि 11:41 बजे से 12:31 बजे तक (मुहूर्त स्थान व पंचांग अनुसार बदल सकता है)।

काली चौदस पूजा से पहले की तैयारी (Preparations Before Puja)

आवश्यक सामग्री (Puja Samagri):

  • मां काली की मूर्ति या चित्र
  • लाल या काले रंग का वस्त्र
  • धूप, दीपक, कपूर, अगरबत्ती
  • सरसों का तेल या घी
  • फूल (विशेषकर लाल गुड़हल), नारियल, फल, मिठाई
  • काले तिल, उड़द की दाल, चावल, सिंदूर, हल्दी
  • गंगाजल या गुलाबजल, कलश, जल पात्र
  • पूजा थाली, घंटी और आरती की सामग्री

स्थान शुद्धि:

  1. घर और पूजा स्थल की सफाई करें।
  2. गंगाजल या गुलाबजल छिड़ककर स्थान को पवित्र करें।
  3. लाल या काले वस्त्र पर माता काली का चित्र/प्रतिमा स्थापित करें।

काली चौदस पूजा विधि (Step-by-Step Puja Vidhi)

1 - स्नान और शुद्धि

प्रातः तेल या उबटन लगाकर स्नान करें। यह स्नान “अभ्यंग स्नान” कहलाता है और इससे शरीर व मन की नकारात्मकता दूर होती है। स्वच्छ लाल या काले वस्त्र धारण करें।

2 - देवी की स्थापना

  • पूजास्थल पर माता काली की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • दीपक जलाएँ (सरसों का तेल अथवा घी का)।
  • धूप व अगरबत्ती जलाएँ।
  • फूल, नारियल, तिल, मिठाई, फल आदि अर्पित करें।

मंत्र (स्थापना के समय):

ॐ क्रीं कालिकायै नमः
Transliteration: Om Krim Kalikayai Namah

3 - ध्यान और आवाहन (Invocation & Meditation)

माता काली के स्वरूप का ध्यान करें — वे जो अंधकार और भय को नष्ट कर भक्त की रक्षा करती हैं।
हाथ जोड़कर देवी का आवाहन करें:

मंत्र:
ॐ महा काल्यै च विद्महे, श्मशान वासिन्यै च धीमहि। तन्नो काली प्रचोदयात्॥
Transliteration: Om Maha Kalyai Cha Vidmahe, Shmashana Vasinyai Cha Dhimahi, Tanno Kali Prachodayat.

4 - मुख्य पूजा एवं मंत्र जाप

अब देवी को नैवेद्य, फल, मिठाई अर्पित करें और निम्न मंत्र का जाप करें:

मुख्य मंत्र:
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नमः॥
Transliteration: Om Aim Hreem Kleem Chamundaye Vichche Namah.

इस मंत्र का कम से कम 11, 51 या 108 बार जाप करें।
यह मंत्र नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करता है और आत्मबल प्रदान करता है।

5 - आरती एवं दीपदान

  • कपूर जलाकर माता की आरती करें।
  • परिवार सहित आरती गाएँ और प्रणाम करें।
  • पूजा के पश्चात घर के मुख्य द्वार पर सरसों के तेल के 14 दीपक (दीये) जलाएँ — यह “चौदस” का प्रतीक है और नकारात्मकता को दूर करने वाला माना गया है।

काली माँ की आरती (संक्षेप में):

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शंकर।।

 

Also Read - Kali chaudas mantra in Hindi Sanskrit and English

 

6 - प्रसाद और दान

  • देवी को भोग लगाकर प्रसाद सबमें बाँटें।
  • ज़रूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या मिठाई दान करें।
  • पूजा समाप्त होने पर माता से आशीर्वाद माँगें — “मां, हमारे घर से भय, रोग और अशुभ शक्तियाँ दूर रहें।”

 

काली चौदस  विशेष मान्यताएँ (Beliefs and Traditions)

  • इस दिन भूत-प्रेत, तंत्र और नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्ति के लिए मां काली की आराधना की जाती है।
  • रात्रि में देवी के नाम से दीपदान करना शुभ होता है।
  • घर के चारों ओर दीपक जलाने से नकारात्मक शक्तियाँ दूर रहती हैं।
  • कुछ लोग इस रात तंत्र साधना या विशेष ध्यान साधना भी करते हैं।

 

काली चौदस का महत्व (Significance of Kali Chaudas)

काली चौदस का पर्व अंधकार पर प्रकाश की विजय और भय पर साहस की जीत का प्रतीक है।
मां काली की कृपा से जीवन में आने वाली बुरी शक्तियाँ, नकारात्मक विचार और दुर्भाग्य समाप्त होते हैं। यह दिन आत्म-शुद्धि, शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक है।

अम्बे तू है जगदम्बे काली: माँ दुर्गा, माँ काली आरती (Maa Durga Maa Kali Aarti)

अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

तेरे भक्त जनो पर,
भीर पडी है भारी माँ ।
दानव दल पर टूट पडो,
माँ करके सिंह सवारी ।
सौ-सौ सिंहो से बलशाली,
अष्ट भुजाओ वाली,
दुष्टो को पलमे संहारती ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

माँ बेटे का है इस जग मे,
बडा ही निर्मल नाता ।
पूत - कपूत सुने है पर न,
माता सुनी कुमाता ॥
सब पे करूणा दरसाने वाली,
अमृत बरसाने वाली,
दुखियो के दुखडे निवारती ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

नही मांगते धन और दौलत,
न चांदी न सोना माँ ।
हम तो मांगे माँ तेरे मन मे,
इक छोटा सा कोना ॥
सबकी बिगडी बनाने वाली,
लाज बचाने वाली,
सतियो के सत को सवांरती ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
 

 

BhaktiHome