Kali chaudas mantra in Hindi Sanskrit and English

Published By: bhaktihome
Published on: Sunday, October 19, 2025
Last Updated: Sunday, October 19, 2025
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Kali chaudas mantra in Hindi English and Sanskrit
Table of contents

Kali chaudas mantra in Hindi Sanskrit and English - On the sacred night of Kali Chaudas, devotees chant powerful mantras dedicated to Goddess Kali — the fierce form of Shakti who destroys evil and protects her devotees. 

Kali chaudas mantra in Hindi Sanskrit and English

These Kali Chaudas Mantras are believed to remove negativity, fear, and dark energies from life, while bringing courage, strength, and spiritual purification. Chanting these mantras during Maha Nishita Kaal (midnight) or during the puja amplifies their divine energy.
In this article, we share the most powerful Kali Chaudas Mantras with their meanings, Hindi script, and English transliteration — so you can perform your puja correctly and experience Maa Kali’s divine grace.

काली चौदस मंत्र (Kali Chaudas Mantras with Meaning)

1. मूल मंत्र (Mool Mantra)

मंत्र: ॐ क्रीं कालिकायै नमः॥
Transliteration: Om Krim Kalikayai Namah
Meaning (अर्थ): हे देवी काली, आपको नमस्कार। आप समस्त भय और अंधकार को नष्ट करने वाली हैं।
Purpose: पूजा प्रारंभ करने से पहले देवी का आह्वान करने हेतु।

2. काली गायत्री मंत्र (Kali Gayatri Mantra)

मंत्र: ॐ महा काल्यै च विद्महे श्मशान वासिन्यै च धीमहि। तन्नो काली प्रचोदयात्॥
Transliteration: Om Maha Kalyai Cha Vidmahe, Shmashana Vasinyai Cha Dhimahi, Tanno Kali Prachodayat.
Meaning: हम मां महाकाली का ध्यान करते हैं, जो श्मशान की अधिष्ठात्री हैं। वह हमें सही मार्ग पर प्रेरित करें।
Purpose: ध्यान और साधना के दौरान उच्चारित किया जाने वाला शक्तिशाली स्तोत्र।

3. देवी चामुंडा मंत्र (Chamunda Mantra)

मंत्र: ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नमः॥
Transliteration: Om Aim Hreem Kleem Chamundaye Vichche Namah.
Meaning: हे चामुंडा देवी, आपमें ऐं (ज्ञान), ह्रीं (शक्ति) और क्लीं (प्रेम) का संगम है। हमें आपके संरक्षण की प्राप्ति हो।
Purpose: नकारात्मक शक्तियों से रक्षा और आत्मिक शक्ति बढ़ाने हेतु।

4. काली आरती 

जय अम्बे गौरी,
मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत,
हरि ब्रह्मा शिवरी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

मांग सिंदूर विराजत,
टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना,
चंद्रवदन नीको ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कनक समान कलेवर,
रक्ताम्बर राजै ।
रक्तपुष्प गल माला,
कंठन पर साजै ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

केहरि वाहन राजत,
खड्ग खप्पर धारी ।
सुर-नर-मुनिजन सेवत,
तिनके दुखहारी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कानन कुण्डल शोभित,
नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर,
सम राजत ज्योती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

शुंभ-निशुंभ बिदारे,
महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना,
निशदिन मदमाती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

चण्ड-मुण्ड संहारे,
शोणित बीज हरे ।
मधु-कैटभ दोउ मारे,
सुर भयहीन करे ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

ब्रह्माणी, रूद्राणी,
तुम कमला रानी ।
आगम निगम बखानी,
तुम शिव पटरानी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

चौंसठ योगिनी मंगल गावत,
नृत्य करत भैरों ।
बाजत ताल मृदंगा,
अरू बाजत डमरू ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

तुम ही जग की माता,
तुम ही हो भरता,
भक्तन की दुख हरता ।
सुख संपति करता ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

भुजा चार अति शोभित,
वर मुद्रा धारी । [खड्ग खप्पर धारी]
मनवांछित फल पावत,
सेवत नर नारी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कंचन थाल विराजत,
अगर कपूर बाती ।
श्रीमालकेतु में राजत,
कोटि रतन ज्योती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

श्री अंबेजी की आरति,
जो कोइ नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी,
सुख-संपति पावे ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

जय अम्बे गौरी,
मैया जय श्यामा गौरी ।

 

अम्बे तू है जगदम्बे काली: माँ दुर्गा, माँ काली आरती (Maa Durga Maa Kali Aarti)

अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

तेरे भक्त जनो पर,
भीर पडी है भारी माँ ।
दानव दल पर टूट पडो,
माँ करके सिंह सवारी ।
सौ-सौ सिंहो से बलशाली,
अष्ट भुजाओ वाली,
दुष्टो को पलमे संहारती ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

माँ बेटे का है इस जग मे,
बडा ही निर्मल नाता ।
पूत - कपूत सुने है पर न,
माता सुनी कुमाता ॥
सब पे करूणा दरसाने वाली,
अमृत बरसाने वाली,
दुखियो के दुखडे निवारती ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

नही मांगते धन और दौलत,
न चांदी न सोना माँ ।
हम तो मांगे माँ तेरे मन मे,
इक छोटा सा कोना ॥
सबकी बिगडी बनाने वाली,
लाज बचाने वाली,
सतियो के सत को सवांरती ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

 

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