मां कात्यायनी की पूजा कैसे करें | सरल विधि | Katyayani mata ki puja kaise kare

Published By: Bhakti Home
Published on: Thursday, Oct 3, 2024
Last Updated: Tuesday, Oct 8, 2024
Read Time 🕛
3 minutes
Katyayani mata ki puja kaise kare
Table of contents

मां कात्यायनी की पूजा कैसे करें, Katyayani mata ki puja kaise kare, कात्यायनी मां की पूजा विधि - नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। मां कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत शक्तिशाली और साहसी है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, महर्षि कात्यायन ने इन्हें अपनी घोर तपस्या से प्राप्त किया था, जिसके कारण इन्हें कात्यायनी नाम दिया गया। मां कात्यायनी की पूजा से भक्तों को हर संकट से मुक्ति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं मां कात्यायनी की पूजा विधि, मंत्र, कथा और आरती।

Katyayani mata ki puja kaise kare | मां कात्यायनी की पूजा कैसे करें | मां कात्यायनी पूजा विधि फॉर मैरिज

1. पूजा का स्थान और समय:

  • सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थल को शुद्ध कर मां कात्यायनी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • पूजा में पीले और लाल रंग का वस्त्र अधिक महत्वपूर्ण होता है, इसलिए इसे पूजा स्थल पर रखें।

2. कलश स्थापना:

  • कलश में जल, सुपारी, सिक्के, दूर्वा, और नारियल रखें।
  • कलश पर लाल कपड़े में नारियल लपेटकर मौली से बांधें और कलश को मां के सामने रखें।

3. दीप प्रज्वलन:

  • घी का दीपक जलाकर मां के समक्ष रखें और धूप-दीप अर्पित करें।
  • मां को पुष्प, अक्षत और मिष्ठान्न अर्पित करें। मां को शहद का भोग विशेष रूप से लगाएं क्योंकि इसे मां कात्यायनी पसंद करती हैं।

4. आह्वान मंत्र:

  • मां का आह्वान करें और ध्यान लगाएं। निम्नलिखित मंत्र का जाप करें:

चन्द्रहासोज्जवलकरा शार्दूलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्या देवी दानवघातिनी॥

5. पंचोपचार पूजन:

  • मां का पंचामृत से अभिषेक करें और स्वच्छ जल से स्नान कराएं।
  • मां को वस्त्र, चंदन, पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
  • शहद का विशेष भोग मां को चढ़ाएं, जिससे मां प्रसन्न होती हैं।

6. मां कात्यायनी का मंत्र:

  • पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करें:

ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥

 

Also read - माँ कात्यायनी मंत्र | Maa Katyayani mantra in sanskrit with meaning

 

मां कात्यायनी की कथा

[ मां कात्यायनी पूजा विधि कथा ]

मां कात्यायनी का जन्म महर्षि कात्यायन के घर हुआ था, जिन्हें यह नाम दिया गया। पौराणिक कथा के अनुसार, जब राक्षस महिषासुर ने देवताओं को त्रस्त कर दिया था, तब देवी ने महर्षि कात्यायन के घर जन्म लिया और महिषासुर का वध किया। देवी का यह रूप अत्यंत शक्तिशाली और साहसी है।

मां कात्यायनी की उपासना से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और भक्तों को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से जिन कन्याओं का विवाह नहीं हो रहा होता, उनके लिए मां कात्यायनी की पूजा अत्यंत लाभकारी होती है।

 

मां कात्यायनी की आरती

जय कात्यायनी माता, जय कात्यायनी माता।
अरे शेरांवाली जय कात्यायनी माता।।

तुम हो जग की पालनहारी, तुम हो शुभ फलदात्री।
दीनों की तुम हो सहारा, माता तुम हो भवानी।।

भोले भाले भक्तों का तुम, हमेशा कष्ट मिटाती।
दुश्मनों का नाश कर, अपने भक्तों को बचाती।।

कात्यायनी मां की आरती, जो कोई भी गाता।
हर संकट दूर हो जाता, सुख समृद्धि पाता।।

जय कात्यायनी माता, जय कात्यायनी माता।
अरे शेरांवाली जय कात्यायनी माता।।

 

मां कात्यायनी पूजा के अंत में:

  • मां कात्यायनी की आरती के बाद प्रसाद का वितरण करें।
  • मां से सुख-समृद्धि, विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने और जीवन में शांति की प्रार्थना करें।

मां कात्यायनी की पूजा से भक्तों को वैवाहिक समस्याओं से मुक्ति, पारिवारिक सुख और समृद्धि प्राप्त होती है। मां कात्यायनी का पूजन विशेष रूप से कन्याओं के विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए किया जाता है। इस दिन भक्त मां की पूजा करके अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं।

 

BhaktiHome