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राधा जी के 32 नाम | Radha ji ke 32 naam

Published By: bhaktihome
Published on: Tuesday, September 10, 2024
Last Updated: Monday, September 23, 2024
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Table of contents

राधा जी के 32 नाम (Radha ji ke 32 naam): भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा रानी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। जब भी भगवान कृष्ण का नाम लिया जाता है, ऐसा कभी नहीं होता कि राधा जी का नाम न लिया जाए। आम भक्त श्री कृष्ण को राधे-कृष्ण कहकर पुकारते हैं। ये दोनों नाम हमेशा से एक दूसरे से जुड़े रहे हैं।

राधा जी के 32 नाम | Radha ji ke 32 naam

राधा रानी के बिना कृष्ण जी की पूजा अधूरी मानी जाती है। धार्मिक मान्यता है कि राधाष्टमी के व्रत के बिना कृष्ण जन्माष्टमी के व्रत का पूरा पुण्य प्राप्त नहीं होता है। राधाष्टमी के दिन राधा और कृष्ण दोनों की पूजा की जाती है।

श्री राधा जी के 32 नामों का स्मरण करने से जीवन में सुख, प्रेम और शांति का आशीर्वाद मिलता है। धन-संपत्ति आती-जाती रहती है, लेकिन जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीज प्रेम और शांति है। श्री राधा जी के ये नाम जीवन को शांतिपूर्ण और खुशहाल बनाते हैं।

राधा जी के 32 नाम कौन से हैं

1. मृदुल भाषिणी राधा 
2. सौंदर्य राषिणी राधा 
3. परम् पुनीता राधा 
4. नित्य नवनीता राधा 
5. रास विलासिनी राधा 
6. दिव्य सुवासिनी राधा 
7. नवल किशोरी राधा 
8.  अति ही भोरी राधा 
9. कंचनवर्णी राधा 
10. नित्य सुखकरणी राधा 
11. सुभग भामिनी राधा 
12. जगत स्वामिनी राधा 
13. कृष्ण आनन्दिनी राधा 
14. आनंद कन्दिनी राधा 
15. प्रेम मूर्ति राधा 
16. रस आपूर्ति राधा 
17. नवल ब्रजेश्वरी राधा 
18: नित्य रासेश्वरी राधा 
19. कोमल अंगिनी राधा 
20. कृष्ण संगिनी राधा 
21. कृपा वर्षिणी राधा 
22: परम् हर्षिणी राधा 
23. सिंधु स्वरूपा राधा 
24. परम् अनूपा राधा 
25. परम् हितकारी राधा 
26. कृष्ण सुखकारी राधा 
27. निकुंज स्वामिनी राधा 
28. नवल भामिनी राधा 
29. रास रासेश्वरी राधा 
30. स्वयं परमेश्वरी राधा 
31. सकल गुणीता राधा 
32. रसिकिनी पुनीता राधा 
 

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राधा जी के 32 नाम का महत्व | Radha ji ke 32 naam significance

ब्रह्मवैवर्त पुराण में स्वयं श्री हरि विष्णु ने कहा है कि जो कोई अनजाने में भी राधा को पुकारता है, मैं उसके आगे सुदर्शन चक्र लेकर चलता हूँ। 

उसके पीछे स्वयं शिव अपना त्रिशूल लेकर चलते हैं। उनके दाहिनी ओर इंद्र वज्र लेकर चलते हैं और बाईं ओर वरुण देव छत्र लेकर चलते हैं।

श्री राधा जी के 32 नामों के उच्चारण मात्र से सुख-समृद्धि आपके पास दौड़ी चली आती है।

श्री राधा जी के ये नाम रिश्तों में मिठास, ताजगी देते हैं और जीवन को शांत, सरल और सुखद बनाते हैं

 

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