ऋषि पंचमी आरती | Rishi panchami aarti in Hindi, English and Marathi

Published By: Bhakti Home
Published on: Sunday, Sep 8, 2024
Last Updated: Sunday, Sep 8, 2024
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Rishi panchami aarti
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Rishi panchami aarti, Rishi panchami aarti in Hindi: ऋषि पंचमी को कई जगहों पर भाई पंचमी या गुरु पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से जाने-अनजाने में हुई गलतियों से मुक्ति मिलती है। 

कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति सच्चे मन से इस व्रत को करता है, उसके जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन व्रत और पूजा करने, आरती करने और सप्तऋषियों को अर्घ्य देने से व्यक्ति को सप्तऋषियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

 

ऋषि पंचमी आरती | Rishi panchami aarti

श्री हरि हर गुरु गणपति , सबहु धरि ध्यान।

मुनि मंडल श्रृंगार युक्त, श्री गौतम करहुँ बखान।।

ॐ जय गौतम त्राता , स्वामी जी गौतम त्राता ।

ऋषिवर पूज्य हमारे ,मुद मंगल दाता।।

ॐ जय गौतम त्राता , स्वामी जी गौतम त्राता ।

 

द्विज कुल कमल दिवाकर , परम् न्याय कारी।

जग कल्याण करन हित, न्याय रच्यौ भारी।। 

ॐ जय गौतम त्राता , स्वामी जी गौतम त्राता ।

 

पिप्लाद सूत शिष्य आपके, सब आदर्श भये।

वेद शास्त्र दर्शन में, पूर्ण कुशल हुए।।

ॐ जय गौतम त्राता , स्वामी जी गौतम त्राता ।

 

गुर्जर करण नरेश विनय पर तुम पुष्कर आये ।

सभी शिष्य सुतगण को, अपने संग लाये।।

ॐ जय गौतम त्राता , स्वामी जी गौतम त्राता ।

 

अनावृष्टि के कारण संकट आन पड्यो ।

भगवान आप दया करी, सबको कष्ट हरयो।।

ॐ जय गौतम त्राता , स्वामी जी गौतम त्राता ।

 

पुत्र प्राप्ति हेतु , भूप के यज्ञ कियो।

यज्ञ देव के आशीष से , सुत को जन्म भयो।।

ॐ जय गौतम त्राता , स्वामी जी गौतम त्राता ।

 

भूप मनोरथ पूर्ण करके , चिंता दूर करी।

प्रेतराज पामर की , निर्मल देह करी।।

ॐ जय गौतम त्राता , स्वामी जी गौतम त्राता ।

 

ऋषिवर अक्षपाद की आरती ,जो कोई नर गावे।

ऋषि की पूर्ण कृपा से , मनोवांछित फल पावे ।।

ॐ जय गौतम त्राता , स्वामी जी गौतम त्राता ।

 

Rishi panchami aarti in English Transliteration 

shree hari har guru ganapati , sabahu dhari dhyaan.

muni mandal shrrngaar yukt, shree gautam karahun bakhaan..

om jay gautam traata , svaamee jee gautam traata .

rshivar poojy hamaare ,mud mangal daata..

om jay gautam traata , svaamee jee gautam traata .

 

dvij kul kamal divaakar , param nyaay kaaree.

jag kalyaan karan hit, nyaay rachyau bhaaree..

om jay gautam traata , svaamee jee gautam traata .

 

piplaad soot shishy aapake, sab aadarsh bhaye.

ved shaastr darshan mein, poorn kushal hue..

om jay gautam traata , svaamee jee gautam traata .

 

gurjar karan naresh vinay par tum pushkar aaye .

sabhee shishy sutagan ko, apane sang laaye..

om jay gautam traata , svaamee jee gautam traata .

 

anaavrshti ke kaaran sankat aan padyo .

bhagavaan aap daya karee, sabako kasht harayo..

om jay gautam traata , svaamee jee gautam traata .

 

putr praapti hetu , bhoop ke yagy kiyo.

yagy dev ke aasheesh se , sut ko janm bhayo..

om jay gautam traata , svaamee jee gautam traata .

 

bhoop manorath poorn karake , chinta door karee.

pretaraaj paamar kee , nirmal deh karee..

om jay gautam traata , svaamee jee gautam traata .

 

rshivar akshapaad kee aaratee ,jo koee nar gaave.

rshi kee poorn krpa se , manovaanchhit phal paave ..

om jay gautam traata , svaamee jee gautam traata .

 

Rishi panchami aarti in Marathi

श्री हरी हर गुरु गणपती, सर्वांचे ध्यान.

श्रृंगारासह मुनी मंडळ, श्री गौतमची स्तुती करीन.

ओम जय गौतम त्राता, स्वामी जी गौतम त्राता.

शुभाशुभाचे दाता आमचे पूज्य ऋषिवार.

ओम जय गौतम त्राता, स्वामी जी गौतम त्राता.

 

द्विज कुळातील कमल दिवाकर, सर्वोच्च न्यायाधीश.

जगाचे कल्याण करणे आणि न्याय निर्माण करणे हे हित जड आहे.

ओम जय गौतम त्राता, स्वामी जी गौतम त्राता.

 

पिपलाद सुत शिष्य हे सर्व तुझे आदर्श आहेत.

वेदशास्त्र तत्वज्ञानात पूर्ण पारंगत झाले.

ओम जय गौतम त्राता, स्वामी जी गौतम त्राता.

 

गुर्जर करण नरेश विनय यांच्या विनंतीवरून तू पुष्करला आलास.

सर्व शिष्यांनी सुतगण यांना बरोबर आणले.

ओम जय गौतम त्राता, स्वामी जी गौतम त्राता.

 

पावसाअभावी त्रास झाला.

देवा, सर्वांवर दया कर, सर्वांचे दुःख दूर कर.

ओम जय गौतम त्राता, स्वामी जी गौतम त्राता.

 

पुत्रप्राप्तीसाठी भूपाचा यज्ञ केला.

यज्ञदेवांच्या आशीर्वादाने सुताचा जन्म झाला.

ओम जय गौतम त्राता, स्वामी जी गौतम त्राता.

 

भूपाची इच्छा पूर्ण करून त्यांची चिंता दूर झाली.

प्रेतराज पामराचे शुद्ध शरीर.

ओम जय गौतम त्राता, स्वामी जी गौतम त्राता.

 

ऋषिवर अक्षरपदाची आरती, जी कोणीही पुरुष गाऊ शकतो.

ऋषींच्या पूर्ण कृपेने इच्छित फळ मिळते.

ओम जय गौतम त्राता, स्वामी जी गौतम त्राता.

 

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