santan saptami puja samagri (संतान सप्तमी पूजा सामग्री): संतान सप्तमी व्रत भादो माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं संतान प्राप्ति की कामना से व्रत रखती हैं और अपनी संतान की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं तथा भगवान शिव और पार्वती की पूजा करती हैं।
संतान सप्तमी पूजा सामग्री (Santan saptami puja samagri) निम्नलिखित हैं।
संतान सप्तमी पूजा सामग्री (Santan saptami puja samagri)
- इस पूजा में भगवान शिव की पूजा परिवार सहित की जाती है। भगवान शिव का सपरिवार चित्र।
- इसके अलावा लकड़ी की चौकी, कलश, अक्षत, रोली, मौली, केले का पत्ता, सफेद कपड़ा, फल, फूल, आम के पत्ते,
- भोग के लिए सात पूए या मीठी पूरियां
- कपूर, लौंग, सुपारी, सुहाग का सामान, चांदी का कंगन या रेशमी धागा पूजा में अवश्य शामिल करें।
संतान सप्तमी व्रत विधि (Santan saptami vrat vidhi )
संतान सप्तमी व्रत की पूजा ऐसे करें तो प्रसन्न होंगे माँ पार्वती और भगवान शिव ।
1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
2. भगवान शिव और माता पार्वती की सपरिवार पूजा करें।
3. व्रत के प्रसाद के लिए सात पुए या मीठी पूड़ियां बनाएं।
4. पूजा स्थल को गंगाजल छिड़क कर शुद्ध करें।
5. लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।
6. भगवान शिव और माता पार्वती की सपरिवार मूर्ति स्थापित करें।
7. कलश में जल, सुपारी, चावल और सिक्का डालकर उस पर आम का पत्ता रखें, अब उसके ऊपर कटोरी में चावल रखें और दीपक रखकर जलाएं।
8. भगवान शिव और माता पार्वती को सपरिवार पुए (मीठी पूड़ियां) का भोग लगाएं।
9. इस व्रत में पुए का विशेष महत्व माना जाता है।
10. अब फल, फूल, धूप और दीप से पूजा करें।
11. चांदी का कड़ा भगवान के सामने रखें, उसे दूध और जल से शुद्ध करें और चावल और फूल चढ़ाएं।
12. चांदी का कड़ा अपने दाहिने हाथ में पहनें।
13. संतान सप्तमी व्रत की कथा सुनें।
14. आरती करें।
15. पूजा के बाद सात पूरियां दान करें और बची हुई सात पूरियां खुद खाएं।