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108 names of Shiva - शिव जी के 108 नाम (अर्थ सहित)

Published By: bhaktihome
Published on: Sunday, July 14, 2024
Last Updated: Monday, July 15, 2024
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108 names of shiva
Table of contents

Lord Shiva, the supreme deity, is renowned for his swift benevolence when worshiped with devotion. With the recitation of 108 names of Shiva invoke his blessings. Devotees can complement regular worship and chanting of Chalisa and mantras. He is the self-existent Swayambhu, unbound by mortal birth or limitations.  

108 names of Shiva in Hindi - शिव जी के 108 नाम (अर्थ सहित)

 As the primordial Adidev, he transcends creation and destruction, perpetuating his eternal existence. To This revered practice is believed to liberate one from afflictions, bestowing happiness and prosperity. By honoring Lord Shiva, the God of Gods, devotees can tap into his boundless compassion and grace.

S.No.नाम (Name)मंत्र (Mantra)अर्थ (Meaning)
1अव्यग्रॐ अव्यग्राय नमःस्थिर एवं अटल स्वभाव वाले
2अव्ययॐ अव्ययाय नमःजो अपरिवर्तनीय हैं।
3अपवर्गप्रद ॐ अपवर्गप्रदाय नमःमोक्ष प्रदान करने वाले
4अनन्तॐ अनन्ताय नमःजो अनश्वर एवं अन्तहीन हैं।
5अनीश्वरॐ अनीश्वराय नमःजिनका कोई स्वामी नहीं हैं।
6अव्यक्तॐ अव्यक्ताय नमःजो अप्रत्यक्ष हैं।
7अजॐ अजाय नमःजो अजन्मा, असीमित एवं अजेय हैं।
8अनघॐ अनघाय नमःजो निर्विकार एवं दोषरहित हैं।
9अम्बिकानाथॐ अम्बिकाानाथाय नमःजो देवी अम्बिका (पार्वती) के पति हैं।
10अंधकारसुर सूदनॐ अन्धकासुरसूदनाय नमःस्थिर एवं अटल स्वभाव वाले
11अष्टमूर्तिॐ अष्टमूर्तये नमःआठ रूपों वाले
12अनेकात्माॐ अनेकात्मने नमःअनेक रूप धारण करने वाले
13अहिर्बुध्न्यॐ अहिर्बुध्न्याय नमःजो समस्त सृष्टि का आधार हैं / कुण्डलिनी धारण करने वाले
14उग्रॐ उग्राय नमःअत्यन्त उग्र प्रकृति वाले
15कपर्दीॐ कपर्दिने नमःजटा धारण करने वाले
16कपालीॐ कपालिने नमःगले में कपाल की माला धारण करने वाले
17कामारीॐ कामारये नमःकामदेव को भस्म करने वाले
18कालकालॐ कालकालाय नमःजो काल के भी काल हैं।
19कृपानिधिॐ कृपानिधये नमःभक्तों पर कृपा करने वाले, कृपा के सागर
20कैलासवासीॐ कैलासवासिने नमःकैलाश पर्वत पर निवास करने वाले
21कवचीॐ कवचिने नमःविभिन्न प्रकार के आयुध धारण करने वाले
22कठोरॐ कठोराय नमःअत्यधिक सुदृढ़ शरीर वाले एवं अति बलशाली
23कृत्तिवासाॐ कृत्तिवाससे नमःबाघम्बर धारण करने वाले
24खटवांगीॐ खट्वाङ्गिने नमःखट्वाङ्ग नामक आयुध धारण करने वाले
25खण्डपरशुॐ खण्डपरशवे नमःखण्डित परशु धारण करने वाले
26गङ्गाधरॐ गङ्गाधराय नमःजटाओं में देवी गङ्गा को धारण करने वाले
27गिरीशॐ गिरीशाय नमःजो पर्वतों के स्वामी हैं।
28गिरिशॐ गिरिशाय नमःकैलाश पर्वत पर शयन करने वाले
29गिरिधन्वाॐ गिरिधन्विने नमःमेरु पर्वत को अपने धनुष के रूप में धारण करने वाले
30गिरिप्रियॐ गिरिप्रियाय नमःजिन्हें पर्वत अति प्रिय हैं / जिन्हें देवी पार्वती अत्यन्त प्रिय हैं।
31गणनाॐ गणनाथाय नमःजो समस्त गणों (देवगण, मनुष्‍यगण एवं राक्षसगण) के अधिपति हैं।
32चारुविक्रमॐ चारुविक्रमाय नमःसुन्दरता को जीतने वाले
33जटाधरॐ जटाधराय नमःजटा धारण करने वाले
34जगद्व्यापीॐ जगद्व्यापिने नमःसम्पूर्ण सृष्टि में विद्यमान रहने वाले
35जगद्गुरूॐ जगद्गुरुवे नमःजो समस्त लोकों के गुरु हैं।
36तारकॐ तारकाय नमःजीवों को मोक्ष प्रदान करने वाले
37देवॐ देवाय नमःजो सर्वशक्तिशाली सर्वव्यापी ईश्वर हैं।
38दुर्धर्षॐ दुर्धर्षाय नमःजिन्हें पराजित नहीं किया जा सकता
39दिगम्बरॐ दिगम्बराय नमः ब्रह्माण्ड को वस्त्र के रूप में धारण करने वाले
40दक्षाध्वरहरॐ दक्षाध्वरहराय नमःदक्ष प्रजापति के यज्ञ का विध्वंश करने वाले
41नीललोहितॐ नीललोहिताय नमःनील वर्ण वाले
42पिनाकिन्ॐ पिनाकिने नमःपिनाक नामक धनुष धारण करने वाले
43परमात्माॐ परमात्मने नमःजो समस्त आत्माओं में श्रेष्ठ हैं।
44पञ्चवक्त्रॐ पञ्चवक्त्राय नमःपाँच मुख वाले
45पूषदन्तभित्ॐ पूषदन्तभिदे नमःपूषन नामक देव के दाँत तोड़ने वाले
46परमेश्वरॐ परमेश्वराय नमःसर्वोच्च सत्ताधारी ईश्वर जिनसे सम्पूर्ण सृष्टि का सृजन एवं संहार होता हैं।
47परशुहस्तॐ परशुहस्ताय नमःपरशु नामक अस्त्र धारण करने वाले
48प्रजापतिॐ प्रजापतये नमःसमस्त प्राणियों के स्वामी
49प्रमथाधिपॐ प्रमथाधिपाय नमःप्रमथगणों (शिवगणों) के अधिपति
50पुरारातिॐ पुरारातये नमःत्रिपुरासुर एवं उनके त्रिपुरों (लोकों) का सँहार करने वाले
51भक्तवत्सलॐ भक्तवत्सलाय नमःभक्तों पर स्नेह एवं करुणा बरसाने वाले
52भुजङ्गभूषणॐ भुजङ्गभूषणाय नमः सर्पों को आभूषण के रूप में धारण करने वाले
53भर्गॐ भर्गाय नमःसमस्त पापों को नष्ट करने वाले
54भगवान्ॐ भगवते नमःजो सर्वशक्तिमान ईश्वर हैं।
55भवॐ भवाय नमःस्वयं प्रकट होने वाले
56भस्मोद्धूलितविग्रहॐ भस्मोद्धूलितविग्रहाय नमःसपूर्ण शरीर पर भस्म धारण करने वाले
57भीमॐ भीमाय नमःभीमकाय (विशाल) शरीर वाले
58भगनेत्रभिद्ॐ भगनेत्रभिदे नमःभग का नेत्र क्षतिग्रस्त करने वाले
59भूतपतिॐ भूतपतये नमःजो पञ्चभूतों (अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी, आकाश) के स्वामी हैं / जो भूतप्रेतों के स्वामी हैं।
60महेश्वरॐ महेश्वराय नमःजो देवों के देव हैं।
61मृगपाणीॐ मृगपाणये नमःहाथ में नर मृग धारण करने वाले
62मृत्युञ्जयॐ मृत्युञ्जयाय नमःमृत्यु पर विजय प्राप्त करने वाले
63महासेनजनकॐ महासेनजनकाय नमःजो भगवान कार्तिकेय के पिता हैं।
64मृडॐ मृडाय नमःसुख-सौभाग्य प्रदान करने वाले
65पाशविमोचनॐ पाशविमोचकाय नमःसमस्त सांसरिक बन्धनों से मुक्त करने वाले
66पशुपतिॐ पशुपतये नमःसमस्त पशुओं/जीवों के स्वामी
67महादेवॐ महादेवाय नमःजो देवों के भी देव हैं।
68यज्ञमयॐ यज्ञमयाय नमःजो स्वयं यज्ञ स्वरूप हैं।
69रुद्रॐ रुद्राय नमःभक्तों के कष्ट से द्रवित होने वाले
70ललाटाक्षॐ ललाटाक्षाय नमःजिनके ललाट पर तीसरा नेत्र है।
71विष्णुवल्लभॐ विष्णुवल्लभाय नमःजो भगवान विष्णु को अति प्रिय हैं।
72विश्वेश्वरॐ विश्वेश्वराय नमःसम्पूर्ण सृष्टि के स्वामी
73वीरभद्रॐ वीरभद्राय नमःजो उग्र भी हैं एवं शान्त भी
74वामदेवायॐ वामदेवाय नमःजो समस्त प्रकार से शुभ एवं सुन्दर हैं।
75विरूपाक्षॐ विरूपाक्षाय नमःतिरछी आँखों वाले भगवान शिव
76वृषाङ्कॐ वृषाङ्काय नमःजिनके ध्वज पर वृष (नन्दी) का चिन्ह अङ्कित हैं।
77वृषभारूढ़ॐ वृषभारूढाय नमःजो नन्दी पर सवार हैं।
78व्योमकेशॐ व्योमकेशाय नमःजिनके केश सम्पूर्ण आकाश में व्याप्त हैं।
79सहस्राक्ष ॐ सहस्राक्षाय नमःसहस्र नेत्रों वाले
80सहस्रपादॐ सहस्रपदे नमःसहस्र पेरों वाले जो प्रत्येक स्थान पर उपस्थित हैं।
81सोम ॐ सोमाय नमःजो चन्द्रमा के समान शीतल एवं निर्मल हैं।
82सात्त्विकॐ सात्त्विकाय नमःअसीमित ऊर्जा के स्वामी
83सामप्रियॐ सामप्रियाय नमःजिन्हें समानता प्रिय है।
84स्वरमयीॐ स्वरमयाय नमःजो सङ्गीत में पारङ्गत हैं।
85सूक्ष्मतनुॐ सूक्ष्मतनवे नमःसूक्ष्म देह धारण करने वाले
86सर्वज्ञॐ सर्वज्ञाय नमःजो सर्वज्ञाता हैं।
87सदाशिवॐ सदाशिवाय नमःजो सदैव शुभ हैं।
88स्थाणुॐ स्थाणवे नमःजो अडिग एवं अटल हैं।
89सोमसूर्याग्निलोचनॐ सोमसूर्याग्निलोचनाय नमःचन्द्र, सूर्य एवं अग्नि को अपने तीन नेत्रों के रूप में धारण करने वाले
90शुद्धविग्रहॐ शुद्धविग्रहाय नमःजो पूर्ण रूप से शुद्ध एवं निर्मल हैं।
91शाश्वतॐ शाश्वताय नमःजो अनन्त एवं अविनाशी हैं।
92शितिकण्ठॐ शितिकण्ठाय नमः श्वेत कण्ठ वाले
93शिवाप्रियॐ शिवाप्रियाय नमःजो माता पार्वती को प्रिय हैं।
94शिवॐ शिवाय नमःजो परम पावन हैं।
95शङ्करॐ शङ्कराय नमःसुख-सम्पदा प्रदान करने वाले
96शम्भुॐ शम्भवे नमःसुख-सम्पत्ति प्रदान करने वाले
97शशिशेखरॐ शशिशेखराय नमःशीश पर चन्द्रमा धारण करने वाले
98शिपिविष्टॐ शिपिविष्टाय नमःकिरणों से व्याप्त
99शूलपाणीॐ शूलपाणिने नमःत्रिशूल धारण करने वाले
100शर्वॐ शर्वाय नमः समस्त कष्टों एवं पापों को नष्ट करने वाले
101हिरण्यरेता ॐ हिरण्यरेतसे नमःसहस्र सूर्यों जितना तेज धारण करने वाले
102हरॐ हराय नमःसमस्त पाप बन्धनों को नष्ट करने वाले
103हरिॐ हरये नमःसमस्त पापों को हरने वाले
104हविॐ हविषे नमःजो हवि (हवन में आहुति के रूप में दिये जाने वाले द्रव्य) स्वरूप हैं।
105त्रिपुरान्तकॐ त्रिपुरान्तकाय नमःत्रिपुरासुर का अन्त करने वाले
106त्रयीमूर्ति  ॐ त्रयीमूर्तये नमःजो त्रिमूर्ति (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) में से एक हैं / जो ऋग्वेद, सामवेद एवं यजुर्वेद के रूप में स्थित हैं।
107त्रिलोकेशॐ त्रिलोकेशाय नमः तीनों लोकों के स्वामी एवं अधिपति
108श्रीकण्ठॐ श्रीकण्ठाय नमः सुन्दर कण्ठ वाले

108 names of Shiva in English

Below are 108 names of Shiva in English.

S.No.NameMantraMeaning
1

Avyagra

 

Om Avyagrahaya Namahsteady and stable
2AvyayOm Avyay Namahwhich are immutable
3Apvargprad Om Apvargpradaya NamahOne who provide salvation
4AnantOm Anantaya NamahWho is immortal and endless
5AnishwarOm Anishvaraya NamahThose who have no master
6अव्यक्तॐ अव्यक्ताय नमःजो अप्रत्यक्ष हैं।
7अजॐ अजाय नमःजो अजन्मा, असीमित एवं अजेय हैं।
8अनघॐ अनघाय नमःजो निर्विकार एवं दोषरहित हैं।
9अम्बिकानाथॐ अम्बिकाानाथाय नमःजो देवी अम्बिका (पार्वती) के पति हैं।
10अंधकारसुर सूदनॐ अन्धकासुरसूदनाय नमःस्थिर एवं अटल स्वभाव वाले
11अष्टमूर्तिॐ अष्टमूर्तये नमःआठ रूपों वाले
12अनेकात्माॐ अनेकात्मने नमःअनेक रूप धारण करने वाले
13अहिर्बुध्न्यॐ अहिर्बुध्न्याय नमःजो समस्त सृष्टि का आधार हैं / कुण्डलिनी धारण करने वाले
14उग्रॐ उग्राय नमःअत्यन्त उग्र प्रकृति वाले
15कपर्दीॐ कपर्दिने नमःजटा धारण करने वाले
16कपालीॐ कपालिने नमःगले में कपाल की माला धारण करने वाले
17कामारीॐ कामारये नमःकामदेव को भस्म करने वाले
18कालकालॐ कालकालाय नमःजो काल के भी काल हैं।
19कृपानिधिॐ कृपानिधये नमःभक्तों पर कृपा करने वाले, कृपा के सागर
20कैलासवासीॐ कैलासवासिने नमःकैलाश पर्वत पर निवास करने वाले
21कवचीॐ कवचिने नमःविभिन्न प्रकार के आयुध धारण करने वाले
22कठोरॐ कठोराय नमःअत्यधिक सुदृढ़ शरीर वाले एवं अति बलशाली
23कृत्तिवासाॐ कृत्तिवाससे नमःबाघम्बर धारण करने वाले
24खटवांगीॐ खट्वाङ्गिने नमःखट्वाङ्ग नामक आयुध धारण करने वाले
25खण्डपरशुॐ खण्डपरशवे नमःखण्डित परशु धारण करने वाले
26गङ्गाधरॐ गङ्गाधराय नमःजटाओं में देवी गङ्गा को धारण करने वाले
27गिरीशॐ गिरीशाय नमःजो पर्वतों के स्वामी हैं।
28गिरिशॐ गिरिशाय नमःकैलाश पर्वत पर शयन करने वाले
29गिरिधन्वाॐ गिरिधन्विने नमःमेरु पर्वत को अपने धनुष के रूप में धारण करने वाले
30गिरिप्रियॐ गिरिप्रियाय नमःजिन्हें पर्वत अति प्रिय हैं / जिन्हें देवी पार्वती अत्यन्त प्रिय हैं।
31गणनाॐ गणनाथाय नमःजो समस्त गणों (देवगण, मनुष्‍यगण एवं राक्षसगण) के अधिपति हैं।
32चारुविक्रमॐ चारुविक्रमाय नमःसुन्दरता को जीतने वाले
33जटाधरॐ जटाधराय नमःजटा धारण करने वाले
34जगद्व्यापीॐ जगद्व्यापिने नमःसम्पूर्ण सृष्टि में विद्यमान रहने वाले
35जगद्गुरूॐ जगद्गुरुवे नमःजो समस्त लोकों के गुरु हैं।
36तारकॐ तारकाय नमःजीवों को मोक्ष प्रदान करने वाले
37देवॐ देवाय नमःजो सर्वशक्तिशाली सर्वव्यापी ईश्वर हैं।
38दुर्धर्षॐ दुर्धर्षाय नमःजिन्हें पराजित नहीं किया जा सकता
39दिगम्बरॐ दिगम्बराय नमः ब्रह्माण्ड को वस्त्र के रूप में धारण करने वाले
40दक्षाध्वरहरॐ दक्षाध्वरहराय नमःदक्ष प्रजापति के यज्ञ का विध्वंश करने वाले
41नीललोहितॐ नीललोहिताय नमःनील वर्ण वाले
42पिनाकिन्ॐ पिनाकिने नमःपिनाक नामक धनुष धारण करने वाले
43परमात्माॐ परमात्मने नमःजो समस्त आत्माओं में श्रेष्ठ हैं।
44पञ्चवक्त्रॐ पञ्चवक्त्राय नमःपाँच मुख वाले
45पूषदन्तभित्ॐ पूषदन्तभिदे नमःपूषन नामक देव के दाँत तोड़ने वाले
46परमेश्वरॐ परमेश्वराय नमःसर्वोच्च सत्ताधारी ईश्वर जिनसे सम्पूर्ण सृष्टि का सृजन एवं संहार होता हैं।
47परशुहस्तॐ परशुहस्ताय नमःपरशु नामक अस्त्र धारण करने वाले
48प्रजापतिॐ प्रजापतये नमःसमस्त प्राणियों के स्वामी
49प्रमथाधिपॐ प्रमथाधिपाय नमःप्रमथगणों (शिवगणों) के अधिपति
50पुरारातिॐ पुरारातये नमःत्रिपुरासुर एवं उनके त्रिपुरों (लोकों) का सँहार करने वाले
51भक्तवत्सलॐ भक्तवत्सलाय नमःभक्तों पर स्नेह एवं करुणा बरसाने वाले
52भुजङ्गभूषणॐ भुजङ्गभूषणाय नमः सर्पों को आभूषण के रूप में धारण करने वाले
53भर्गॐ भर्गाय नमःसमस्त पापों को नष्ट करने वाले
54भगवान्ॐ भगवते नमःजो सर्वशक्तिमान ईश्वर हैं।
55भवॐ भवाय नमःस्वयं प्रकट होने वाले
56भस्मोद्धूलितविग्रहॐ भस्मोद्धूलितविग्रहाय नमःसपूर्ण शरीर पर भस्म धारण करने वाले
57भीमॐ भीमाय नमःभीमकाय (विशाल) शरीर वाले
58भगनेत्रभिद्ॐ भगनेत्रभिदे नमःभग का नेत्र क्षतिग्रस्त करने वाले
59भूतपतिॐ भूतपतये नमःजो पञ्चभूतों (अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी, आकाश) के स्वामी हैं / जो भूतप्रेतों के स्वामी हैं।
60महेश्वरॐ महेश्वराय नमःजो देवों के देव हैं।
61मृगपाणीॐ मृगपाणये नमःहाथ में नर मृग धारण करने वाले
62मृत्युञ्जयॐ मृत्युञ्जयाय नमःमृत्यु पर विजय प्राप्त करने वाले
63महासेनजनकॐ महासेनजनकाय नमःजो भगवान कार्तिकेय के पिता हैं।
64मृडॐ मृडाय नमःसुख-सौभाग्य प्रदान करने वाले
65पाशविमोचनॐ पाशविमोचकाय नमःसमस्त सांसरिक बन्धनों से मुक्त करने वाले
66पशुपतिॐ पशुपतये नमःसमस्त पशुओं/जीवों के स्वामी
67महादेवॐ महादेवाय नमःजो देवों के भी देव हैं।
68यज्ञमयॐ यज्ञमयाय नमःजो स्वयं यज्ञ स्वरूप हैं।
69रुद्रॐ रुद्राय नमःभक्तों के कष्ट से द्रवित होने वाले
70ललाटाक्षॐ ललाटाक्षाय नमःजिनके ललाट पर तीसरा नेत्र है।
71विष्णुवल्लभॐ विष्णुवल्लभाय नमःजो भगवान विष्णु को अति प्रिय हैं।
72विश्वेश्वरॐ विश्वेश्वराय नमःसम्पूर्ण सृष्टि के स्वामी
73वीरभद्रॐ वीरभद्राय नमःजो उग्र भी हैं एवं शान्त भी
74वामदेवायॐ वामदेवाय नमःजो समस्त प्रकार से शुभ एवं सुन्दर हैं।
75विरूपाक्षॐ विरूपाक्षाय नमःतिरछी आँखों वाले भगवान शिव
76वृषाङ्कॐ वृषाङ्काय नमःजिनके ध्वज पर वृष (नन्दी) का चिन्ह अङ्कित हैं।
77वृषभारूढ़ॐ वृषभारूढाय नमःजो नन्दी पर सवार हैं।
78व्योमकेशॐ व्योमकेशाय नमःजिनके केश सम्पूर्ण आकाश में व्याप्त हैं।
79सहस्राक्ष ॐ सहस्राक्षाय नमःसहस्र नेत्रों वाले
80सहस्रपादॐ सहस्रपदे नमःसहस्र पेरों वाले जो प्रत्येक स्थान पर उपस्थित हैं।
81सोम ॐ सोमाय नमःजो चन्द्रमा के समान शीतल एवं निर्मल हैं।
82सात्त्विकॐ सात्त्विकाय नमःअसीमित ऊर्जा के स्वामी
83सामप्रियॐ सामप्रियाय नमःजिन्हें समानता प्रिय है।
84स्वरमयीॐ स्वरमयाय नमःजो सङ्गीत में पारङ्गत हैं।
85सूक्ष्मतनुॐ सूक्ष्मतनवे नमःसूक्ष्म देह धारण करने वाले
86सर्वज्ञॐ सर्वज्ञाय नमःजो सर्वज्ञाता हैं।
87सदाशिवॐ सदाशिवाय नमःजो सदैव शुभ हैं।
88स्थाणुॐ स्थाणवे नमःजो अडिग एवं अटल हैं।
89सोमसूर्याग्निलोचनॐ सोमसूर्याग्निलोचनाय नमःचन्द्र, सूर्य एवं अग्नि को अपने तीन नेत्रों के रूप में धारण करने वाले
90शुद्धविग्रहॐ शुद्धविग्रहाय नमःजो पूर्ण रूप से शुद्ध एवं निर्मल हैं।
91शाश्वतॐ शाश्वताय नमःजो अनन्त एवं अविनाशी हैं।
92शितिकण्ठॐ शितिकण्ठाय नमः श्वेत कण्ठ वाले
93शिवाप्रियॐ शिवाप्रियाय नमःजो माता पार्वती को प्रिय हैं।
94शिवॐ शिवाय नमःजो परम पावन हैं।
95शङ्करॐ शङ्कराय नमःसुख-सम्पदा प्रदान करने वाले
96शम्भुॐ शम्भवे नमःसुख-सम्पत्ति प्रदान करने वाले
97शशिशेखरॐ शशिशेखराय नमःशीश पर चन्द्रमा धारण करने वाले
98शिपिविष्टॐ शिपिविष्टाय नमःकिरणों से व्याप्त
99शूलपाणीॐ शूलपाणिने नमःत्रिशूल धारण करने वाले
100शर्वॐ शर्वाय नमः समस्त कष्टों एवं पापों को नष्ट करने वाले
101हिरण्यरेता ॐ हिरण्यरेतसे नमःसहस्र सूर्यों जितना तेज धारण करने वाले
102हरॐ हराय नमःसमस्त पाप बन्धनों को नष्ट करने वाले
103हरिॐ हरये नमःसमस्त पापों को हरने वाले
104हविॐ हविषे नमःजो हवि (हवन में आहुति के रूप में दिये जाने वाले द्रव्य) स्वरूप हैं।
105त्रिपुरान्तकॐ त्रिपुरान्तकाय नमःत्रिपुरासुर का अन्त करने वाले
106त्रयीमूर्ति  ॐ त्रयीमूर्तये नमःजो त्रिमूर्ति (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) में से एक हैं / जो ऋग्वेद, सामवेद एवं यजुर्वेद के रूप में स्थित हैं।
107त्रिलोकेशॐ त्रिलोकेशाय नमः तीनों लोकों के स्वामी एवं अधिपति
108श्रीकण्ठॐ श्रीकण्ठाय नमः सुन्दर कण्ठ वाले

 

108 names of Shiva Story

The origin of 108 names of Shiva is rooted in a captivating mythological tale. 

As Lord Vishnu slumbered, a lotus-like Brahma emerged from his navel. Brahma waited for Vishnu's awakening, but instead, Lord Shiva appeared as a fiery Jyotirlinga. 

Brahma failed to acknowledge him, but Vishnu bowed upon waking. Recognizing his mistake, Brahma apologized and was tasked with creation by Shiva, who also entrusted Vishnu with expansion and himself with destruction. 

Brahma requested Shiva's birth from him before the universe's beginning. After meditation and penance, Brahma created the universe and Shiva was born as a crying child. Brahma named him Rudra, then Sharva, Bhava, Ugra, Pashupati, Ishan, and Mahadev, but the child continued crying. Finally, Brahma praised him with 108 names, calming him. Thus, these names became the most revered, symbolizing the power and glory of Lord Shiva.

 

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