चित्रगुप्त पूजा विधि, Chitragupta puja vidhi in hindi - माना जाता है कि चित्रगुप्त हिंदू देवता हैं जो धरती पर सभी के कर्मों का हिसाब रखते हैं और उन्हें न्याय के देवता के रूप में भी जाना जाता है।
दिवाली के तीसरे दिन, उत्तर भारत के अधिकांश लोग भाई दूज मनाते हैं, लेकिन कायस्थ समुदाय में भगवान चित्रगुप्त के लिए एक विशेष पूजा समारोह आयोजित किया जाता है।
अगर आप इस साल चित्रगुप्त पूजा मनाना चाहते हैं, तो आपको यह सब जानना चाहिए! आइये जानते हैं चित्रगुप्त पूजा विधि ।
चित्रगुप्त पूजा विधि | Chitragupta Puja Vidhi in Hindi
चित्रगुप्त पूजा दीपावली के बाद आने वाली गोवर्धन पूजा या भाई दूज के दिन की जाती है। इस पूजा का विशेष महत्व है, खासकर कायस्थ समाज में। चित्रगुप्त जी को यमराज का सहायक और कर्मों के हिसाब-किताब रखने वाले देवता माना जाता है। इस पूजा में उनकी पूजा करके मनुष्य अपने कर्मों का लेखा-जोखा सही रखने का संकल्प लेता है। यहाँ चित्रगुप्त पूजा विधि, सामग्री और मंत्र का विस्तृत वर्णन है।
चित्रगुप्त पूजा सामग्री | Chitragupta Puja Samagri
- चित्रगुप्त जी की प्रतिमा या चित्र
- लेखनी (कलम)
- स्याही या पेन
- अक्षत (चावल)
- पुष्प (फूल)
- धूप, दीपक
- चंदन, हल्दी, कुमकुम
- मिठाई या भोग के लिए नैवेद्य
- पान के पत्ते, सुपारी
- नारियल, केला, अन्य फल
- सफेद वस्त्र, विशेष रूप से पूजास्थल के लिए
- पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर)
चित्रगुप्त पूजा विधि | Chitragupta Puja Vidhi
Step 1. पूजास्थल की तैयारी करें
सबसे पहले एक स्वच्छ स्थान पर सफेद कपड़ा बिछाएं और उस पर चित्रगुप्त जी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। चित्रगुप्त जी के सामने कलम और स्याही रखें, क्योंकि उन्हें लेखनी का देवता माना जाता है।
Step 2. आचमन और संकल्प
अब जल लेकर तीन बार आचमन करें और पूजा का संकल्प लें। संकल्प करते समय अपने मन में पूजा का उद्देश्य और चित्रगुप्त जी से आशीर्वाद प्राप्त करने की भावना रखें।
Step 3. गणेश पूजन
सबसे पहले भगवान गणेश का ध्यान करें और उनकी पूजा करें। गणेश जी को अक्षत, पुष्प और नैवेद्य अर्पित करें और निम्न मंत्र का जाप करें:
ॐ गण गणपतये नमः।
Step 4. चित्रगुप्त जी का आवाहन और पूजा
अब चित्रगुप्त जी का आवाहन करें और नीचे दिए गए मंत्र का उच्चारण करते हुए उन्हें चंदन, अक्षत और पुष्प अर्पित करें:
ॐ श्री चित्रगुप्ताय नमः।
इसके बाद चंदन, अक्षत, पुष्प, धूप, दीपक, और नैवेद्य चढ़ाएं। यह ध्यान रखें कि पूजा करते समय मन को शांत रखें और पूरी श्रद्धा से चित्रगुप्त जी का स्मरण करें।
Step 5. लेखन पूजा
अब लेखनी (कलम) को हाथ में लेकर उसकी पूजा करें। चित्रगुप्त जी से प्रार्थना करें कि वह आपके लेखन को शुभ बनाए रखें। मंत्र पढ़ते समय लेखनी और स्याही के पास अक्षत और पुष्प अर्पित करें:
ॐ चित्रगुप्ताय विद्महे, यमराजाय धीमहि। तन्नो चित्रगुप्तः प्रचोदयात्।
Step 6. हवन और आहुतियाँ
अगर हवन की व्यवस्था हो, तो घी में हवन सामग्री मिलाकर अग्नि में आहुति दें। प्रत्येक आहुति के साथ निम्न मंत्र का उच्चारण करें:
ॐ चित्रगुप्ताय स्वाहा।
Step 7. आरती और क्षमा याचना
पूजा के अंत में चित्रगुप्त जी की आरती करें और उनसे अपने अज्ञान या भूल-चूक के लिए क्षमा प्रार्थना करें। आरती के दौरान यह मंत्र पढ़ सकते हैं:
जय चित्रगुप्त भगवान की, जय जय जय चित्रगुप्त भगवान की।
Step 8. प्रसाद वितरण
पूजा समाप्त होने के बाद सभी भक्तों में प्रसाद बांटें और चित्रगुप्त जी से अपनी और परिवार की रक्षा का आशीर्वाद प्राप्त करें।
चित्रगुप्त पूजा का महत्व (Significance of Chitragupta Puja)
चित्रगुप्त पूजा में व्यक्ति अपने कर्मों के प्रति सजगता की प्रार्थना करता है और अपने जीवन में सत्कर्मों की वृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगता है। विशेष रूप से इस पूजा में लेखनी की पूजा करके यह संकल्प लिया जाता है कि हम अपने सभी कार्यों और विचारों में निष्पक्ष और सत्य का पालन करेंगे।
चित्रगुप्त पूजा की यह विधि सरल और प्रभावशाली है, जो आत्मशुद्धि और संतुलित जीवन की कामना से भरी हुई है।