Horoscopers.com

Looking for Horoscopes, Zodiac Signs, Astrology, Numerology & More..

Visit Horoscopers.com

 

हरछठ पूजा विधि | Harchat puja vidhi | Harchat vrat vidhi

Published By: bhaktihome
Published on: Friday, August 23, 2024
Last Updated: Sunday, August 25, 2024
Read Time 🕛
3 minutes
Rate it !
No votes yet
Harchat puja vidhi
Table of contents

हरछठ पूजा विधि (Harchat puja vidhi) हरछठ, हलछठ या हलषष्ठी के त्यौहार के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। यह त्यौहार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को भगवान कृष्ण के बड़े भाई श्री बलरामजी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। 

इस दिन श्री बलरामजी का जन्म हुआ था। श्री बलरामजी का मुख्य हथियार हल और मूसल है। इसी कारण उन्हें हलधर भी कहा जाता है। उन्हीं के नाम पर इस त्यौहार का नाम 'हल षष्ठी' रखा गया है। भारत के कुछ पूर्वी भागों में इसे 'ललई छठ' भी कहा जाता है।

हर छठ दो शब्दों से बना है हर और छठ अर्थात छठ माता कष्टों को हरें । 

 

हरछठ पूजा विधि - Harchat puja vidhi - Harchat vrat vidhi 

माताएं मुख्य रूप से अपने बच्चों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए हरछठ व्रत रखती हैं। नवविवाहित महिलाएं भी संतान प्राप्ति के लिए यह व्रत और पूजा करती हैं। 

हरछठ पूजा विधि (Harchat puja vidhi) इस प्रकार है

  1. प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में स्नान-ध्यान  करें।
  2. स्वच्छ वस्त्र धारण करें तथा गाय का गोबर लाकर जमीन पर लीपकर एक छोटा सा तालाब बनाएं।
  3. इस तालाब में  गणेश-लक्ष्मी, शिव-पार्वती, सूर्य-चंद्रमा, गंगा-जमुना, तुलसी वृक्ष आदि की आकृतियां भी बनाई जाती हैं। अपनी श्रद्धानुसार बनाये कोई बाध्यता नहीं है ।
  4. आप देवी देवताओं की चित्र या मूर्तियों से भी सजा सकते हैं 
  5. इस तालाब में झरबेरी, ताश, गूलर और पलाश की एक-एक टहनी बांधकर बनाई गई 'हरछठ' गाड़ दें।
  6. इसके बाद तालाब में वरुण देव की पूजा करें। साथ ही इस दिन भगवान गणेश और माता पार्वती के साथ छठ माता की भी पूजा की जाती है। 
  7. पूजा में सतनाजा यानी सात प्रकार के अनाज (चना, जौ, गेहूं, धान, अरहर, मक्का और मूंग) चढ़ाने के बाद हरी कजरिया, होली की राख, धूल, भुने चने का होरहा और जौ की बालियां चढ़ाएं। 
  8. पूजा स्थल पर बच्चों के खिलौने रखें और एक जल से भरा घड़ा भी रखें।
  9.  हरछठ के पास श्रृंगार का सामान, हल्दी से रंगे वस्त्र और आभूषण रखें। पूजा में भैंस के दूध और दही का ही प्रयोग करें। इसके बाद सभी का पूजन करें और कथा सुनें।

 

यहाँ पढें हरछठ कथा | Harchat katha 

हरछठ की कहानी | Harchat ki kahani | हल छठ की कहानी | हलषष्ठी की कहानी | 6 कहानियाँ

 

हर छठ में क्या खाना चाहिए - हरछठ पर क्या क्या खा सकते हैं

  • हरछठ व्रत में केवल उन्हीं चीजों को खाया जाता है जो तालाब में उगाई जाती हैं जैसे - तिन्नी चावल, केरमुआ साग, पसही चावल और चीनी चावल का सेवन किया जाता है।
  • इस दिन भैंस का दूध, घी, सूखे मेवे, लाल चावल आदि का सेवन किया जाता है। गाय का दूध और दही का सेवन वर्जित है।
  • इस दिन माताओं को महुआ की दातुन करने और महुआ खाने का विधान है। 

 

हरछठ के दिन क्या नहीं करना चाहिए?

  • हल से जोती हुई कोई भी चीज़ अनाज खाना वर्जित है
  • प्याज, लहसुन जैसे तामसिक भोजन का प्रयोग न करें।

 

BhaktiHome