
जन्माष्टमी 56 भोग हिंदी में (56 bhog list for janmashtami in Hindi): श्री कृष्ण जन्माष्टमी पूजा के दौरान 56 तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं और भगवान कृष्ण को अर्पित किए जाते हैं।
इस खास व्यंजन को अन्नकूट कहते हैं। भोग को भी निश्चित क्रम में सजाना होता है। दूध से बने पदार्थ भगवान कृष्ण के सबसे करीब रखे जाते हैं। इसके बाद बेसन और फिर नमकीन व्यंजन परोसे जाते हैं। अंत में इलाची का भोग लगाया जाता है।
जन्माष्टमी 56 भोग लिस्ट (56 bhog list for janmashtami)
यहां 56 वस्तुओं की सूची दी गई है जो दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कुछ अलग भी हो सकती है ।
- मक्खन मिश्री - Makkhan mishri
- खीर - Kheer
- रसगुल्ला - Rasgulla
- जीरा लड्डू - Jeera ladoo
- जलेबी - Jalebi
- रबड़ी - Rabri
- मठरी - Mathri
- मालपुआ - Malpua
- मोहनभोग - Mohanbhog
- चटनी - Chutney
- मुरब्बा - Murabba
- साग - Saag
- दही - Curd
- चावल - Rice
- दाल - Dal
- कड़ी - Kadi
- घेवर - Ghewar
- चीला - Chila
- पेड़ा - Peda
- पापड़ - Papad
- मूंग दाल का हलवा - Moong dal ka halwa
- पकौड़ा - Pakoda
- खिचड़ी - Khichadi
- बैंगन - Brinjal
- लौकी - Bottle gourd
- पूरी - Poori
- बादाम दूध - Almond milk
- टिक्की - Tikkis
- काजू - Cashews
- बादाम - Almonds
- पिस्ता - Pistachios
- पंचामृत - Panchamrut
- मुरब्बा - Murabba
- शक्करपारा - Shakkarpaara
- दलिया - Dalia
- घी - Ghee
- शहद - Honey
- मक्खन - Butter
- मलाई - Malai
- कचौरी - Kachori
- रोटी - Roti
- नारियल पानी - Coconut water
- आम - Mango
- केला - Banana
- शिकंजी - Shikanji
- अंगूर - Grapes
- सेब - Apple
- बेर - Plum
- किशमिश - Raisins
- चना - Channa
- मीठा चावल - Sweet Rice
- भुजिया - Bhujia
- सुपारी - Supari
- सौंफ - Saunf
- पान - Paan
- इलायची - Elaichi
56 भोग में क्या चढ़ाएं - What to offer in 56 Bhog?
ये सामान्यतः 2 प्रकार के होते हैं
- 7 तरह के अनाज
- 7 तरह के फल
- 7 तरह के ड्राईफ्रूट
- 7 सब्जियां
- 7 मिठाइयां
- 7 पेय पदार्थ
- 7 नमकीन
- 7 चटनी या अचार
एक अन्य प्रकार में एक भोग
- 16 तरह के नमकीन
- 20 तरह की मिठाइयां
- 20 तरह के ड्राईफ्रूट
56 bhog list for janmashtami importance - जन्माष्टमी 56 भोग का महत्व
जन्माष्टमी 56 भोग के बारे में दो कथाएँ प्रचलित हैं।
1 - गोवर्धन पर्वत कथा
सबसे प्रचलित कथा के अनुसार माना जाता है कि माता यशोदा अपने बाल गोपाल को दिन में 8 प्रहर के हिसाब से, 8 बार भोजन कराती थीं।
लेकिन जब श्री कृष्ण ने गोवर्धन पूजा की तो देवराज इंद्र बृजवासियों से नाराज हो गए और गुस्से में भारी बारिश की ताकि बृजवासी माफी मांगने पर मजबूर हो जाएं,
लेकिन श्री कृष्ण ने बृजवासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया और सभी बृजवासियों को इस पर्वत के नीचे आने को कहा।
कथा के अनुसार श्री कृष्ण ने 7 दिनों तक बिना खाए-पीए गोवर्धन पर्वत को उठा रखा था।
जब इंद्र को अपनी गलती का अहसास हुआ तो उन्होंने स्वयं माफी मांगी।
7 वें दिन जब बारिश बंद हुई तो उनकी मां यशोदा ने बृजवासियों के साथ मिलकर 7 दिनों तक 8 पहर तक कृष्ण के लिए 56 व्यंजन बनाए।
तभी से श्री कृष्ण की पूजा में उन्हें 56 व्यंजनों का महाभोग लगाने की परंपरा है।
2 - गोपियों ने कान्हा को 56 भोग लगाया
प्रचलित कथाओं के अनुसार एक बार गोकुल की गोपियों ने श्री कृष्ण को पति रूप में पाने के लिए एक महीने तक लगातार यमुना नदी में स्नान किया और माता कात्यायनी की पूजा की।
जब श्री कृष्ण को इस बात का पता चला तो उन्होंने सभी गोपियों को आश्वासन दिया कि उनकी मनोकामना पूरी होगी।
इससे खुश होकर गोपियों ने श्री कृष्ण के लिए 56 तरह के व्यंजन बनाए।