लक्ष्मी पूजन विधि मंत्र सहित | Lakshmi pujan vidhi with mantra | Short Method

Published By: Bhakti Home
Published on: Friday, Oct 25, 2024
Last Updated: Friday, Nov 1, 2024
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लक्ष्मी पूजन विधि मंत्र सहित | Lakshmi pujan vidhi with mantra
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लक्ष्मी पूजन विधि मंत्र सहित, Lakshmi pujan vidhi with mantra - लक्ष्मी पूजन का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है, विशेषकर दीपावली के अवसर पर। यह पूजन देवी लक्ष्मी, जो कि धन, समृद्धि और सौभाग्य की अधिष्ठात्री मानी जाती हैं, के स्वागत और पूजन के लिए किया जाता है। इस दिन मान्यता है कि देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं और जिनके घर में स्वच्छता और पूजन होता है, वहां स्थाई रूप से निवास करती हैं। लक्ष्मी पूजन से न केवल आर्थिक सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है, बल्कि घर में सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है।

लक्ष्मी पूजन में भगवान गणेश की पूजा भी साथ में की जाती है, क्योंकि वे शुभता, बाधा निवारण और बुद्धि के प्रतीक माने जाते हैं। इसी कारण से दीपावली की रात को लक्ष्मी और गणेश जी का संयुक्त पूजन किया जाता है।

 

लक्ष्मी पूजन विधि मंत्र सहित | Lakshmi pujan vidhi with mantra

लक्ष्मी पूजन सामग्री / दिवाली पूजन सामग्री

लक्ष्मी पूजन या दिवाली पूजा के लिए आवश्यक सामग्री निम्नलिखित है:

  • कलावा, रोली, सिंदूर, नारियल, अक्षत (चावल), लाल वस्त्र
  • फूल, 5 सुपारी, लौंग, पान के पत्ते, घी, कलश
  • आम के पत्ते, चौकी, समिधा, हवन कुंड, हवन सामग्री
  • कमल गट्टे, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल)
  • फल, बताशे, मिठाईयां, पूजा का आसन, हल्दी, अगरबत्ती
  • कुमकुम, इत्र, दीपक, रूई, आरती की थाली, कुशा, चंदन

दिवाली पूजा की तैयारी

दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन की तैयारी में निम्नलिखित कदम शामिल होते हैं:

  1. रंगोली - पूजा स्थल पर रंगोली सजाएं।
  2. दीप जलाएं - चौकी के चारों ओर दीप प्रज्वलित करें।
  3. मूर्ति स्थापना - मूर्ति स्थापित करने से पहले थोड़े चावल (अक्षत) चौकी पर रखे फिर इसके बाद अक्षत पर गणेश-लक्ष्मी प्रतिमा रखें।
  4. दाहिनी ओर गणेश जी - गणेश जी के दाहिनी ओर लक्ष्मी जी की प्रतिमा स्थापित करें।
  5. दीपक सजावट - दो दीपक रखें, एक में तेल और दूसरे में घी भरें।

लक्ष्मी पूजन विधि | दिवाली पूजन विधि

पूजन की विधि में निम्नलिखित क्रम शामिल होता है:

1 - शुद्धिकरण

  • पूजा स्थल को गंगा जल से शुद्ध करें और मंत्र का जाप करें।

    ॐ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपि वा। 

    य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स: बाह्याभ्यतंरं शुचि:'

  • लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियों को स्थापित करें।

 

2 - आचमन

  • अब आपको आचमन करना है। इसके लिए अपने दाहिने हाथ में तीन बार जल लेकर आचमन करें, और निम्न मंत्र उच्चारण करें:
    • 'ॐ केशवाय नमः।'
    • 'ॐ नारायणाय नमः।'
    • 'ॐ माधवाय नमः।'
    • 'ॐ गोविन्दाय नमः।' हस्तं प्रक्षालयामि।

 

3 - दीप प्रज्ज्वलन

  • दीप जलाते समय मंत्र 'दीप ज्योति महादेवि शुभं भवतु मे सदा' का जाप करें।

 

4 - मंत्र जाप एवं आह्वान

  • फिर देवी लक्ष्मी का आह्वान करें। इसके लिए आह्वान मुद्रा में बैठें और कहें, ‘हे महादेवी लक्ष्मी, मैं आपका आह्वान करता हूं। कृपया मेरा आह्वान स्वीकार करें और पधारें।’ 
  • हाथ में पांच फूल लेकर उन्हें अर्पित करें और ‘श्री लक्ष्मी देव्यै पंच पुष्पाणि समर्पयामि’ कहकर देवी से आसन ग्रहण करने का अनुरोध करें।
  •  इसके बाद ‘श्री लक्ष्मी देवि स्वागतम्’ कहकर देवी लक्ष्मी का स्वागत करें।

 

5 - मां लक्ष्मी का स्नान

  1. पाद प्रक्षालन
    • 'श्रीलक्ष्मीदेव्यै पाद्यं समर्पयामि' मंत्र पढ़ते हुए चरणों में जल समर्पित करें।
  2. अभिषेक
    • सिर के अभिषेक के लिए 'श्रीलक्ष्मी देव्यै अर्घ्य समर्पयामि' मंत्र उच्चारित करें।
  3. पंचामृत स्नान
    • पंचामृत से स्नान कराते हुए 'श्रीलक्ष्मीदेव्यै पंचामृत स्नानं समर्पयामि' मंत्र पढ़ें।

 

6 - षोडशोपचार पूजन

षोडशोपचार विधि में 16 प्रकार की पूजा सामग्री के साथ मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है:

  1. गुलाल अर्पण
    • 'श्रीलक्ष्मीदेव्यै अबीरगुलालं समर्पयामि' मंत्र से गुलाल समर्पित करें।
  2. सुगंधित तेल अर्पण
    • 'श्रीलक्ष्मीदेव्यै सुगंधिततैलं समर्पयामि' कहकर सुगंधित तेल अर्पित करें।
  3. अक्षत एवं चंदन अर्पण
    • 'श्रीलक्ष्मीदेव्यै अक्षतं समर्पयामि' और 'श्रीलक्ष्मीदेव्यै चंदनं समर्पयामि' कहकर अक्षत और चंदन अर्पित करें।

 

7 - अष्ट सिद्धि एवं अष्ट लक्ष्मी पूजन

  1. अष्ट सिद्धि पूजन
  2. अष्ट लक्ष्मी पूजन
    • इसी विधि के अनुसार मां लक्ष्मी की आठ स्वरूपों में पूजन करें।

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8 - अंतिम चरण

  1. धूप एवं दीप समर्पण
    • 'श्रीलक्ष्मी देव्यै धूपं समर्पयामि' और 'श्रीलक्ष्मीदेव्यै दीपं समर्पयामि' मंत्र के साथ धूप और दीप समर्पित करें।
  2. प्रदक्षिणा और प्रसाद वितरण
    • मां लक्ष्मी के चरणों में साष्टांग प्रणाम करें और आरती कर प्रसाद बांटें।

 

लक्ष्मी-गणेश आरती

आरती श्री लक्ष्मी जी | Lakshmi ji Aarti in Hindi

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।

तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

 

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।

सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

 

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

 

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

 

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।

सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

 

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।

खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

 

शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता।

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

 

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।

उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

 

गणेश जी की आरती

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,
माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी। 
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।।


जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया। 
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।। 


जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा। 

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी। 
कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी।

 

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