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मां कात्यायनी पूजा विधि | Maa Katyayani puja vidhi for marriage | Katyayani devi puja vidhi

Published By: bhaktihome
Published on: Tuesday, October 8, 2024
Last Updated: Tuesday, October 8, 2024
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मां कात्यायनी पूजा विधि | Maa Katyayani puja vidhi for marriage | Katyayani devi puja vidhi
Table of contents

Maa Katyayani puja vidhi | मां कात्यायनी पूजा विधि - मां कात्यायनी की पूजा नवरात्रि के छठे दिन की जाती है। यह पूजा देवी दुर्गा के छठे स्वरूप, मां कात्यायनी को समर्पित है, जो शक्ति, साहस और विजय की प्रतीक मानी जाती हैं। भक्त इस दिन विधिपूर्वक पूजा कर मां का आह्वान करते हैं और उनसे अपने कष्टों का निवारण तथा आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं। इस पूजा में पंचोपचार या षोडशोपचार विधि से मां की आराधना की जाती है और प्रसाद वितरण के साथ समापन होता है।

आइये जानते हैं  मां कात्यायनी पूजा विधि (Maa Katyayani puja vidhi).

Maa Katyayani puja vidhi | मां कात्यायनी पूजा विधि

मां कात्यायनी की पूजा नवरात्रि के छठे दिन की जाती है। यह पूजा भक्तों को साहस, शक्ति और विजय प्रदान करती है। मां कात्यायनी की पूजा विधि इस प्रकार है:

1. स्नान और शुद्धिकरण:

  • पूजा से पहले सुबह स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • पूजा स्थान को साफ कर, गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें।

2. घटस्थापना और दीप प्रज्वलन:

  • एक साफ स्थान पर चौकी (पाट) रखें और उस पर मां की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
  • दीपक जलाकर पूजा स्थान को आलोकित करें।
  • गणपति का ध्यान करते हुए पूजा की शुरुआत करें।

मंत्र:
"ॐ गं गणपतये नमः"

3. मां कात्यायनी का आवाहन:

  • मां का आवाहन करते हुए ध्यान करें और उन्हें अपने पूजा स्थल पर विराजमान होने की प्रार्थना करें।

मंत्र:
"ॐ ह्रीं कात्यायन्यै नमः"

4. संकल्प:

  • संकल्प करें कि आप मां कात्यायनी की पूजा कर रहे हैं और उनसे अपने कष्टों का निवारण व आशीर्वाद की प्रार्थना करें।

संकल्प मंत्र:
"मम सकलसौख्य सिद्धये, क्षेमस्थैर्य बुद्धिवृद्धये, कात्यायनी पूजनं करिष्ये।"

5. पंचोपचार या षोडशोपचार पूजा:

  • पंचोपचार या षोडशोपचार के द्वारा मां की पूजा करें। इसमें मां को स्नान, वस्त्र, पुष्प, धूप-दीप, नैवेद्य और फल अर्पित करें।
  1. आसन अर्पण:
    मां को आसन अर्पित करें। 

    मंत्र:
    "ॐ ह्रीं कात्यायनी देवी, आसनं समर्पयामि।"

  2. पाद्य अर्पण (पैर धोने का जल):
    मां के चरणों को जल से धोएं। 

    मंत्र:
    "ॐ ह्रीं कात्यायनी देवी, पाद्यं समर्पयामि।"

  3. अर्घ्य अर्पण (हाथ धोने का जल):
    मां को अर्घ्य अर्पित करें। 

    मंत्र:
    "ॐ ह्रीं कात्यायनी देवी, अर्घ्यं समर्पयामि।"

  4. आचमन:
    मां को शुद्ध जल पिलाएं। 

    मंत्र:
    "ॐ ह्रीं कात्यायनी देवी, आचमनीयं समर्पयामि।"

  5. स्नान:
    मां को पंचामृत से स्नान कराएं। 

    मंत्र:
    "ॐ ह्रीं कात्यायनी देवी, स्नानं समर्पयामि।"

  6. वस्त्र अर्पण:
    मां को वस्त्र अर्पित करें। 

    मंत्र:
    "ॐ ह्रीं कात्यायनी देवी, वस्त्रं समर्पयामि।"

  7. अभूषण अर्पण:
    मां को आभूषण अर्पित करें। 

    मंत्र:
    "ॐ ह्रीं कात्यायनी देवी, आभूषणानि समर्पयामि।"

  8. गंध अर्पण:
    मां को चंदन का लेप लगाएं। 

    मंत्र:
    "ॐ ह्रीं कात्यायनी देवी, गंधं समर्पयामि।"

  9. अक्षत अर्पण:
    मां को अक्षत (चावल) अर्पित करें।

     मंत्र:
    "ॐ ह्रीं कात्यायनी देवी, अक्षतानि समर्पयामि।"

  10. पुष्प अर्पण:
    मां को पुष्प अर्पित करें। 

    मंत्र:
    "ॐ ह्रीं कात्यायनी देवी, पुष्पं समर्पयामि।"

  11. धूप अर्पण:
    मां को धूप अर्पित करें। 

    मंत्र:
    "ॐ ह्रीं कात्यायनी देवी, धूपं समर्पयामि।"

  12. दीप अर्पण:
    मां को दीपक दिखाएं। 

    मंत्र:
    "ॐ ह्रीं कात्यायनी देवी, दीपं समर्पयामि।"

  13. नैवेद्य अर्पण:
    मां को नैवेद्य (मिठाई, फल, मेवा) अर्पित करें।

    मंत्र:
    "ॐ ह्रीं कात्यायनी देवी, नैवेद्यं समर्पयामि।"

  14. ताम्बूल अर्पण:
    मां को पान सुपारी अर्पित करें। 

    मंत्र:
    "ॐ ह्रीं कात्यायनी देवी, ताम्बूलं समर्पयामि।"

  15. फूल-माला अर्पण:
    मां को माला पहनाएं।

    मंत्र:
    "ॐ ह्रीं कात्यायनी देवी, माला समर्पयामि।"

  16. कपूर आरती:
    मां की कपूर जलाकर आरती करें और मां का स्मरण करें। 

    मंत्र:
    "ॐ ह्रीं कात्यायनी देवी, आरार्तिकं समर्पयामि।"

     

6. मां कात्यायनी का ध्यान और स्तुति:

मां की आराधना और स्तुति करते हुए निम्न मंत्र का जाप करें।

मां कात्यायनी ध्यान और स्तुति मंत्र

चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।

कात्यायनी शुभं दद्यात् देवी दानवघातिनी॥

विवाह के लिए माँ कात्यायनी मंत्र | Maa katyayani mantra for marriage in hindi

कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी।

नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।

ॐ ह्रीं नम:।। ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥

 

7. प्रार्थना और क्षमायाचना:

  • पूजा के अंत में मां से अपने पापों की क्षमा याचना करें और प्रार्थना करें कि वे आपकी मनोकामनाओं को पूरा करें।

मंत्र:
"ॐ क्षमा प्रार्थना।"

8. भोग वितरण और प्रसाद ग्रहण:

  • पूजा के अंत में मां को अर्पित नैवेद्य को प्रसाद के रूप में बांटें और ग्रहण करें।

9. समापन:

  • पूजा की समाप्ति पर मां को पुनः प्रणाम करें और उनके आशीर्वाद की प्रार्थना करें।

इस प्रकार मां कात्यायनी की पूजा विधि पूरी होती है। इस पूजा से भक्तों को शक्ति, साहस और विजय की प्राप्ति होती है।

 

Also read - माँ कात्यायनी मंत्र | Maa Katyayani mantra in sanskrit with meaning

 

कात्यायनी माता की कथा | katyayani mata ki katha

नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। इनकी पूजा और प्रार्थना करने से भक्तों को धन, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की सहज ही प्राप्ति हो जाती है। 

उनके रोग, शोक, संताप और भय नष्ट हो जाते हैं। जन्मों के सभी पाप भी नष्ट हो जाते हैं। नवरात्रि के छठे दिन इसी देवी की पूजा की जाती है। कात्य गोत्र के विश्वविख्यात महर्षि कात्यायन ने भगवती पराम्बा की आराधना की थी। 

उन्होंने कठोर तपस्या की थी। उन्हें पुत्री की कामना थी। मां भगवती ने उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लिया। इसीलिए इन्हें देवी कात्यायनी कहा जाता है। 

इनका गुण अनुसंधान कार्य है। इसीलिए इस वैज्ञानिक युग में कात्यायनी का महत्व सबसे अधिक हो जाता है। इनकी कृपा से ही सभी कार्य पूर्ण होते हैं। 

ये वैद्यनाथ नामक स्थान पर प्रकट हुई थीं और इनकी पूजा की गई थी। मां कात्यायनी अमोघ फलदायिनी हैं। ब्रज की गोपियों ने भगवान कृष्ण को पति रूप में पाने के लिए इनकी पूजा की थी। 

यह पूजा कालिंदी यमुना के तट पर की गई थी। इसीलिए इन्हें ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में पूजा जाता है।

इनका स्वरूप अत्यंत भव्य और दिव्य है। ये सोने के समान चमकती हैं और कांतिमय हैं। इनकी चार भुजाएं हैं। ऊपर वाला दाहिना हाथ अभय मुद्रा में है और नीचे वाला वर मुद्रा में है। 

मां के ऊपर वाले बाएं हाथ में तलवार है और नीचे वाले हाथ में कमल का फूल सुशोभित है। इनका वाहन भी सिंह है। 

इनकी पूजा और प्रार्थना करने से भक्तों को धन, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की सहज ही प्राप्ति हो जाती है। भक्तों के रोग, शोक, संताप और भय नष्ट हो जाते हैं। जन्मों के सभी पाप भी नष्ट हो जाते हैं। इसीलिए कहा जाता है कि इस देवी की पूजा करने से परम पद की प्राप्ति होती है।

 

कात्यायनी माता की आरती | Katyayani mata ki aarti

जय जय अंबे जय कात्यायनी ।

जय जगमाता जग की महारानी ।।

 

बैजनाथ स्थान तुम्हारा।

वहां वरदाती नाम पुकारा ।।

 

कई नाम हैं कई धाम हैं।

यह स्थान भी तो सुखधाम है।।

 

हर मंदिर में जोत तुम्हारी।

कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी।।

 

हर जगह उत्सव होते रहते।

हर मंदिर में भक्त हैं कहते।।

 

कात्यायनी रक्षक काया की।

ग्रंथि काटे मोह माया की ।।

 

झूठे मोह से छुड़ानेवाली।

अपना नाम जपानेवाली।।

 

बृहस्पतिवार को पूजा करियो।

ध्यान कात्यायनी का धरियो।।

 

हर संकट को दूर करेगी।

भंडारे भरपूर करेगी ।।

 

जो भी मां को भक्त पुकारे।

कात्यायनी सब कष्ट निवारे।।

 

माँ कात्यायनी पूजा लाभ | Maa Katyayani puja benefits

मां कात्यायनी की पूजा विधि के कई आध्यात्मिक और व्यक्तिगत लाभ माने जाते हैं। यहां मां कात्यायनी की पूजा विधि के कुछ प्रमुख लाभ दिए गए हैं:

  1. विवाह संबंधी बाधाओं का निवारण: मां कात्यायनी की पूजा विशेष रूप से उन अविवाहित कन्याओं के लिए लाभकारी मानी जाती है जो विवाह में आ रही अड़चनों को दूर करना चाहती हैं। इस पूजा से शीघ्र और शुभ विवाह की प्राप्ति होती है।
  2. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: मां कात्यायनी की पूजा करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। देवी की कृपा से रोग, दुख, और तनाव से मुक्ति मिलती है।
  3. साहस और आत्मबल का विकास: मां कात्यायनी को शक्ति और साहस का प्रतीक माना जाता है। उनकी पूजा से व्यक्ति के भीतर साहस, आत्मविश्वास और संघर्ष करने की शक्ति का विकास होता है।
  4. नकारात्मक शक्तियों से रक्षा: मां कात्यायनी की आराधना करने से व्यक्ति को नकारात्मक शक्तियों और बुरी आत्माओं से सुरक्षा मिलती है। देवी की कृपा से घर और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
  5. संतान सुख की प्राप्ति: मां कात्यायनी की पूजा करने से संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दंपतियों को विशेष लाभ होता है। देवी उनकी प्रार्थनाओं को सुनकर संतान सुख प्रदान करती हैं।
  6. धन और समृद्धि: मां कात्यायनी की पूजा करने से धन, समृद्धि और सौभाग्य का आगमन होता है। देवी की कृपा से जीवन में आर्थिक स्थिरता आती है।
  7. आध्यात्मिक उन्नति: इस पूजा से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है। ध्यान और साधना के माध्यम से मां कात्यायनी की कृपा प्राप्त होती है, जिससे व्यक्ति को मोक्ष और आत्मिक शांति की प्राप्ति होती है।

मां कात्यायनी की पूजा विधि से प्राप्त ये लाभ न केवल भौतिक जीवन को सुधारते हैं, बल्कि आध्यात्मिक जीवन में भी उन्नति प्रदान करते हैं।

 

 

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