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मां महागौरी पूजा विधि | Maa Mahagauri puja vidhi - Step by Step

Published By: bhaktihome
Published on: Wednesday, October 9, 2024
Last Updated: Wednesday, October 9, 2024
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मां महागौरी पूजा विधि | Maa Mahagauri puja vidhi
Table of contents

Maa Mahagauri puja vidhi, मां महागौरी पूजा विधि - मां महागौरी नवरात्रि के आठवें दिन पूजी जाती हैं और इनकी पूजा से सभी पापों का नाश होता है, साथ ही सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। मां महागौरी को सफेद वस्त्र और सुगंधित पुष्प अर्पित करने के बाद विधिपूर्वक पूजा की जाती है। 

 

मां महागौरी पूजा विधि (Step by Step) - हिंदी में

मां महागौरी पूजा विधि में स्नान, संकल्प, धूप-दीप जलाना, मंत्र जाप और आरती का महत्व है। पूजा के अंत में कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है, जो मां महागौरी की कृपा प्राप्त करने का श्रेष्ठ माध्यम है।

मां महागौरी नवरात्रि के आठवें दिन पूजी जाती हैं। इन्हें सौंदर्य, शांति, और सुख-समृद्धि की देवी माना जाता है। इनकी पूजा से समस्त पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यहां मां महागौरी की पूजा विधि और संबंधित मंत्र दिए गए हैं:

1. स्नान और पवित्रता (Shuddhi)

  • सबसे पहले सुबह स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थल को साफ करके मां महागौरी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
  • पूजा के लिए साफ चौकी पर सफेद वस्त्र बिछाएं।

2. संकल्प (Sankalp)

  • पूजा की शुरुआत में संकल्प लें। जल, अक्षत (चावल), और फूल हाथ में लेकर मां महागौरी का ध्यान करें और अपनी कामनाओं का उच्चारण करें:

    संकल्प मंत्र:
    "मम समस्त पाप-निवारणार्थं, सर्व-कामना-सिद्ध्यर्थं, श्रीमहागौरी देवी पूजनं करिष्ये।"

3. धूप-दीप जलाएं (Lighting Lamp and Incense)

  • मां के सामने घी का दीपक और धूप जलाएं।

    मंत्र:
    "ॐ महागौर्यै नमः, दीपं समर्पयामि।"

4. आवाहन (Invocation of the Goddess)

  • मां महागौरी का आवाहन करें और उन्हें पूजा में उपस्थित होने के लिए आह्वान करें:

    आवाहन मंत्र:
    "ॐ महागौर्यै नमः, आवाहयामि, स्थापयामि।"

5. आसन अर्पण (Offering a Seat)

  • मां को आसन अर्पण करें। फूलों या चावल से आसन बनाकर अर्पण करें:

    मंत्र:
    "ॐ महागौर्यै नमः, आसनं समर्पयामि।"

6. पाद्य अर्पण (Washing Feet with Water)

  • मां महागौरी को पाद्य अर्पण करें, यानी उनके चरणों को धोने के लिए जल अर्पित करें:

    मंत्र:
    "ॐ महागौर्यै नमः, पाद्यं समर्पयामि।"

7. अर्घ्य अर्पण (Offering Holy Water)

  • मां को अर्घ्य (अर्पण करने योग्य जल) अर्पित करें:

    मंत्र:
    "ॐ महागौर्यै नमः, अर्घ्यं समर्पयामि।"

8. आचमन अर्पण (Offering Water for Purification)

  • आचमन के लिए शुद्ध जल अर्पित करें:

    मंत्र:
    "ॐ महागौर्यै नमः, आचमनीयं समर्पयामि।"

9. वस्त्र अर्पण (Offering Clothes)

  • मां महागौरी को वस्त्र अर्पित करें। सफेद या हल्के रंग के वस्त्र पसंद किए जाते हैं:

    मंत्र:
    "ॐ महागौर्यै नमः, वस्त्रं समर्पयामि।"

10. चंदन और अक्षत अर्पण (Offering Sandalwood and Rice)

  • चंदन और अक्षत (चावल) मां को अर्पित करें:

    मंत्र:
    "ॐ महागौर्यै नमः, चन्दनं समर्पयामि।"

11. पुष्प अर्पण (Offering Flowers)

  • मां महागौरी को सुगंधित फूल अर्पित करें। सफेद या गुलाबी फूल विशेष रूप से प्रिय होते हैं:

    मंत्र:
    "ॐ महागौर्यै नमः, पुष्पाणि समर्पयामि।"

12. नैवेद्य अर्पण (Offering Food)

  • मां को नैवेद्य (भोग) अर्पित करें। विशेष रूप से हलवा, पूरी, या सफेद मिठाई जैसे खीर अर्पित करें:

    मंत्र:
    "ॐ महागौर्यै नमः, नैवेद्यं समर्पयामि।"

13. फल और मिष्ठान्न अर्पण (Offering Fruits and Sweets)

  • मां को विभिन्न प्रकार के फल और मिष्ठान्न अर्पित करें। केले, सेब और मिठाई जैसे लड्डू या पेड़ा अर्पित करें:

    मंत्र:
    "ॐ महागौर्यै नमः, फलानि समर्पयामि।"

14. पान और सुपारी अर्पण (Offering Betel Leaves and Nuts)

  • मां को पान और सुपारी अर्पण करें:

    मंत्र:
    "ॐ महागौर्यै नमः, तांबूलं समर्पयामि।"

15. मंत्र जाप (Chanting Mantras)

  • मां महागौरी को प्रसन्न करने के लिए निम्नलिखित मंत्र का जाप करें:

    मंत्र:
    "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महागौर्यै नमः।"

  • इस मंत्र का 108 बार जाप करें।

16. आरती (Aarti)

  • अंत में, मां महागौरी की आरती करें। आरती के दौरान दीपक घुमाएं और आरती का पाठ करें:

    आरती:
    "जय महागौरी जगत की माया।"

    माँ महागौरी की आरती नीचे दी गयी है ।

17. क्षमा प्रार्थना (Apology)

  • पूजा में किसी त्रुटि के लिए मां से क्षमा प्रार्थना करें:

    मंत्र:
    "ॐ महागौर्यै नमः, यथासामर्थ्यं पूजनं समर्पितं, क्षमस्व ममापराधं।"

18. कन्या पूजन (Kanya Pujan)

  • मां महागौरी की पूजा के बाद कन्या पूजन अवश्य करें। नौ कन्याओं को भोजन कराएं, उन्हें उपहार और प्रसाद दें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।

मां महागौरी पूजा का महत्व:

  • मां महागौरी की पूजा से सभी प्रकार के पापों का नाश होता है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
  • उनकी कृपा से विवाह, संतान, और सुख-समृद्धि से जुड़े कार्यों में सफलता मिलती है।
  • मां महागौरी का ध्यान करने से जीवन में आने वाले सभी प्रकार के संकट और कष्ट दूर होते हैं।

 

मां महागौरी की कथा (हिंदी में) | Maa Mahagauri ki katha

मां महागौरी की कथा के अनुसार, देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। उन्होंने घोर जंगलों में जाकर कई वर्षों तक कठिन तप किया। उनकी तपस्या इतनी कठोर थी कि उनका शरीर धूल और मिट्टी से भर गया और रंग काला पड़ गया। उनकी इस तपस्या को देखकर सभी देवता भी अचंभित हो गए।

देवी की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें स्वीकार करने का निश्चय किया। जब भगवान शिव ने उनकी तपस्या की कठोरता और भक्ति को देखा, तो उन्होंने गंगा नदी के पवित्र जल से देवी पार्वती के शरीर को धोया। स्नान के बाद देवी का शरीर पूरी तरह से उज्जवल, अत्यंत गोरा और सुंदर हो गया। तभी से उन्हें "महागौरी" के नाम से जाना जाने लगा, जिसका अर्थ है अत्यंत गोरी और पवित्र।

मां महागौरी को प्रसन्न करने से भक्तों को जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। उनका ध्यान और पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है और भक्तों को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। मां महागौरी का स्वरूप बहुत ही शांत, सौम्य और उज्जवल है, और उन्हें सौंदर्य, पवित्रता और कल्याण की देवी माना जाता है।

मां महागौरी की इस कथा से यह संदेश मिलता है कि कठोर तपस्या और सच्ची भक्ति से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और जीवन में सफलता प्राप्त होती है।

 

मां महागौरी आरती | Maa mahagauri aarti

 

मां महागौरी की आरती - 1

जय महागौरी जगत की माया।

जय उमा भवानी जय महामाया॥

हरिद्वार कनखल के पासा।

महागौरी तेरा वहा निवास॥

 

चन्द्रकली और ममता अम्बे।

जय शक्ति जय जय माँ जगदम्बे॥

भीमा देवी विमला माता।

कौशिक देवी जग विख्यता॥

 

हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा।

महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा॥

सती (सत) हवन कुंड में था जलाया।

उसी धुएं ने रूप काली बनाया॥

 

बना धर्म सिंह जो सवारी में आया।

तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया॥

तभी माँ ने महागौरी नाम पाया।

शरण आनेवाले का संकट मिटाया॥

 

शनिवार को तेरी पूजा जो करता।

माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता॥

भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो।

महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो॥

 

मां महागौरी की आरती - 2

जय महागौरी, जगत की माया।
जय उमा, भगत की काया।
शुभ गुण मंदिर, सुख धामा।
जय जय दुर्गा, सुख नामा।

चंद्रकला, शोभित तुहि से।
कानन कुंडल, मृगमद सोहे।
नागेंद्र हार, फूल छबीले।
रक्त वस्त्र पहरावे नीले।

केहरि वाहन, सोहे भवानी।
लांगुर वीर, चले अगवानी।
कर में त्रिशूल, सोहत है।
दमक रही ममता है।

सोहे अस्त्र और त्रिशूल।
जगमग रहे, शांति की मूल।
शंकर के संग, शोभित छवि।
महागौरी अम्बे हे।

 

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