सकट चौथ व्रत विधि | Sakat Chauth vrat vidhi in Hindi

Published By: bhaktihome
Published on: Friday, January 17, 2025
Last Updated: Friday, January 17, 2025
Read Time 🕛
4 minutes
Rate it !
No votes yet
Sakat Chauth vrat vidhi in Hindi
Table of contents

सकट चौथ व्रत विधि | Sakat Chauth vrat vidhi in Hindi - वैदिक पंचांग के अनुसार माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ने वाले चतुर्थी व्रत को सकट चौथ व्रत कहा जाता है। इस तिथि को तिल चतुर्थी, संकष्टी चतुर्थी और माघी चतुर्थी भी कहा जाता है।

माघ महीने में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी को सकट चौथ के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं और गणपति की पूजा करती हैं।

सकट चौथ पूजा विधि (Sakat Chauth Puja Vidhi In Hindi)

  1. सकट चौथ व्रत के दिन सूर्योदय से पहले उठें.
  2. फिर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें. इसके बाद व्रत का संकल्प लें.
  3. इसके बाद भगवान गणेश की पूजा करें.
  4. ध्यान रखें कि पूजा के समय आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए.
  5. पूजा में तिल, तांबे के लोटे में जल, गुड़, फूल, चंदन, भोग, प्रसाद, केला, नारियल आदि शामिल करें.
  6. ध्यान रखें कि आपको इस पूजा में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल नहीं करना है.
  7. सकट चौथ पूजा में दुर्गा माता की मूर्ति भी रखें.
  8. उन्हें फूल और भोग अर्पित करें.
  9. मंदिर में घी का दीपक जलाएं और इसके बाद सच्चे मन से इस मंत्र का जाप करें

    गजाननं भूत गणादि सेवतं, कपित्थ जम्बू फल चारु भक्षणम्.

    उमासुतं शोक विनाशकारकम, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम।

  10. फिर शाम को चांद निकलने से पहले फिर से भगवान गणेश की पूजा करें। साथ ही इस दौरान सकट चौथ कथा भी सुनें। इसके बाद भगवान गणेश की आरती करें।
  11. आरती के बाद भगवान को तिल के लड्डू, बूंदी के लड्डू, गन्ना, शकरकंद और घी का प्रसाद चढ़ाएं।
  12. गणेश मंत्र का जाप करते हुए उन्हें 21 दूर्वा अर्पित करें।
  13. रात में विधि-विधान से चंद्र देव की पूजा करें।
  14. चंद्रमा को अर्घ्य दें और उन्हें धूप-दीप दिखाएं। फिर उन्हें प्रसाद चढ़ाएं।
  15. इस दिन गणपति बप्पा और चंद्र देव से अपने बच्चों की लंबी उम्र की प्रार्थना करें।
  16. चंद्रमा की पूजा करने के बाद नियमानुसार दूध और शकरकंद खाकर अपना व्रत खोलें।

 

Sakat Chauth fast vidhi in English | Sakat chauth vrat procedure

 

सकट चौथ व्रत कथा | Sakat Chauth Vrat Katha

सकट चौथ की व्रत कथा के अनुसार एक समय की बात है, एक नगर में एक कुम्हार रहता था। 

एक दिन जब कुम्हार ने बर्तन बनाकर आवा आग पर रखा तो वह पका नहीं। तब कुम्हार चिंतित होकर राजा के पास गया और उसे पूरी कहानी बताई। 

तब राजा ने राज पंडित को बुलाकर उपाय पूछा तो पंडित ने कहा कि यदि गांव के हर घर से प्रतिदिन एक बच्चे की बलि दी जाए तो प्रतिदिन आवा पकेगा। राजा ने पूरे नगर को ऐसा करने का आदेश दिया। 

कई दिनों तक हर घर से एक बच्चे की बलि दी जाती रही और फिर जब एक बुढ़िया के घर की बारी आई तो वह यह सोचकर चिंतित होने लगी कि उसके बुढ़ापे का एकमात्र सहारा उसका इकलौता बेटा है। 

अगर उसकी भी बलि चढ़ गई तो उसका क्या होगा। तब उसने सकट की सुपारी और घास अपने बेटे को दी और कहा 'जा बेटा सकट माता तेरी रक्षा करेंगी' और वह स्वयं सकट माता का ध्यान करने लगी। 

अगली सुबह कुम्हार ने देखा कि आंव पक गया है और बच्चे को कुछ नहीं हुआ और फिर सकट माता की कृपा से नगर के वे बच्चे भी जीवित हो गए जिनकी बलि पहले दी गई थी। कहा जाता है कि उस दिन के बाद से सकट चौथ व्रत का महत्व कई गुना बढ़ गया और इस दिन माताएं अपने बच्चों की रक्षा के लिए व्रत और पूजा करने लगीं।

 

गणेश जी मंत्र | Ganesh ji mantra

गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:

ॐ गं गणपतये नमो नमः

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ: ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥

वक्रतुण्ड महाकाय मंत्र का हिंदी अर्थ:

जिनका मुंह घुमावदार है। जिनका शरीर विशाल है, जो अपने भक्तजनों के पाप को तुरंत हर लेते है, जो करोड़ों सूर्य के समान तेजस्वी हैं, जो ज्ञान का प्रकाश चारों ओर फैला सकते हैं, जो सभी कार्यों में होने वाले बाधाओं को दूर कर सकते है, वैसे प्रभु आप मेरे सभी कार्यों की बाधाओं को शीघ्र दूर करें। आप मुझ पर अपनी कृपा दृष्टि सदैव बनाए रखें।

 

Top 10 Ganesh ji mantra in Hindi, English with meaning

 

सकट चौथ व्रत महत्व

  • सकट चौथ व्रत विशेष रूप से संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है, जिन्हें विघ्नहर्ता के रूप में पूजा जाता है।
  • मान्यता है कि इस व्रत को रखने से सभी तरह के कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख-शांति आती है।
  • भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और बुद्धि का देवता माना जाता है।
  • इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सफलता और समृद्धि के रास्ते खुलते हैं।

 

सकट चौथ 2025 तिथि और समय (As per India time)

  • सकट चौथ पूजा का पहला मुहूर्त सुबह 5:27 से 6:21 बजे तक रहेगा और 
  • दूसरा मुहूर्त सुबह 8:34 से 9:53 बजे तक रहेगा। 
  • तीसरा मुहूर्त सुबह 09:53 से 11:12 बजे तक रहेगा। 
  • चौथा मुहूर्त शाम 6 से 7 बजे के बीच रहेगा।

 

BhaktiHome