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सरस्वती पूजा विधि | Saraswati puja vidhi at home

Published By: bhaktihome
Published on: Saturday, January 25, 2025
Last Updated: Wednesday, January 29, 2025
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सरस्वती पूजा विधि | Saraswati puja vidhi at home
Table of contents

Saraswati puja vidhi, सरस्वती पूजा विधि, Saraswati puja vidhi at home - माँ सरस्वती की पूजा शिक्षा, ज्ञान और विद्या प्राप्ति के लिए की जाती है। यहाँ सरल और व्यवस्थित तरीके से सरस्वती पूजा विधि दी गई है, जिसमें हर चरण के साथ मंत्र, उसका उच्चारण और अर्थ भी दिया गया है।

सरस्वती पूजा विधि | Saraswati puja vidhi at Home

1. पूजा स्थल की तैयारी

  1. एक साफ और पवित्र स्थान चुनें।
  2. सफेद या पीले रंग के कपड़े का आसन बिछाएं।
  3. माँ सरस्वती की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  4. उनके सामने सफेद फूल, पीले वस्त्र, पुस्तकें, पेन और वाद्य यंत्र रखें।

2. संकल्प (Sankalpa)

पूजा से पहले संकल्प करें।

  • मंत्र (Sanskrit):
    "ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात्।"
  • Transliteration (English):
    "Om Bhoor Bhuvah Swah, Tat Savitur Varenyam, Bhargo Devasya Dheemahi, Dhiyo Yonah Prachodayat."
  • Meaning (Hindi):
    हम ईश्वर का ध्यान करते हैं, जो सृष्टि के कर्ता और पवित्र ज्ञान के दाता हैं।
  • Meaning (English):
    We meditate upon the divine creator who is the source of knowledge and light.

3. गणपति वंदना (Ganpati Vandana)

पूजा से पहले गणेश जी का आह्वान करें।

  • मंत्र (Sanskrit):
    "वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
    निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।"
  • Transliteration (English):
    "Vakratunda Mahakaya Surya Koti Samaprabha,
    Nirvighnam Kuru Me Deva Sarva Karyeshu Sarvada."
  • Meaning (Hindi):
    हे गजानन, आप सूर्य के समान तेजस्वी हैं। कृपया मेरी सभी कार्यों को बिना विघ्न के संपन्न करें।
  • Meaning (English):
    O Lord Ganesha, as radiant as the sun, remove obstacles from all my endeavors.

4. कलश स्थापना (Kalash Sthapana)

  1. कलश में पानी भरें और उसमें सुपारी, आम के पत्ते और नारियल रखें।
  2. कलश को माँ सरस्वती के दाईं ओर रखें।
  • मंत्र (Sanskrit):
    "ॐ कलशाय नमः।"
  • Transliteration (English):
    "Om Kalashaya Namah."
  • Meaning (Hindi):
    मैं कलश को प्रणाम करता/करती हूँ।
  • Meaning (English):
    I bow to the sacred pot (Kalash).

5. सरस्वती पूजा आरंभ (Invocation of Saraswati)

माँ सरस्वती का आह्वान करें।

  • मंत्र (Sanskrit):
    "या कुन्देन्दु तुषार हार धवला, या शुभ्र वस्त्रावृता।
    या वीणा वरदण्ड मण्डित करा, या श्वेत पद्मासना।
    या ब्रह्माच्युत शङ्कर प्रभृतिभिः, देवैः सदा वन्दिता।
    सा मां पातु सरस्वती भगवती, निःशेष जाड्यापहा।"
  • Transliteration (English):
    "Ya Kundendu Tushar Haar Dhawala, Ya Shubra Vastravrita,
    Ya Veena Varadanda Mandit Kara, Ya Shweta Padmasana.
    Ya Brahmachyut Shankara Prabhritibhi Devaih Sada Vandita,
    Sa Mam Patu Saraswati Bhagwati Nihshesha Jadyapaha."
  • Meaning (Hindi):
    जो हिम, चंद्रमा और मोती के समान उज्जवल हैं, श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, वीणा धारण करती हैं और श्वेत कमल पर विराजमान हैं, ब्रह्मा, विष्णु, और शिव द्वारा पूजित हैं, वह माँ सरस्वती मेरी सभी अज्ञानता को दूर करें।
  • Meaning (English):
    She who is as white as the moon and snow, adorned with white garments, holds the Veena and is seated on a white lotus. She is worshipped by Brahma, Vishnu, and Shiva. May Goddess Saraswati remove all ignorance from my life.

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6. अर्पण सामग्री (Offering to Saraswati)

  1. माँ को अक्षत, फूल, धूप, दीप और नैवेद्य (प्रसाद) अर्पित करें।
  2. पुस्तकें और पेन को माँ के चरणों में रखें।

7. आरती (Aarti)

आरती के दौरान दीप जलाएं और घंटी बजाते हुए माँ का स्मरण करें।

  • मंत्र (Sanskrit):
    "जय सरस्वती माता, जय सरस्वती माता।
    सद्गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता।"

8. प्रसाद वितरण (Prasad Distribution)

पूजा के बाद सभी को प्रसाद वितरित करें।

 

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सरस्वती माता आरती  | आरती श्री सरस्वती जी


जय सरस्वती माता,मैया जय सरस्वती माता।

सदगुण वैभव शालिनी,त्रिभुवन विख्याता॥

जय सरस्वती माता॥

चन्द्रवदनि पद्मासिनि,द्युति मंगलकारी।

सोहे शुभ हंस सवारी,अतुल तेजधारी॥

जय सरस्वती माता॥

बाएं कर में वीणा,दाएं कर माला।

शीश मुकुट मणि सोहे,गल मोतियन माला॥

जय सरस्वती माता॥

देवी शरण जो आए,उनका उद्धार किया।

पैठी मंथरा दासी,रावण संहार किया॥

जय सरस्वती माता॥

विद्या ज्ञान प्रदायिनि,ज्ञान प्रकाश भरो।

मोह अज्ञान और तिमिर का,जग से नाश करो॥

जय सरस्वती माता॥

धूप दीप फल मेवा,माँ स्वीकार करो।

ज्ञानचक्षु दे माता,जग निस्तार करो॥

जय सरस्वती माता॥

माँ सरस्वती की आरती,जो कोई जन गावे।

हितकारी सुखकारीज्ञान भक्ति पावे॥

जय सरस्वती माता॥

जय सरस्वती माता,जय जय सरस्वती माता।

सदगुण वैभव शालिनी,त्रिभुवन विख्याता॥

जय सरस्वती माता॥

 

सरस्वती पूजा का महत्व

  • सरस्वती पूजा भारत के प्रमुख पर्वों में से एक है, जिसे विद्या, ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती को समर्पित किया गया है। यह पर्व विशेष रूप से बसंत पंचमी के दिन मनाया जाता है।
  • मां सरस्वती को संगीत, साहित्य, ज्ञान और विद्या की देवी माना जाता है, और इनकी पूजा करने से जीवन में ज्ञान, विवेक और सृजनशीलता का संचार होता है।
  • सरस्वती पूजा का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि शैक्षणिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यधिक है। इस दिन छात्र और शिक्षक मां सरस्वती की आराधना कर शिक्षा में सफलता और बुद्धिमत्ता की कामना करते हैं।
  • मां सरस्वती का वाहन हंस और वीणा उनके ज्ञान और संगीत के प्रतीक हैं। यह पर्व न केवल विद्या और शिक्षा के प्रति हमारी श्रद्धा को प्रकट करता है, बल्कि हमारे भीतर के अज्ञान को दूर कर आत्मज्ञान की ओर प्रेरित करता है।
  • मां सरस्वती की पूजा से वाणी में मधुरता, विचारों में स्पष्टता और कर्म में उत्कृष्टता आती है। यही कारण है कि सरस्वती पूजा को समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है।

 

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