
Siddha kunjika stotram is a powerful and secret stotra found in the Durga Saptashati. It is highly revered and is said to hold the essence of the entire Durga Saptashati in just a few verses. Reciting this stotra grants immense blessings, protection, and the grace of Goddess Durga.
Siddha kunjika stotram | सिद्ध कुंजिका स्तोत्र
The Siddha Kunjika Stotram is a powerful and secretive hymn dedicated to Goddess Durga. It holds special significance as it is believed to activate and enhance the power of the Durga Saptashati, making it easier to attain spiritual benefits without the need to recite the entire Saptashati.
॥ शिव उवाच ॥
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि, कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम्।
येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत ॥ 1॥
Hindi Meaning:
हे देवी, सुनो! मैं तुम्हें श्रेष्ठ कुञ्जिका स्तोत्र बताता हूँ, जिसके मंत्र के प्रभाव से चण्डी पाठ (दुर्गा सप्तशती का जप) शुभ फलदायी हो जाता है।
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्।
न सूक्तं नापि ध्यानं च न न्यासो न च वार्चनम्॥ 2 ॥
Hindi Meaning:
न कवच की आवश्यकता है, न अर्गला स्तोत्र, न कीलक, न ही रहस्य स्तोत्र की। न ही सूक्त, न ध्यान, न न्यास, और न ही पूजा की आवश्यकता है।
कुञ्जिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्।
अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम् ॥ 3 ॥
Hindi Meaning:
सिर्फ कुञ्जिका स्तोत्र के पाठ से ही दुर्गा सप्तशती के पाठ का पूरा फल मिल जाता है। यह स्तोत्र बहुत ही गुप्त है, हे देवी, और देवताओं के लिए भी दुर्लभ है।
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।
मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम्।
पाठमात्रेण संसिद्ध्येत् कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् ॥ 4॥
Hindi Meaning:
हे पार्वती, इसे पूरी सावधानी और प्रयास के साथ गुप्त रखना चाहिए, जैसे अपनी आत्मा को। मारण, मोहन, वशीकरण, स्तम्भन, उच्चाटन आदि कार्यों की सिद्धि केवल कुञ्जिका स्तोत्र के पाठ से ही प्राप्त हो जाती है।
॥ अथ मन्त्रः ॥
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं स:
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।''
Hindi Meaning for this is given at the end of this article.
॥इति मन्त्रः॥
नमस्ते रूद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि।
नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनि ॥ 1॥
Hindi Meaning:
हे रूद्ररूपिणी देवी, आपको प्रणाम! हे मधु असुर का वध करने वाली, आपको प्रणाम! हे कैटभ का नाश करने वाली, आपको नमन!
हे महिषासुर का वध करने वाली, आपको प्रणाम!
नमस्ते शुम्भहन्त्र्यै च निशुम्भासुरघातिनि॥२॥
Hindi Meaning:
हे शुम्भ का वध करने वाली और निशुम्भासुर का संहार करने वाली देवी, आपको प्रणाम!
जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरूष्व मे।
ऐंकारी सृष्टिरूपायै ह्रींकारी प्रतिपालिका ॥ 3॥
Hindi Meaning:
हे महादेवी, कृपया जाग्रत होइए और मेरे मंत्र-जप को सिद्ध करें।
ऐं मंत्र ध्वनि सृष्टि का रूप है, और ह्रीं मंत्र ध्वनि प्रतिपालक, पालन करने वाली देवी का स्वरूप है।
क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते।
चामुण्डा चण्डघाती च यैकारी वरदायिनी ॥ 4॥
Hindi Meaning:
हे क्लीं ध्वनि के रूप वाली, जो इच्छाओं का रूप धारण करती हैं, आपको प्रणाम! आप बीज रूप हैं, आपको प्रणाम!
हे चामुण्डा, जो चण्ड का वध करती हैं, और यै बीज ध्वनि के साथ वरदान देने वाली देवी हैं, आपको प्रणाम!
विच्चे चाभयदा नित्यं नमस्ते मन्त्ररूपिणि ॥ 5॥
Hindi Meaning:
हे विच्चे बीज ध्वनि के रूप वाली देवी, जो सदा अभय (निर्भयता) प्रदान करती हैं, आपको नमन! आप मंत्र स्वरूप हैं, आपको प्रणाम!
धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु ॥ 6 ॥
Hindi Meaning:
धां धीं धूं मंत्र ध्वनि से भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती का आह्वान है।
वां वीं वूं मंत्र ध्वनि वाणी की देवी वागधीश्वरी का आह्वान करती है।
क्रां क्रीं क्रूं मंत्र ध्वनि के साथ कालिका देवी का आह्वान किया जाता है।
शां शीं शूं मंत्र ध्वनि से, हे देवी, मुझे शुभ फल प्रदान करें।
हुं हुं हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी।
भ्रां भ्रीं भ्रूं भैरवी भद्रे भवान्यै ते नमो नमः ॥ 7 ॥
Hindi Meaning:
हे हुं हुं ध्वनि स्वरूपिणी देवी, जो जम्भन (दुश्मनों को वश में करने) का आह्वान करती हैं, आपको प्रणाम!
भ्रां भ्रीं भ्रूं मंत्र ध्वनि से भैरवी, भद्र और भवानी देवी को नमन है। आपको बार-बार प्रणाम!
अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा॥
पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा ॥ 8 ॥
Hindi Meaning:
यह मंत्र ध्वनियां विभिन्न तत्वों और शक्तियों का आह्वान करती हैं:
अं कं चं टं तं पं आदि से पंचमहाभूतों का आह्वान होता है।
हे देवी, जाग्रत होइए और मेरे कार्यों को सिद्ध कीजिए।
हे पार्वती, आप पूर्ण हैं।
खां खीं खूं मंत्र ध्वनियां खेचरी (आकाश में विचरण करने वाली) देवी का आह्वान करती हैं।
सां सीं सूं सप्तशती देव्या मन्त्रसिद्धिं कुरुष्व मे॥
Hindi Meaning:
हे देवी, सां, सीं, सूं मंत्र ध्वनि के द्वारा, कृपया मेरी सप्तशती के मंत्र की सिद्धि करवाएं।
।।फल श्रुति।।
इदं तु कुञ्जिकास्तोत्रं मन्त्रजागर्तिहेतवे।
अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति॥
Hindi Meaning:
यह कुञ्जिका स्तोत्र मंत्रों को जागृत करने के उद्देश्य से है।
हे पार्वती, इसे किसी अभक्त या अयोग्य व्यक्ति को नहीं देना चाहिए, इसे गुप्त रखना चाहिए और सुरक्षित रखना चाहिए।
यस्तु कुञ्जिकाया देवि हीनां सप्तशतीं पठेत्।
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा॥
Hindi Meaning:
हे देवी, जो व्यक्ति कुञ्जिका स्तोत्र के बिना सप्तशती का पाठ करता है, उसकी कभी सिद्धि नहीं होती, जैसे जंगल में रोने से कोई लाभ नहीं होता।
इति श्रीरुद्रयामले गौरीतन्त्रे शिवपार्वतीसंवादे कुञ्जिकास्तोत्रं सम्पूर्णम्।
Hindi Meaning:
इस प्रकार श्री रुद्रयामल के गौरीतंत्र में शिव और पार्वती के संवाद में कुञ्जिका स्तोत्र पूर्ण हुआ।
Benefits of Reciting Siddha kunjika stotram
The Siddha Kunjika Stotra is highly revered for its numerous spiritual and practical benefits. Regular recitation of this sacred hymn brings several advantages to the devotee. Below are some of the key benefits:
1. Protection and Removal of Obstacles
- Invokes Goddess Durga’s Blessings:
This powerful stotra calls upon the protective energy of Goddess Durga, known for safeguarding her devotees. - Removes Negative Energies:
Reciting the stotra helps eliminate negative forces and harmful energies, keeping the devotee safe from evil influences and obstacles in life.
2. Enhances Spiritual Growth and Inner Strength
- Awakens Divine Feminine Energy:
The stotra is said to awaken the Shakti (divine feminine energy) within, boosting spiritual progress and inner resilience. - Builds Courage and Grace:
Regular chanting empowers individuals to face life's challenges with courage, calmness, and strength.
3. Fulfills Desires
- Manifestation of Aspirations:
The stotra is often recited with the intention of fulfilling personal wishes. Devotees believe that Goddess Durga's grace can help manifest their deepest desires. - Attracts Positive Outcomes:
With dedication, the hymn is believed to bring positive results in personal and professional life.
4. Cleansing of Negative Karma
- Purification of Mind, Body, and Soul:
The stotra has the power to cleanse negative karma from past actions, purifying one's soul and leading to inner peace. - Alleviates Past Sins:
By reciting the stotra, devotees can reduce the effects of previous sins and live a more harmonious life.
The Siddha Kunjika Stotra offers holistic benefits, promoting spiritual development, protection, and the fulfillment of desires.
Key points about Siddha Kunjika Stotram
- Divine Power: The Kunjika Stotram is often referred to as the essence or "key" of the Durga Saptashati, and it has the unique ability to unlock the divine powers contained within the larger scripture.
- Mantra of Protection: It is widely recited for protection from negative forces, evil spirits, and life's challenges. Devotees believe it acts as a shield, invoking the protective grace of Goddess Durga.
- Removes Obstacles: The stotram helps in removing hurdles and obstacles from the devotee’s life, allowing smoother progress on both spiritual and worldly paths.
- Attainment of Siddhis: Regular recitation of the stotram is believed to grant spiritual powers (Siddhis) and help fulfill desires. It enhances spiritual growth and helps cleanse the devotee of past karmas.
- Simplicity and Potency: Unlike lengthy hymns, the Siddha Kunjika Stotram is concise but extremely potent. It can provide the same benefits as reciting the Durga Saptashati.
In essence, Siddha Kunjika Stotram is revered for its efficiency, providing protection, spiritual growth, and blessings of the Goddess with a shorter, easier-to-recite form.
Full Meaning of अथ मन्त्रः - ॐ ऐं ह्रीं क्लीं
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।
Hindi Meaning:
यह मंत्र माँ चामुण्डा को समर्पित है।
- ॐ: यह ब्रह्मांडीय ध्वनि है, जो संपूर्ण सृष्टि का प्रतिनिधित्व करती है।
- ऐं: ज्ञान की बीज मंत्र ध्वनि, जो विद्या और बुद्धि का प्रतीक है।
- ह्रीं: यह बीज मंत्र देवी के शक्ति तत्व का प्रतीक है।
- क्लीं: यह बीज मंत्र आकर्षण और वशीकरण शक्ति का प्रतीक है।
- चामुण्डायै: माँ चामुण्डा, जो दुर्गा के उग्र रूपों में से एक हैं, उनका आवाहन करता है।
- विच्चे: यह बीज मंत्र देवी से रक्षा की मांग करता है।
पूर्ण अर्थ: इस मंत्र में माँ चामुण्डा की कृपा, ज्ञान, और शक्ति को आमंत्रित किया जाता है और उनसे संरक्षण माँगा जाता है।
ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं स: ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल।
Hindi Meaning:
- ॐ: ब्रह्मांडीय ध्वनि, जो सर्वशक्तिमान का प्रतीक है।
- ग्लौ: यह एक बीज मंत्र है, जो देवी की ऊर्जा और शक्तियों को जागृत करता है।
- हुं: यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने और देवी की शक्ति का आह्वान करने का प्रतीक है।
- क्लीं: आकर्षण और देवी की कृपा को आकर्षित करने वाला बीज मंत्र।
- जूं: यह मंत्र शक्ति और सिद्धि का प्रतीक है।
- स:: देवी की महाशक्ति का आह्वान करने का मंत्र।
- ज्वालय ज्वालय: प्रज्वलित करने के लिए, आंतरिक और बाहरी ऊर्जा को सक्रिय करने के लिए।
- ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल: ऊर्जा और शक्ति को अत्यधिक प्रज्वलित करने के लिए।
पूर्ण अर्थ: इस मंत्र के माध्यम से, साधक देवी चामुण्डा की शक्ति को प्रज्वलित करने और सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करने का आह्वान करता है।
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।
Hindi Meaning:
- ऐं: ज्ञान की बीज ध्वनि।
- ह्रीं: देवी की शक्ति और चेतना का बीज।
- क्लीं: वशीकरण और आकर्षण की शक्ति का प्रतीक।
- चामुण्डायै: माँ चामुण्डा का आह्वान।
- विच्चे: सुरक्षा और रक्षा के लिए।
- ज्वल: प्रज्वलित करना, ऊर्जा को जागृत करना।
- हं: वायु तत्व का प्रतीक।
- सं: जल तत्व का प्रतीक।
- लं: पृथ्वी तत्व का प्रतीक।
- क्षं: आकाश तत्व का प्रतीक।
- फट्: नकारात्मकता को नष्ट करने का शक्ति ध्वनि।
- स्वाहा: समर्पण या पूर्णता की अभिव्यक्ति।
पूर्ण अर्थ: यह मंत्र माँ चामुण्डा की शक्ति को प्रज्वलित करने, तत्वों (वायु, जल, पृथ्वी, आकाश) को संतुलित करने और समस्त नकारात्मक शक्तियों को नष्ट करने का आह्वान करता है।