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हनुमान जी आरती

Published By: bhaktihome
Published on: Wednesday, September 13, 2023
Last Updated: Friday, July 26, 2024
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Hanuman ji aarti

॥ श्री हनुमान जी आरती ॥

 

आरती कीजै हनुमान लला की। 

दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥ (1)

जाके बल से गिरिवर कांपे। 

रोग दोष जाके निकट न झांके॥ (2)

 

अंजनि पुत्र महा बलदाई। 

सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥ (3)

दे बीरा रघुनाथ पठाए। 

लंका जारि सिया सुधि लाए॥ (4)

 

लंका सो कोट समुद्र सी खाई। 

जात पवनसुत बार न लाई॥ (5)

लंका जारि असुर संहारे। 

सिया राम जी के काज सवारे॥ (6)

 

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। 

आनि संजीवन प्राण उबारे॥ (7)

पैठि पाताल तोरि जम कारे। 

अहिरावण की भुजा उखारे॥ (8)

 

बाएं भुजा असुरदल मारे। 

दाहिने भुजा संत जन तारे॥ (9)

सुर नर मुनि आरती उतारें। 

जय जय जय हनुमान उचारें॥ (10)

 

कंचन थार कपूर लौ छाई। 

आरती करत अंजना माई॥ (11)

जो हनुमानजी की आरती गावे। 

बसि बैकुण्ठ परम पद पावे॥ (12)

 

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