नवरात्रि में क्या नहीं करना चाहिए | Navratri me kya nahi karna chahiye

Published By: Bhakti Home
Published on: Tuesday, Oct 1, 2024
Last Updated: Wednesday, Oct 2, 2024
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Navratri me kya nahi karna chahiye - नवरात्रि में क्या नहीं करना चाहिए
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नवरात्रि में क्या नहीं करना चाहिए, Navratri me kya nahi karna chahiye: नवरात्रि के दौरान कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना आवश्यक है ताकि साधना और उपासना में सफलता मिल सके। इस समय आलस्य, अनियमितता, तामसिक विचार और व्यवहार से दूर रहना चाहिए। पूजा के दौरान ध्यान भटकाने वाले उपकरणों का प्रयोग न करें और सादगी से देवी की उपासना करें। परिवार और समाज में अनावश्यक विवाद से बचें और सच्ची श्रद्धा के साथ व्रत रखें। व्रत समाप्त होने के बाद तामसिक भोजन से परहेज करें और सात्विक आहार ग्रहण करें। इन नियमों का पालन करने से देवी की कृपा प्राप्त होती है।

नवरात्रि में क्या नहीं करना चाहिए | Navratri me kya nahi karna chahiye

  1. तामसिक भोजन से बचें
    नवरात्रि में सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए। तामसिक भोजन जैसे मसालेदार, अत्यधिक तैलीय या भारी खाद्य पदार्थ, शरीर और मन की शुद्धता को प्रभावित करते हैं। इन दिनों हल्का, पवित्र और शुद्ध भोजन करें जैसे फल, दूध और साबुदाना।
  2. मन में नकारात्मक विचार न रखें
    नवरात्रि के दौरान मन को शांत और सकारात्मक रखना जरूरी है। नकारात्मक विचार या नकारात्मक भावनाएं जैसे जलन, द्वेष, या क्रोध से बचें, क्योंकि यह आपकी साधना में बाधा डालते हैं और आध्यात्मिक उन्नति को धीमा करते हैं।
  3. किसी का अपमान न करें
    नवरात्रि के पवित्र दिनों में किसी भी प्रकार के अपमान से बचें। चाहे वह किसी भी रूप में हो – जैसे बोलचाल में कठोर शब्द, व्यंग्य या तिरस्कार – अपमान करना महादेव और देवी की पूजा में बाधा डालता है। 

     

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  4. मांसाहारी वस्त्र (चमड़े) का उपयोग न करें
    नवरात्रि के दिनों में चमड़े से बने वस्त्र, जूते, बेल्ट या अन्य वस्त्रों का उपयोग करना अशुभ माना जाता है। इसके स्थान पर कपास, रेशम या खादी जैसे शुद्ध वस्त्र पहनें ताकि पवित्रता बनी रहे।
  5. व्रत को हल्के में न लें
    व्रत एक आध्यात्मिक अनुशासन है। इसे साधारण आहार नियंत्रण न समझें। व्रत के दौरान अनुशासन में रहें और केवल फलाहार या उपवास सामग्री का सेवन करें। व्रत के दिनों में अनुचित खाना या बार-बार खाने से व्रत की महिमा कम होती है।
  6. घर में शांति भंग न करें
    नवरात्रि के दिनों में घर की शांति को बनाए रखना आवश्यक है। जोर-जोर से बोलना, बहस करना या तेज आवाज में संगीत बजाना, पूजा के माहौल को भंग करता है। शांतिपूर्ण वातावरण में पूजा करें ताकि देवी की कृपा बनी रहे।
  7. धर्म और पूजा का मजाक न बनाएं
    नवरात्रि के दिनों में देवी की पूजा और धर्म का मजाक बनाना या इसे हल्के में लेना बहुत ही अशुभ माना जाता है। हमेशा पूजा और धार्मिक क्रियाओं के प्रति आदर और सम्मान बनाए रखें।

     

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  8. आध्यात्मिक लक्ष्य से भटकें नहीं
    नवरात्रि का उद्देश्य आत्मशुद्धि और साधना है। इन दिनों में फालतू गतिविधियों में अपना समय और ऊर्जा बर्बाद न करें। पूजा, ध्यान और जप के लिए समय निकालें और इसका पालन करें।
  9. ध्यान और साधना में लापरवाही न करें
    इन नौ दिनों में ध्यान, प्रार्थना और साधना महत्वपूर्ण मानी जाती है। इनको करने में लापरवाही न बरतें। हर दिन देवी के नाम का जप और ध्यान करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  10. धन या संपत्ति का दुरुपयोग न करें
    नवरात्रि के दिनों में धन या संपत्ति का दुरुपयोग करना या अनावश्यक खर्च करना वर्जित है। इस समय में दिखावा, आडंबर या फिजूलखर्ची से बचें। इसके बजाय, दान-पुण्य करें और जरूरतमंदों की सहायता करें।
  11. अहंकार न पालें
    नवरात्रि के दिनों में अहंकार से दूर रहना जरूरी है। भक्ति और साधना में अहंकार सबसे बड़ी बाधा होता है। खुद को देवी के चरणों में समर्पित करके विनम्रता का पालन करें। अहंकारी व्यक्ति को देवी की कृपा नहीं मिलती।
  12. देर रात तक जागकर मनोरंजन न करें
    नवरात्रि के दौरान देर रात तक जागकर फिल्में देखना, टीवी देखना या पार्टी करना अनुचित है। इसके बजाय, रात्रि में देवी का नाम लेकर ध्यान और जप करें, जिससे मन शांत और ऊर्जा संचित रहे।

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  13. ध्यान भटकाने वाली चीज़ों से दूर रहें
    नवरात्रि के दिनों में सोशल मीडिया, मोबाइल और अन्य ध्यान भटकाने वाले साधनों से दूरी बनाए रखें। इनका अत्यधिक उपयोग आपको साधना और पूजा से दूर कर सकता है। इन दिनों अपने मन को एकाग्रचित्त रखें और धार्मिक कार्यों में संलग्न रहें।
  14. व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए देवी से प्रार्थना न करें
    देवी की पूजा के दौरान व्यक्तिगत लाभ या स्वार्थ से भरी प्रार्थना करने से बचें। भक्ति सच्चे मन से होनी चाहिए, और अपनी इच्छाओं को देवी पर थोपना अनुचित है। हमेशा परिवार, समाज और सभी के कल्याण की प्रार्थना करें।
  15. शारीरिक और मानसिक आलस्य से बचें
    नवरात्रि के दिनों में शारीरिक और मानसिक आलस्य को दूर रखना जरूरी है। पूजा और साधना में आलस्य बाधा बन सकता है। इसलिए प्रतिदिन समय से उठकर स्नान, पूजा और ध्यान करें। यह दिन अनुशासन और ऊर्जा का पालन करने के होते हैं।
  16. अशुद्ध स्थानों पर भोजन न करें
    इन पवित्र दिनों में केवल शुद्ध और साफ-सुथरी जगहों पर भोजन करें। बाहर का खाना, खासकर तामसिक या अशुद्ध स्थानों पर, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक उन्नति के लिए हानिकारक होता है। घर में स्वच्छता बनाए रखें और शुद्ध भोजन ही ग्रहण करें।
  17. अपवित्र वस्त्रों का प्रयोग न करें
    नवरात्रि के दौरान अपवित्र, गंदे या धुले हुए कपड़ों का इस्तेमाल न करें। पूजा के समय विशेष रूप से साफ-सुथरे और शुद्ध वस्त्र पहनें। इससे पूजा का महत्व बढ़ता है और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
  18. अनुचित भाषा का प्रयोग न करें
    इन पवित्र दिनों में गलत भाषा, अपशब्द या कठोर बातें बोलने से बचें। वाणी में मिठास और शांति बनाए रखें। नकारात्मक शब्द या गाली-गलौज से पूजा और साधना का असर कम हो जाता है।
  19. बिना उद्देश्य के यात्रा न करें
    नवरात्रि के दिनों में बिना किसी धार्मिक उद्देश्य के अनावश्यक यात्रा से बचें। यात्रा के कारण आप पूजा और व्रत का सही तरीके से पालन नहीं कर पाएंगे। यदि आवश्यक हो, तो यात्रा के दौरान भी अपने धार्मिक कर्मों को निभाएं।
  20. पैसों का अत्यधिक संग्रह न करें
    नवरात्रि के समय पैसों या संपत्ति का अत्यधिक संग्रह करने की प्रवृत्ति से बचें। इन दिनों में देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए जरूरतमंदों की मदद करना अधिक महत्वपूर्ण है। जितना संभव हो, दान-पुण्य करें और दूसरों की भलाई के लिए कार्य करें।
  21. जीवनसाथी के साथ शारीरिक संबंध न बनाएं – नवरात्रि के दौरान शारीरिक संबंध वर्जित माना गया है।                     

     

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  22. व्रत के दौरान अधिक तामसिक विचारों से दूर रहें
    व्रत के समय केवल शारीरिक उपवास नहीं बल्कि मानसिक शुद्धि भी महत्वपूर्ण है। नकारात्मक विचार, ईर्ष्या, क्रोध और द्वेष को मन में न आने दें। यह समय आंतरिक शुद्धि का होता है, इसलिए सच्चे मन से साधना करें और सकारात्मक सोच बनाए रखें।
  23. देवी की पूजा के दौरान फोन या अन्य तकनीकी उपकरणों का प्रयोग न करें
    पूजा करते समय मोबाइल फोन, टीवी या अन्य तकनीकी उपकरणों का प्रयोग न करें। इससे ध्यान भटकता है और साधना में पूरी एकाग्रता नहीं हो पाती। पूजा के समय देवी को समर्पित रहना चाहिए और बाहरी चीजों से मन को दूर रखना चाहिए।
  24. आनंद और मौज-मस्ती के लिए व्रत न रखें
    व्रत का उद्देश्य शारीरिक और मानसिक शुद्धि होता है, न कि केवल समाज में दिखावे के लिए। अगर आप केवल मनोरंजन या समाजिक दबाव के कारण व्रत रख रहे हैं, तो इसका कोई लाभ नहीं होगा। व्रत का पालन सच्ची श्रद्धा और भक्ति से करें।
  25. पूजा के दौरान ज्यादा सजावट और दिखावा न करें
    नवरात्रि के समय पूजा स्थान पर अत्यधिक सजावट या दिखावा करने से बचें। सादगी से की गई पूजा देवी को अधिक प्रिय होती है। बहुत अधिक सजावट से मन पूजा से भटक सकता है और असली साधना का उद्देश्य खो जाता है।

इन बातों का पालन करने से आप नवरात्रि के दौरान आध्यात्मिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं और देवी की कृपा से जीवन में समृद्धि और शांति पा सकते हैं।

 

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