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कृष्ण पूजा विधि घर पर | Krishna puja vidhi in hindi | विधि विधान सहित | 16 चरण

Published By: bhaktihome
Published on: Monday, August 26, 2024
Last Updated: Thursday, August 29, 2024
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Janmashtami puja vidhi at home
Table of contents

कृष्ण पूजा विधि घर पर (Krishna puja vidhi in hindi) विधि विधान सहित, 16 चरण के साथ आप कर सकते हैं। 

इसमें हम बता रहे हैं कि भगवान श्री कृष्ण की पूजा घर पर कैसे करें। 

 

Krishna puja vidhi at home | कृष्ण पूजा विधि घर पर | Krishna puja vidhi in hindi

भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते समय सबसे पहले इनकी प्रतिमा या फोटो के समक्ष हाथ में जल लेकर सभी वस्तुओं औऱ स्वयं को आसन सहित शुद्ध करें।


1 - शुद्धि मंत्र

सबसे पहले हम शुद्धि मंत्र कहेंगे जो कि इस प्रकार है। 

ॐअपवित्रः पवित्रोवा सर्वावस्थां गतोअपि वा। 

यः स्मरेत पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तरः शुचिः।। 

जल को अपने ऊपर और पूजा सामग्री पर छिड़ककर शुद्ध करें। इसके बाद विधि-विधान से पूजा शुरू करें।


2 - श्रीकृष्ण का ध्यान और मंत्र

अब अपने मन ही मन भगवान श्री कृष्ण का ध्यान करें और इस मंत्र का जाप करें

वसुदेव सुतं देव कंस चाणूर मर्दनम्। 

देवकी परमानंदं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्।। 

एक बार ये कहें - हे वसुदेव के पुत्र, कंस और चाणूर का नाश करने वाले, देवकी को प्रसन्न करने वाले और संसार में पूज्य हे कृष्ण, आपको मेरा प्रणाम है। - इस मंत्र से भगवान कृष्ण का ध्यान करें और भगवान कृष्ण के चरणों में पुष्प अर्पित करें।


3- श्रीकृष्ण का पूजन और संकल्प मंत्र

अब श्रीकृष्ण का पूजन और संकल्प मंत्र करेंगे ।


‘यथोपलब्धपूजनसामग्रीभिः कार्य सिद्धयर्थं कलशाधिष्ठित देवता सहित, 

श्रीजन्माष्टमी पूजनं महं करिष्ये।

अपने हाथ में एक पान का पत्ता, दक्षिणा (कम से कम 1 रुपये से) , जल, साबुत चावल, फूल और फल लेकर इस संकल्प मंत्र का जाप करें और फिर अपने हाथ में ली हुई सामग्री को भगवान श्री कृष्ण के चरणों में अर्पित करें।

 

4 - श्रीकृष्ण का आवाहन  और  मंत्र

भगवान का आह्वान किए बिना पूजा पूरी नहीं होती। आह्वान का मतलब है भगवान को बुलाना। 

अगर आप भगवान को नहीं बुलाएंगे तो भगवान आपकी पूजा कैसे स्वीकार करेंगे, इसीलिए आह्वान किया जाता है।

आह्वान करने की विधि और मंत्र - हाथ में तिल और जौ लेकर मूर्ति में भगवान का आह्वान करना चाहिए और नीचे  दिए गए श्रीकृष्ण आवाहन मंत्र जाप करें।

अनादिमाद्यं पुरुषोत्तमोत्तमं श्रीकृष्णचन्द्रं निजभक्तवत्सलम्। 

स्वयं त्वसंख्याण्डपतिं परात्परं राधापतिं त्वां शरणं व्रजाम्यहम्।। 

मन्त्र पढने के बाद तिल जौ को भगवान की प्रतिमा पर छोड़ें।


5 - भगवान श्रीकृष्ण को आसन देने का मंत्र 

अब भगवान श्री कृष्ण को आसन ग्रहण करवाएंगे । इसके लिए अर्घा में जल लेकर बोलें ।

रम्यं सुशोभनं दिव्यं सर्वासौख्यकरं शुभम्। आसनं च मया दत्तं गृहाण परमेश्वर।

मन्त्र पढने के बाद , जल छोड़ दे।


6 - भगवान श्री कृष्ण को अर्घ्य देने का मंत्र

अब भगवान श्री कृष्ण को अर्घ्य देंगे इसके लिए अर्घा में जल लेकर नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें।

अर्घ्यं गृहाण देवेश गन्धपुष्पाक्षतैः सह। करुणां करु मे देव! गृहाणार्घ्यं नमोस्तु ते।।

मन्त्र पढने के बाद , जल छोड़ दे।


7 - भगवान श्रीकृष्ण का आचमन करवाने का मंत्र


अर्घ में जल और सुगंध मिलाकर नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें।

सर्वतीर्थसमायुक्तं सुगन्धं निर्मलं जलम्। 

आचम्यतां मया दत्तं गृहत्वा परमेश्वर

मन्त्र पढने के बाद , जल छोड़ दे।

 

8 - भगवान श्रीकृष्ण को स्नान कराने का मंत्र :


अब भगवान श्री कृष्ण को स्नान करवाएंगे।  इसके लिए अर्घा में जल लेकर बोलें 

गंगा, सरस्वती, रेवा, पयोष्णी, नर्मदाजलैः। स्नापितोअसि मया देव तथा शांति कुरुष्व मे । 

मन्त्र पढने के बाद , जल छोड़ दे।


9 - भगवान श्रीकृष्ण का पंचामृत स्नान

अब भगवान श्री कृष्ण को पंचामृत स्नान करवाएंगे।
अर्घ्य में गंगाजल, दूध, दही, घी और शहद मिलाकर इस मंत्र को बोलते हुए भगवान श्रीकृष्ण को पंचामृत स्नान कराएं।

पंचामृतं मयाआनीतं पयोदधि घृतं मधु। शर्करा च समायुक्तं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम्।।

भगवान को स्नान कराएं। अर्घा में जल लेकर भगवान कृष्ण को एक बार फिर शुद्धि स्नान कराएं।

 

यह भी पढ़ें -  Janmashtami 56 bhog list | जन्माष्टमी 56 भोग का महत्व
 

10 - भगवान श्रीकृष्ण को वस्त्र अर्पित करने का मंत्र


अब  भगवान श्रीकृष्ण को वस्त्र अर्पित करेंगे । हाथ में पीले वस्त्र लेकर नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें।

शीतवातोष्णसन्त्राणं लज्जाया रक्षणं परम्। 

देहालअंगकरणं वस्त्रमतः शान्तिं प्रयच्छ मे। 

भगवान को पीले वस्त्र अर्पित करें।अगर आपके पास लड्डू गोपाल के पीले वस्त्र हैं तो वह भी पहना सकते हैं। 


11 - यज्ञोपवीत (जनेऊ ) अर्पित करने का मंत्र

अब भगवान श्रीकृष्ण को यज्ञोपवीत (जनेऊ ) अर्पित करेंगे । हाथ में जनेऊ लेकर नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें।

यज्ञोपवीतं परमं पवित्रं प्रजापतेर्यत्सहजं पुरस्तात्। 

आयुष्मयग्यं प्रतिमुन्ज शुभ्रं यज्ञोपवीतं बलमस्तु तेजः।।

इस मंत्र का जाप करें और भगवान कृष्ण को यज्ञोपवीत (जनेऊ ) अर्पित करें।

 

12 - भगवान श्रीकृष्ण को चंदन लगाने का मंत्र

अब भगवान श्रीकृष्ण को चंदन लगाएंगे। फूल में चंदन लगाकर नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें। 

श्रीखंड चंदनं दिव्यं गन्धाढ्यं सुमनोहरम्। 

विलेपनं सुरश्रेष्ठ चंदनं प्रतिगृह्यताम्।।

भगवान कृष्ण को चंदन लगाएं। इसके बाद भगवान कृष्ण को मोर मुकुट पहनाएं और उन्हें पंख अर्पित करें। 

भगवान कृष्ण को बांसुरी भी अर्पित करें।


13 - भगवान श्रीकृष्ण को फूल अर्पित करने का मंत्र

अब भगवान श्रीकृष्ण को फूल माला अर्पित करेंगे फूल माला लेकर नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें। 

माल्यादीनि सुगन्धीनि मालत्यादीनि वै प्रभो। 

मयाआहृतानि पुष्पाणि पूजार्थं प्रतिगृह्यताम्।। 

भगवान को फूल अर्पित करने के बाद माला पहनाएं।


14 - भगवान श्रीकृष्ण को दूर्वा चढाएं 

अब भगवान श्रीकृष्ण को दूर्वा चढ़ाएंगे । हाथ में दूर्वा लेकर नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें। 
 

दूर्वांकुरान् सुहरितानमृतान्मंगलप्रदान्। आनीतांस्तव पूजार्थं गृहाण परमेश्वर।।

भगवान श्रीकृष्ण को दूर्वा अर्पित करें।


15 - भगवान को नैवेद्य भेंट करे

अब भगवान श्रीकृष्ण को नैवेद्य भेंट करेंगे। नैवेद्य लेकर नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें। 

इदं नाना विधि नैवेद्यानि ओम नमो भगवते वासुदेवं, देवकीसुतं समर्पयामि ।

भगवान श्रीकृष्ण को नैवेद्य अर्पित करें।
 

16 - भगवान को आचमन कराएंः

अब आचमन करेंगे। अर्घा में जल लेकर नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें।

इदं आचमनम् ओम नमो भगवते वासुदेवं, देवकीसुतं समर्पयामि।

भगवान कृष्ण की मूर्ति के सामने जल चढ़ाएं।

इसके बाद भगवान को सुपारी चढ़ाएं, प्रदक्षिणा करें और इस मंत्र का जाप करें

यानि कानि च पापानि जन्मान्तरकृतानि च। 

तानि सर्वाणि नश्यन्तु प्रदक्षिण पदे-पदे। 

 

भगवान श्री कृष्ण की आरती करें 

भगवान श्री कृष्णा की आरती करें । आप आरती कुंज बिहारी की आरती कर सकते हैं । 

 

समापन -  क्षमा याचना मंत्र

अंत में भगवान श्री कृष्ण से किसी भी गलती के लिए क्षमा मांगें। नीचे दिए गए क्षमा याचना मंत्र का जाप करें

आवाहनं न जानामि न जानामि तवार्चनम्। 

पूजां श्चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वर॥

मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वरं। 

यत्पूजितं मया देव परिपूर्ण तदस्मतु। 

 

इस प्रकार भगवान कृष्ण पूजा विधि घर पर सपन्न हुई। अब पूजा का प्रसाद बांटें।

 

दूसरी विधि से पूजन करके के लिए यहाँ देखें 

कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि एवं मंत्र | षोडशोपचार विधि सरल मंत्रों से

 

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