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कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि एवं मंत्र | षोडशोपचार विधि सरल मंत्रों से

Published By: bhaktihome
Published on: Saturday, August 24, 2024
Last Updated: Saturday, August 24, 2024
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कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि एवं मंत्र
Table of contents

कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि एवं मंत्र - श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण की पूजा करते समय षोडशोपचार विधि से पूजा करें। हम आपको यहां कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि एवं मंत्र बताने जा रहे हैं सरल मंत्रों के साथ। 

 

कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि एवं मंत्र - Krishna Janmashtami Puja Vidhi and Mantra

 

Step 1 - स्नान और व्रत का संकल्प

सबसे पहले सूर्योदय से पहले स्नान करें, भगवान कृष्ण का स्मरण करें और व्रत का संकल्प लें।

 

Step 2 - ध्यान

भगवान कृष्ण का ध्यान करते हुए निम्नलिखित मंत्र का जाप करें।

 ॐ तम अद्भुतं बालकम् अम्बुजेक्षणम्,   

 चतुर्भुज शंख गदायुधायुधम्।

 श्री वत्स लक्ष्मम् गल शोभि कौस्तुभं

 पीताम्बरम् सान्द्र पयोद सौभगम्॥

 

Step 3 - आह्वान

भगवान कृष्ण का आह्वान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

ॐ सहस्त्रशीर्षा पुरुषः सहस्त्राक्षः सहस्त्रपात्।

स-भूमिं विश्वतो वृत्वा अत्यतिष्ठद्यशाङ्गुलम्॥

 

ॐ श्री कृष्णाय नम: आवाहयामि, स्थापयामि ।। 

 

Step 4 - आसन 

भगवान श्रीकृष्ण को आसन देते समय इस मंत्र का जाप करें।

ॐ विचित्र रत्न-खचितं दिव्या-स्तरण-संयुक्तम्।

स्वर्ण-सिन्हासन चारू गृहिश्व भगवन् कृष्ण पूजितः॥

 

ॐ श्री कृष्णाय नम: आसनं समर्पयामि।।

 

Step 5 - पद्य

भगवान श्रीकृष्ण के चरण धोने के लिए जल अर्पित करें और इस मंत्र का जाप करें।

अच्युतानन्द गोविंद प्रणतार्ति विनाशन।

पाहि मां पुण्डरीकाक्ष प्रसीद पुरुषोत्तम॥

 

ॐ श्री कृष्णाय नम: पाद्यं समर्पयामि ॥ 

 

Step 6 - अर्घ्य

श्रीकृष्ण को अर्घ्य अर्पित करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

ॐ पालनकर्ता नमस्ते-स्तु गृहाण करूणाकरः।

अर्घ्य च फलम् संयुक्तं गन्धमाल्या-क्षतैर्युतम्॥

 

ॐ श्री कृष्णाय नम: अर्घ्यं समर्पयामि ॥ 

 

Step 7 - आचमन

जल अर्पित करते हुए भगवान श्रीकृष्ण को आचमन कराएं और इस मंत्र का जाप करें।

नमः सत्याय शुद्धाय नित्याय ज्ञान रूपिणे।

गृहाणाचमनं कृष्ण सर्व लोकैक नायक॥

 

ॐ श्री कृष्णाय नम: आचमनं समर्पयामि ॥ 

 

Step 8 - स्नान

बाल गोपाल को दूध, दही, मक्खन, घी, शहद और गंगाजल से स्नान कराएं। अंत में शुद्ध जल से स्नान कराएं और इस मंत्र का जाप करें।

गंगा गोदावरी रेवा पयोष्णी यमुना तथा।

सरस्वत्यादि तिर्थानि स्नानार्थं प्रतिगृहृताम्।

 

ॐ श्री कृष्णाय नम: स्नानम् समर्पयामि ॥ 

 

Step 9 - वस्त्र और आभूषण

स्नान के बाद भगवान को स्वच्छ वस्त्र और आभूषण पहनाएं और इस मंत्र का जाप करें।

शति-वातोष्ण-सन्त्राणं लज्जाया रक्षणं परम्।

देहा-लंकारणं वस्त्रमतः शान्ति प्रयच्छ में।

 

ॐ श्री कृष्णाय नम: वस्त्रं समर्पयामि ॥ 

 

Step 10 - चंदन और गंध

भगवान कृष्ण को चंदन और सुगंध अर्पित करें और इस मंत्र का जाप करें।

ॐ श्रीखण्ड-चन्दनं दिव्यं गंधाढ़्यं सुमनोहरम्।

विलेपन श्री कृष्ण चन्दनं प्रतिगृहयन्ताम्।

 

ॐ श्री कृष्णाय नम: गन्धम् विलेपयामि ॥ 

 

Step 11 - पुष्पमाला, तुलसी

निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करते हुए भगवान कृष्ण को पुष्पमाला, तुलसी अर्पित करें ।

यत्पुरुषं व्यदधु: कतिधा व्यकल्पयन् ।
मुखं किमस्यासीत् किं बाहू किमूरू पादा उच्येते ।।

 

ॐ श्री कृष्णाय नम: पुष्पाणि समर्पयामि ॥ 

 

Step 12 - धूप

निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करते हुए भगवान कृष्ण को धूप समर्पित करें।

ब्राह्मणोऽस्य मुखमासीद्वाहू राजन्य: कृत: ।
उरू तदस्य यद्वैश्य: पद्भयां शूद्रो अजायत ।।

 

ॐ श्री कृष्णाय नम: धूपमाघ्रापयामि ॥ 

 

Step 13 - दीपक

 घी का दीपक जलाएं और इस मंत्र का जाप करें।

साज्यं त्रिवर्ति सम्युकतं वह्निना योजितुम् मया।  

गृहाण मंगल दीपं,त्रैलोक्य तिमिरापहम्।

भक्तया दीपं प्रयश्र्चामि देवाय परमात्मने।

त्राहि मां नरकात् घोरात् दीपं ज्योतिर्नमोस्तुते।

ब्राह्मणोस्य मुखमासीत् बाहू राजन्य: कृत:।

उरू तदस्य यद्वैश्य: पद्भ्यां शूद्रो अजायत। 

 

ॐ श्री कृष्णाय नम: दीपम् दर्शयामि ॥

 

Step 14 - नैवैद्य

बाल गोपाल को माखन-मिश्री, धनिया की पंजीरी, मिठाई आदि का भोग लगाएं और इस मंत्र का जाप करें।

शर्करा-खण्ड-खाद्यानि दधि-क्षीर-घृतानि च,  

 आहारो भक्ष्य- भोज्यं च नैवैद्यं प्रति- गृहृताम।

 

ॐ श्री कृष्णाय नम: नैवेद्यं निवेदयामि ॥

 

Step 15 - तांबूल और दक्षिणा

भगवान कृष्ण को पान, इलायची, लौंग, सुपारी आदि अर्पित करें। इसके बाद यथाशक्ति दक्षिणा अर्पित करें और इस मंत्र का जाप करें।

ॐ पूंगीफ़लं महादिव्यं नागवल्ली दलैर्युतम्। 

एला-चूर्णादि संयुक्तं ताम्बुलं प्रतिगृहृताम।

 

ॐ श्री कृष्णाय नम: ताम्बूलपुंगीफलानि समर्पयामि ॥ 

 

Step 16 - आरती

भगवान श्रीकृष्ण की आरती उतारें और उन्हें प्रसन्न करने के लिए भक्ति भाव से पूजा करें।

सप्तास्यासन् परिधयस्त्रि: सप्त समिध: कृता: ।
देवा यद्यज्ञं तन्वाना अबध्रन् पुरुषं पशुम् ।

 

ॐ श्री कृष्णाय नम: आरती समर्पयामि ॥ 

 

समापन - क्षमा याचना मंत्र

अंत में भगवान श्री कृष्ण से किसी भी गलती के लिए क्षमा मांगें। नीचे दिए गए क्षमा याचना मंत्र का जाप करें

आवाहनं न जानामि न जानामि तवार्चनम्। 

पूजां श्चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वर॥

मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वरं। 

यत्पूजितं मया देव परिपूर्ण तदस्मतु। 

 

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