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अनंत चतुर्दशी व्रत कथा | Anant chaturdashi vrat katha

Published By: Bhakti Home
Published on: Monday, Sep 16, 2024
Last Updated: Monday, Sep 16, 2024

अनंत चतुर्दशी व्रत कथा, Anant chaturdashi vrat katha: अनंत चतुर्दशी के व्रत को शास्त्रों में बहुत ही खास महत्व दिया गया है। अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा की जाती है और हाथ पर 14 गांठों वाला धागा बांधा जाता है।

ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। अनंत चतुर्दशी की पूजा में कथा का पाठ करना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। 

आइए जानते हैं अनंत चतुर्दशी व्रत कथा (Anant chaturdashi vrat katha).

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परिवर्तिनी एकादशी व्रत कथा | Parivartini ekadashi vrat katha

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Published on: Thursday, Sep 12, 2024
Last Updated: Saturday, Sep 14, 2024

परिवर्तिनी एकादशी व्रत कथा (Parivartini ekadashi vrat katha) भगवान श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को सुनाई थी । इस दिन भगवान विष्णु करवट लेते हैं, इसलिए इसको परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है।

इस भाद्रपद शुक्ल एकदशी को पद्मा एकदशी, परिवर्तिनी एकदशी, जयंती एकदशी, जल झुलनी एकदशी, देवझूलनी एकदशी और वामन एकदशी के नाम से भी जाना जाता है। जो व्यक्ति परिवर्तिनी एकादशी के दिन वामन रूप में भगवान विष्णु की पूजा करता है, उसकी तीनों लोकों में पूजा होती है।

 

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पार्श्व एकादशी व्रत कथा | Parsva ekadashi vrat katha

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Published on: Thursday, Sep 12, 2024
Last Updated: Thursday, Sep 12, 2024

पार्श्व एकादशी व्रत कथा (Parsva ekadashi vrat katha): भाद्रपद शुक्ल एकादशी को पार्श्व एकादशी, पद्मा एकादशी, परिवर्तिनी एकादशी, जयंती एकादशी, जल झूलनी एकादशी, देवझूलनी एकादशी तथा वामन एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन यज्ञ करने से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है। पापियों के पापों का नाश करने के लिए इससे बढ़कर कोई उपाय नहीं है। 

 

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राधा अष्टमी व्रत कथा | Radha ashtami vrat katha

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Published on: Wednesday, Sep 11, 2024
Last Updated: Wednesday, Sep 11, 2024

राधा अष्टमी व्रत कथा (Radha ashtami vrat katha): ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार राधा अष्टमी व्रत कथा का पाठ करने से भाग्य लक्ष्मी की कृपा बरसती है और व्रत करने वाले के जीवन में धन-समृद्धि की कोई कमी नहीं रहती। 

आइए जानते हैं ब्रह्मवैवर्त पुराण में लिखी राधा अष्टमी व्रत कथा के बारे में विस्तार से और पढ़ते हैं राधा अष्टमी की व्रत कथा (Radha ashtami vrat katha).

 

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स्कंद षष्ठी व्रत कथा | Skanda sashti vrat katha

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Published on: Monday, Sep 9, 2024
Last Updated: Monday, Sep 9, 2024

Skanda sashti vrat katha: स्कंद षष्ठी के दिन भगवान शिव और माता पार्वती के बड़े पुत्र भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है। इस दिन पूजा के दौरान स्कंद षष्ठी की व्रत कथा भी पढ़ी जाती है। तो आइए पढ़ते हैं स्कंद षष्ठी की व्रत कथा।

शिव के सबसे बड़े पुत्र कार्तिकेय को सुब्रमण्य, मुरुगन और स्कंद के नाम से भी जाना जाता है। 

कार्तिकेय की पूजा मुख्य रूप से दक्षिण भारत में की जाती है। अरब में यजीदी समुदाय भी उनकी पूजा करता है, वे उनके मुख्य देवता हैं। उन्होंने उत्तरी ध्रुव के पास के क्षेत्र उत्तर कुरु के विशेष क्षेत्र में स्कंद नाम से शासन किया। स्कंद पुराण का नाम उनके नाम पर रखा गया है।

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संतान सप्तमी व्रत कथा | Santan saptami vrat katha

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Published on: Sunday, Sep 8, 2024
Last Updated: Sunday, Sep 8, 2024

संतान सप्तमी व्रत कथा ( Santan saptami vrat katha) पुत्र प्राप्ति और संतान की रक्षा के लिए सुनी जाती है। माताएं, संतान सप्तमी का व्रत रखती हैं, जो बच्चों की दीर्घायु के लिए विशेष माना जाता है। 

 

संतान सप्तमी व्रत कथा (Santan saptami vrat katha) - in Hindi

कथा के अनुसार प्राचीन काल में अयोध्यापुरी में नहुष नामक एक पराक्रमी राजा था। उस राजा की पत्नी का नाम चंद्रमुखी था। 

उसके राज्य में विष्णुदत्त नामक एक ब्राह्मण रहता था, जिसकी पत्नी का नाम रूपवती था। 

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સોમવતી અમાવસ્યા વ્રત કથા ગુજરાતીમાં | Somvati amavasya vrat katha in gujarati

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Published on: Monday, Sep 2, 2024
Last Updated: Monday, Sep 2, 2024

Somvati amavasya vrat katha in gujarati (સોમવતી અમાવસ્યા વ્રત કથા ગુજરાતીમાં):  સોમવતી અમાવસ્યા વ્રત કથાઃ સોમવતી અમાવસ્યાના દિવસે ભગવાન શિવની પૂજા કરવામાં આવે છે. એવું માનવામાં આવે છે કે જે વ્યક્તિ સોમવતી અમાવસ્યાનું વ્રત રાખે છે તેની બધી મનોકામનાઓ પૂર્ણ થાય છે. સાથે જ તેને અખંડ સૌભાગ્ય પ્રાપ્ત થાય છે. આ દિવસે સોમવતી અમાવસ્યા (સોમવતી અમાવસ્યા વ્રત કથા)ની કથા પણ વાંચવી જોઈએ.

 

સોમવતી અમાવસ્યા વ્રત કથા અહીં વાંચો.

 

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सोमवती अमावस्या व्रत कथा | Somvati amavasya vrat katha

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Published on: Monday, Sep 2, 2024
Last Updated: Monday, Sep 2, 2024

सोमवती अमावस्या व्रत कथा (Somvati amavasya vrat katha), सोमवती अमावस्या की कथा (somvati amavasya ki katha): सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। मान्यता है कि जो भी सोमवती अमावस्या का व्रत रखता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही उसे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन सोमवती अमावस्या की कथा (सोमवती अमावस्या व्रत कथा ) भी पढ़नी चाहिए। 

सोमवती अमावस्या व्रत कथा (Somvati amavasya vrat katha) यहां पढ़ें।

 

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16 सोमवार व्रत कथा | सोलह सोमवार व्रत कथा | Solah somvar vrat katha

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Published on: Saturday, Aug 31, 2024
Last Updated: Saturday, Aug 31, 2024

सोलह सोमवार व्रत कथा, Solah somvar vrat katha,16 सोमवार व्रत कथा  16 सोमवार का व्रत वैवाहिक जीवन की खुशहाली और मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए किया जाता है। मान्यता है कि अगर 16 सोमवार का व्रत श्रावण मास से शुरू किया जाए तो और भी फलदायी होता है। 

पौराणिक मान्यताओं में कहा जाता है कि 16 सोमवार का व्रत सबसे पहले स्वयं मां पार्वती ने शुरू किया था और अपनी कठोर तपस्या और व्रत के शुभ प्रभाव से उन्हें भगवान शिव पति के रूप में मिले थे।

 

16 सोमवार व्रत कथा | सोलह सोमवार व्रत कथा | Solah somvar vrat katha | 16 somvar vrat katha

 

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सोमवार व्रत कथा आरती | Somvar vrat katha aarti

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Published on: Saturday, Aug 31, 2024
Last Updated: Saturday, Aug 31, 2024

सोमवार व्रत कथा आरती, Somvar vrat katha aarti - हिंदू धर्म की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। मान्यता है कि सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। 

सोमवार व्रत कथा आरती | Somvar vrat katha aarti

सोमवार का व्रत दिन के तीसरे पहर तक किया जाता है। इस व्रत में फलाहार करने का कोई विशेष नियम नहीं है। 

इस व्रत में रात में केवल एक बार ही भोजन किया जाता है। व्रत में शिव और पार्वती की पूजा की जाती है। सोमवार के व्रत में पूजा के बाद कथा सुननी चाहिए।

 

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