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गणेश स्थापना विधि मंत्र सहित | Ganesh sthapana vidhi with mantra

Published By: Bhakti Home
Published on: Wednesday, Sep 4, 2024
Last Updated: Sunday, Sep 15, 2024
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Ganesh sthapana vidhi with mantra
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गणेश स्थापना विधि मंत्र सहित (Ganesh sthapana vidhi with mantra),गणेश स्थापना पूजा विधि (Ganesh sthapana puja vidhi)- अगर आप इस गणेश चतुर्थी पर अपने घर में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने जा रहे हैं तो आपको इन खास मंत्रों के साथ उनकी स्थापना करनी चाहिए। 

 

गणेश स्थापना विधि मंत्र सहित | Ganesh sthapana vidhi with mantra | गणेश स्थापना पूजा विधि | Ganesh sthapana puja vidhi

इस त्योहार में भगवान गणेश अपने भक्तों के घर अतिथि बनकर जाते हैं और भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार 1 से 11 दिनों तक भगवान गणेश को अपने घर में रखते हैं। लेकिन, अगर आप भगवान गणेश को अपने घर ला रहे हैं तो आपको उन्हें बहुत सावधानी से और पूरे मंत्र जाप के साथ स्थापित करना चाहिए। 

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आवाहन मंत्र

गणेश स्थापना विधि (Ganesh sthapana vidhi) में सबसे पहले भगवान गणेश का आह्वान करें और ऐसा करते समय इस मंत्र को कहें।

गजाननं भूतगणादिसेवितम कपित्थजम्बू फल चारू भक्षणं।

उमासुतम शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम।।

आगच्छ भगवन्देव स्थाने चात्र स्थिरो भव।

यावत्पूजा करिष्यामि तावत्वं सन्निधौ भव।।

प्राण प्रतिष्ठा मंत्र

आवाहन के बाद, गणेश स्थापना विधि (Ganesh sthapana vidhi) में आपको भगवान गणेश जी की प्राण प्रतिष्ठा करनी होगी। प्राण प्रतिष्ठा के लिए ये मंत्र कहें।

अस्यैप्राणाः प्रतिष्ठन्तु अस्यै प्राणा क्षरन्तु च।

अस्यै देवत्वमर्चार्यम मामेहती च कश्चन।।

 

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आसन मंत्र

अब गणेश जी को आसन पे बैठाना है। आसन के लिए ये मंत्र कहें और गणेश जी को आसन पे बिठाएं।

रम्यं सुशोभनं दिव्यं सर्व सौख्यंकर शुभम।

आसनं च मया दत्तं गृहाण परमेश्वरः।।

 

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स्नान मंत्र

आसन पर बिठाने के बाद गणेश जी को स्नान करवाना होगा। 

गणेश स्थापना विधि (Ganesh sthapana vidhi) में गणेश जी को जल , दूध, दही , घी , शहद और पंचामृत  से स्नान करवाएंगे।

जल स्नान - गणेश जी की मूर्ती को स्नान करवाएं। गणेश जी को स्नान कराते समय इस मंत्र को कहें। 

गंगा सरस्वती रेवा पयोष्णी नर्मदाजलै:।

स्नापितोSसी मया देव तथा शांति कुरुश्वमे।।

दूध स्नान - गणेश जी को दूध से स्नान कराएं।  गणेश जी को दूध से स्नान कराते समय इस मंत्र को कहें। 

कामधेनुसमुत्पन्नं सर्वेषां जीवन परम।

पावनं यज्ञ हेतुश्च पयः स्नानार्थं समर्पितं।।

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दही स्नान - गणेश जी को दही से स्नान कराएं। गणेश जी को दही से स्नान कराते समय इस मंत्र को कहें।

पयस्तु समुदभूतं मधुराम्लं शक्तिप्रभं।

ध्यानीतं मया देव स्नानार्थं प्रतिगृह्यतां।।

घी स्नान - गणेश जी को घी से स्नान कराएं। गणेश जी को घी से स्नान कराते समय इस मंत्र को कहें।

नवनीत समुत्पन्नं सर्व संतोषकारकं।

घृतं तुभ्यं प्रदास्यामि स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम।।।

शहद स्नान - गणेश जी को शहद से स्नान कराएं। गणेश जी को शहद से स्नान कराते समय इस मंत्र को कहें।

तरु पुष्प समुदभूतं सुस्वादु मधुरं मधुः।

तेजः पुष्टिकरं दिव्यं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम।।

पंचामृत स्नान - गणेश जी को पंचामृत से स्नान कराएं। गणेश जी को पंचामृत से स्नान कराते समय इस मंत्र को कहें।

पयोदधिघृतं चैव मधु च शर्करायुतं।

पंचामृतं मयानीतं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम।।

जल स्नान अंत में शुद्ध जल से स्नान कराएं और स्नान कराते समय इस मंत्र को कहें।

मंदाकिन्यास्त यध्दारि सर्वपापहरं शुभम।

तदिधं कल्पितं देव स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम।।


वस्त्र पहनाने का मंत्र

स्नान के बाद अब गणेश जी को  वस्त्र पहनाना होगा । गणेश जी को वस्त्र पहनाते समय इस मंत्र को कहें।

सर्वभूषाधिके सौम्ये लोक लज्जा निवारणे।

मयोपपादिते तुभ्यं वाससी प्रतिगृह्यतां।।

 

जनेऊ मंत्र

वस्त्र  के बाद अब गणेश जी को जनेऊ पहनाना होगा । गणेश जी को जनेऊ पहनाते समय इस मंत्र को कहें।

नवभिस्तन्तुभिर्युक्त त्रिगुण देवतामयम |

उपवीतं मया दत्तं गृहाणं परमेश्वर : ||

 

चन्दन चढ़ाने का मंत्र

जनेऊ के बाद अब गणेश जी के माथे पर चन्दन से टीका लगाएं । टीका लगाते समय इस मंत्र को कहें।

रक्त चन्दन समिश्रं पारिजातसमुदभवम।

मया दत्तं गृहाणाश चन्दनं गन्धसंयुम।।

 

रोली लगाने का मंत्र

चन्दन के बाद अब गणेश जी को रोली लगाएंगे । गणेश जी को रोली लगाते समय इस मंत्र को कहें।

कुमकुम कामनादिव्यं कामनाकामसंभवाम ।

कुम्कुमेनार्चितो देव गृहाण परमेश्वर्:।।

 

सिन्दूर चढ़ाने का मंत्र

रोली के बाद अब गणेश जी को सिन्दूर लगाएंगे । गणेश जी को सिन्दूर लगाते समय इस मंत्र को कहें।

सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्।

शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यतां।।

 

अक्षत चढ़ाने का मंत्र

सिन्दूर के बाद अब गणेश जी को चावल चढ़ायेंगे । गणेश जी को अक्षत चढ़ाते समय इस मंत्र को कहें।

अक्षताश्च सुरश्रेष्ठं कुम्कुमाक्तः सुशोभितः।

माया निवेदिता भक्त्या गृहाण परमेश्वरः।।

 

पुष्प चढ़ाने का मंत्र

अक्षत के बाद अब गणेश जी को पुष्प, फूल , माला चढ़ायेंगे । गणेश जी को पुष्प चढ़ाते समय इस मंत्र को कहें।

पुष्पैर्नांनाविधेर्दिव्यै: कुमुदैरथ चम्पकै:।

पूजार्थ नीयते तुभ्यं पुष्पाणि प्रतिगृह्यतां।।

 

बेल का पत्र चढ़ाने का मंत्र

पुष्प के बाद अब गणेश जी को बेल का पत्र चढ़ायेंगे । गणेश जी को बेल का पत्र चढ़ाते समय इस मंत्र को कहें।

त्रिशाखैर्विल्वपत्रैश्च अच्छिद्रै: कोमलै: शुभै:।

तव पूजां करिष्यामि गृहाण परमेश्वर :।।

 

दूर्वा चढ़ाने का मंत्र

भगवान गणेश को दूर्वा अत्यंत प्रिय है। गणेश जी को दूर्वा  चढ़ाते समय इस मंत्र को कहें।

त्वं दूर्वेSमृतजन्मानि वन्दितासि सुरैरपि।

सौभाग्यं संततिं देहि सर्वकार्यकरो भव।।

 

आभूषण चढ़ाने का मंत्र

अब भगवान गणेश को आभूषण पहनाएं और  इस मंत्र को कहें।

अलंकारान्महा दव्यान्नानारत्न विनिर्मितान।

गृहाण देवदेवेश प्रसीद परमेश्वर:।।

 

सुगंध तेल चढ़ाने का मंत्र

चम्पकाशोक वकु ल मालती मीगरादिभि:। 

वासितं स्निग्धता हेतु तेलं चारु प्रगृह्यतां।।

 

धूप दिखाने का मंत्र

वनस्पतिरसोदभूतो गन्धढयो गंध उत्तम :। 

आघ्रेय सर्वदेवानां धूपोSयं प्रतिगृह्यतां।।

 

दीप दिखाने का मंत्र

गणेश स्थापना विधि (Ganesh sthapana vidhi) में दीप दिखाते समय इस मंत्र को कहें ।

आज्यं च वर्तिसंयुक्तं वहिन्ना योजितं मया।

दीपं गृहाण देवेश त्रैलोक्यतिमिरापहम।।

 

मिठाई अर्पण का मंत्र

गणेश स्थापना विधि (Ganesh sthapana vidhi) में मिठाई अर्पण करने का मंत्र नीचे दिया गया है।

मिठाई अर्पित करते समय इस मंत्र का जाप करें।

शर्कराघृत संयुक्तं मधुरं स्वादुचोत्तमम। 

उपहार समायुक्तं नैवेद्यं प्रतिगृह्यतां।।

 

आरती का मंत्र

गणेश स्थापना विधि (Ganesh sthapana vidhi) में अंत में गणेश जी की आरती करते हैं। 

गणेश जी की आरती नीचे दी गयी है आरती करने के बाद इस मंत्र को कहें ।

चंद्रादित्यो च धरणी विद्युद्ग्निंस्तर्थव च। 

त्वमेव सर्वज्योतीष आर्तिक्यं प्रतिगृह्यताम।।

 

श्री गणेश जी की आरती

जय गणेश, जय गणेश,जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥ 

 

एकदन्त दयावन्त,चार भुजाधारी।

माथे पर तिलक सोहे,मूसे की सवारी॥ 

 

पान चढ़े फूल चढ़े,और चढ़े मेवा।

लड्डुअन का भोग लगे,सन्त करें सेवा॥

 

जय गणेश, जय गणेश,जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥ 

 

अँधे को आँख देत,कोढ़िन को काया।

बाँझन को पुत्र देत,निर्धन को माया॥ 

 

'सूर' श्याम शरण आए,सफल कीजे सेवा।

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥

 

दीनन की लाज राखो,शम्भु सुतवारी।

कामना को पूर्ण करो,जग बलिहारी॥ 

 

जय गणेश, जय गणेश,जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥

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