
सोमवती अमावस्या पूजा विधि (Somvati amavasya puja vidhi) - सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या (Somvati amavasya) के नाम से जाना जाता है। साल में 12 अमावस्या मनाई जाती हैं, जिसमें से भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि को सबसे खास माना जाता है।
इस दिन पितरों को तर्पण और पिंडदान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए सोमवती अमावस्या को विशेष माना जाता है।
सोमवती अमावस्या पूजा विधि और सामग्री | Somvati amavasya puja vidhi and samagri
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पितरों को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए सोमवती अमावस्या तिथि पर स्नान, दान संबंधी कार्य करने चाहिए, जिससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
भाद्रपद मास की अमावस्या को भादो अमावस्या या भादी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है
सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव की पूजा की जाती है। यहां जानिए सोमवती अमावस्या की पूजा विधि (Somvati amavasya puja vidhi), सामग्री, शुभ मुहूर्त, कथा, और उपाय।
सोमवती अमावस्या सामग्री | Somvati amavasya samagri
सोमवती अमावस्या की पूजा विधि सामग्री पहले से लेकर रख लें और सुनिश्चित कर लें की कोई भी सामान कम ना हो।
सोमवती अमावस्या पूजा विधि की सामग्री लिस्ट दी गयी है जो सरलता से मिल जाती है।
- धूप, दीप, फल, फूल, घी, नैवेद्य
- एक चौकी
- लाल या पीला कपड़ा
- हल्दी, कुमकुम और रोली
- गंगाजल, पंचामृत
- यज्ञोपवीत, सफेद वस्त्र
- फूल, फल
सोमवती अमावस्या पूजा विधि | Somvati amavasya puja vidhi
- सोमवती अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी काम निपटाकर स्नान करें। इस दिन गंगा स्नान अवश्य करें। अगर आप नदी में स्नान नहीं कर सकते तो घर पर नहाने के पानी में थोड़ा गंगाजल मिला लें।
- स्नान के बाद सूर्य देव को जल चढ़ाएं।
- फिर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। हो सके तो इस दिन शिव मंदिर जाएं।
- इस दिन अपनी क्षमता के अनुसार दान करें।
- आप अपने पितरों की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध भी कर सकते हैं।
- इस दिन विवाहित महिलाएं पीपल के पेड़ की पूजा करती हैं।
- पीपल के पेड़ पर दूध, जल, फूल, चावल, चंदन आदि चढ़ाए जाते हैं और पेड़ के चारों ओर 108 बार धागा लपेटकर परिक्रमा की जाती है।
- कुछ अन्य परंपराओं में इस दिन भंवरी देने का भी प्रावधान है।
- तुलसी के पेड़ पर धान, पान और हल्दी का चूर्ण मिलाकर चढ़ाया जाता है।
सोमवती अमावस्या का महत्व | Somvati amavasya significance
- सोमवती अमावस्या के दिन सूर्योदय से पहले नदी में स्नान करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
- सोमवती अमावस्या के दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए भोलेनाथ की पूजा करती हैं
- सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें और जल चढ़ाएं। ऐसा करने से आपको त्रिदेवों का आशीर्वाद मिलेगा।
- सोमवती अमावस्या के दिन तर्पण और दान करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद मिलता है।
- इतना ही नहीं, यह दिन काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए भी खास है।
- सोमवती अमावस्या के दिन जरूरतमंद लोगों को भोजन दान करना चाहिए।
Also read
सोमवती अमावस्या पर क्या दान करना चाहिए | Somvati amavasya par kya daan karna chahiye
सोमवती अमावस्या के 7 उपाय | Somvati amavasya ke upay
Somvati amavasya in english | fast | significance | items
सोमवती अमावस्या व्रत विधि, सामग्री और मंत्र | Somvati amavasya vrat vidhi
सोमवती अमावस्या की शुभकामनाएं | Somvati amavasya wishes in hindi
पितृ दोष के लिए अमावस्या पर क्या करें | Somvati amavasya upay for pitra dosh